Fatehpur UP News:फतेहपुर में बेसक़ीमती शत्रु सम्पत्ति पर हिन्दू शरणार्थियों का हक़ लेक़िन अवैध कब्ज़ा मुस्लिम अधिवक्ता का
यूपी के फतेहपुर ज़िले की खागा तहसील क्षेत्र के ऐराया विकास खण्ड अर्न्तगत मंडवा गांव में बेशकीमती शत्रु सम्पत्ति (Enemy Property In Fatehpur) पर हुए अवैध कब्ज़े की शिकायत जिलाधिकारी से की गई है.डीएम ने पूरे मामले की जाँच के आदेश दिए हैं. Fatehpur News

Fatehpur UP News:फतेहपुर ज़िला की शत्रु सम्पत्ति (Enemy Property In Fatehpur) पर खागा तहसील के अधिवक्ता अबुलफरह के द्वारा किए गए अवैध कब्ज़े का खुलासा अंतराष्ट्रीय मीडिया के लिए पत्रकारिता कर रहे मोहम्मद सरताज आलम (Journalist Sartaj Alam) द्वारा किया गया है।Fatehpur News
इस मामले की तह तक जाने के लिए उन्होंने सबसे पहले ज़मीन के दस्तावेज़ की सर्टीफाई कॉपी निकाली उसके बाद फतेहपुर डीएम (Fatehpur DM News) से मिल कर इस घोटाले से अवगत कराया।जिसके तहत डीएम फतेहपुर ने मामले पर जांच बैठा दी है।पत्रकार का दावा है कि इस सम्पत्ति पर अबुलफरह के अवैध कब्ज़े के कारण सरकार को लाखों रुपये के रेवेन्यू का घाटा हो रहा है। Fatehpur News
क्या है पूरा मामला?
पूरे मामले पर युगान्तर प्रवाह से बातचीत करते हुए पत्रकार सरताज बताते हैं कि-"भारत की आज़ादी से पूर्व अब्दुल सुभान सारंग नाम के ज़मीनदार ऐरायां ब्लॉक के मंडवा गांव के निवासी थे। उनके चार बेटों में से तीन बेटे आज़ादी पश्चात ही पाकिस्तान चले गए, जिनमें एक का नाम था मोहम्मद फारूक है।जब वह पाकिस्तान गए तब उनकी उम्र लगभग 16 वर्ष थी।लेकिन उनके नाम पर बहुत बड़ी सम्पत्ति मंडवा गांव के इर्दगिर्द विभिन्न ग्रामसभाओं में मौजूद थी।Fatehpur UP News
जबकि ये सम्पति भारत सरकार के अधीन 'कस्टूडियन ऑफ एनमी प्रॉपर्टी' के अंतर्गत होनी चाहिए थी।जिसे कस्टूडियन द्वारा आज़ादी पश्चात पाकिस्तान से भारत आए हिंदू भाइयों को दिया जाना था।लेकिन किसी कारणवश ये सम्पत्ति कस्टूडियन को हैंडओवर नहीं हूई।Fatehpur News
सरताज के मुताबिक सम्पत्ति कस्टूडियन के हवाले न होने की जानकारी अस्सी के दशक में ऐरायां ब्लॉक क्षेत्र के मोहम्मदपुर गौंती ग्राम सभा निवासी अधिवक्ता अबुलफरह के भाई अबूसूफियान उर्फ सुलतान आलम को हूई।जो मंडवा गांव के आसपास की ग्रामसभा में सिंचाई विभाग में ट्यूबवेल ऑप्रेटर रहे हैं।दोनो ज़मीन पर कब्ज़ा करने के फिराक में साज़िश करने लगे।इस साज़िश के तहत अस्सी के दशक में सबसे पहले अधिवक्ता अबुलफरह पाकिस्तान गया।जहां उसने जानकारी हासिल की कि मोहम्मद फारूक पाकिस्तान में रहते हैं, जो वापस भारत नहीं आएंगे, इस बात से संतुष्ट होकर अधिवक्ता अबुलफरह वापस भारत आया। Fatehpur Latest News
भारत आने के बाद अधिवकता अबुलफरह ने अपनी शादी अपने भाई सुलतानआलम की मदद से टाटानगर के नाम से मशहूर जमशेदपुर (पहले बिहार था लेकिन अब झारखंड है) निवासी मुनीर अहमद की बेटी अनवरी बेगम से की।"Fatehpur Enemy property
पत्रकार सरताज बताते हैं कि दूसरे राज्य की महिला से अधिवक्ता की शादी के पीछे सुलतान आलम का एक ख़ास मकसद था।दरअसल दूसरे राज्य (बिहार) की पत्नी लाने से गौंती ग्राम सभा (उत्तरप्रदेश) में कोई शक नहीं करेगा और इसी का लाभ उठाते हुए अधिवक्ता ने आज़ादी पश्चात ही पाकिस्तान जा चुके मोहम्मद फारूक की सम्पत्ति को अपनी बिहार निवासी पत्नी अनवरी बेगम के नाम एक फर्ज़ी वसीयत में मोहम्मद फारुख की नातिन दिखाते हुए अस्सी के दशक में उसके नाम करवा लिया। Enemy Property In Fatehpur
क्या है शत्रू सम्पत्ति?
संक्षेप में समझें तो शत्रु संपत्ति का सीधा सा मतलब है शत्रु की संपत्ति।दुश्मन की संपत्ति। फर्क बस इतना है कि वो दुश्मन किसी व्यक्ति का नहीं मुल्क का है। जैसे पाकिस्तान ,1947 में भारत-पाकिस्तान का बंटवारा हुआ। जो लोग पाकिस्तान चले गए वो अपना सब कुछ तो उठाकर नहीं ले गए, बहुत कुछ पीछे छूट गया, जैसे घर-मकान, हवेलियां-कोठियां, ज़मीन-जवाहरात, कंपनियां वगैरह-वगैरह। ऐसी सम्पत्ति पर हक पाकिस्तान से भारत आए हिंदू शरणार्थियों का है जिसकी कस्टूडियन भारत सरकार के अधीन 'कस्टूडियन ऑफ एनमी प्रॉपर्टी' है। Fatehpur Shatru Sampati
मामले का खुलासा कैसे हुआ..
पत्रकार सरताज ने बताया कि दरअसल जब फर्ज़ी वसीयत की जांच की गई तो उसमें पाया गया कि मोहम्मद फारूक की कोई औलाद नहीं है। वह मोहम्मदपुर गौंती नामक गांव में अधिवक्ता अबुलफरह के घर में रहते हैं और उनकी देखभाल अधिवक्ता की पत्नी अनवरी बेगम ने की। इस लिए मृत्यु पश्चात मोहम्मद फारूक की सम्पत्ति की वारिस अधिवक्ता की पत्नी अनवरी बेगम होंगी।Fatehpur News
सरताज आगे कहते हैं कि लेकिन उसी वसीयत के लिए दी गई गवाही में लिखा था कि अधिवक्ता अबुलफरह की पत्नी अनवरी बेगम मोहम्मद फारूक की लड़की की लड़की यानी नातिन हैं। जबकि सच्चाई ये है कि अनवरी बेगम का जन्म, शिक्षा और सरकारी विद्यालय में शिक्षिका की नौकरी से सेवानिवृत्ति जमशेदपुर झारखंड में हूई है, उनका उत्तरप्रदेश से मात्र सुसराल भर का नाता है जहां वह कभी रही नहीं।Fatehpur News Today
ऐसे में वह पाकिस्तान जा चुके मोहम्मद फारूक की नातेदार किसी भी हालत में नहीं हो सकतीं। पाकिस्तान जा चुके मोहम्मद फारूक की जाति अंसारी थी जबकि अबुलफरह और उसकी जमशेदपुर निवासी पत्नी अनवरी बेगम की जाति शेख है। Fatehpur Latest News
मंडवा गांव के लोग कहते हैं कि मोहम्मद फारूक जब पाकिस्तान गए तब उनकी शादी भी नहीं हूई थी, ऐसे में अधिवक्ता अबुलफरह की पत्नी अनवरी बेगम उनकी नातिन नहीं हो सकतीं।जब वह झारखंड राज्य के जमशेदपुर स्थित कबीर मेमोरियल स्कूल में अध्यापिका थीं तब वह किस आधार पर मोहम्मद फारूक की तीमारदारी उत्तरप्रदेश के फतेहपुर जिला स्थित मोहम्मदपुर गौंती गांव में रह कर सकती थीं?Fatehpur News
दरअसल वसीयत में दर्ज दो अलग बात 'अनवरी बेगम मोहम्मद फारूक की नातिन' व 'मोहम्मद फारूक की कोई औलाद नहीं थी' को ध्यान में रख कर पत्रकार मोहम्मद सरताज आलम ने फतेहपुर की डीएम से इसकी शिकायत कर पूरे मामले की जांच के लिए प्रार्थना पत्र दिया है।Fatehpur UP News
उन्होंने जिलाधिकारी को बताया कि वसीयत फर्ज़ी है और जिस मोहम्मद फारूक का ज़िक्र वसीयत में किया जा रहा है वह मोहम्मद फारूक देश की आज़ादी पश्चात पाकिस्तान चले गए थे।जिस पर संज्ञान लेते हुए डीएम फतेहपुर ने पूरे मामले की जांच बैठा दी है।Fatehpur News
जब पत्रकार मोहम्मद सरताज आलम से पूछा गया कि आपने ये शत्रू सम्पत्ति पर अधिवक्ता अबुलफरह द्वारा अवैध कब्ज़े का खुलासा क्यों किया तो उन्होंने कहा कि मैंने वह किया जो सत्तर साल में बहुत पहले ही हो जाना चाहिए था, इस सम्पत्ति पर जिस हिंदू शरणार्थी भाई का हक है उसे मिलना चाहिए था या फिर सरकार इस सम्पत्ति के लाखों रुपये प्रति वर्ष के रिवेन्यू से क्षेत्र में कई विकास कार्य कर सकती है।Fatehpur UP News
वह आगे कहते हैं कि दरअसल जिस ज़मीन पर अबुलफरह ने कब्ज़ा किया उसमें लगी बाग में 180 चौंसा व दशहरी आम के पेड़ हैं।यदि हर वर्ष एक पेड़ में दस क्विंटल आम होता है तो कुल आम 1800 क्विंटल प्रतिवर्ष वह बेचते हैं।Fatehpur News
जिसकी इनकम बीस रुपए किलो के रेट से सीधे तौर पर लगभग छत्तीस लाख रुपये सालाना होगी।इस इनकम पर पहले तो पाकिस्तान से भारत आए हुए हिंदू शरणार्थियों का हक है।इस इनकम से उनका भरणपोषण हो सकता है।Fatehpur Enemy property News
यदि हिंदू शरणार्थी नहीं हैं तो इस इनकम से मंडवा क्षेत्र के विकास में मदद मिल सकती है।मैं तो सरकार से अनुरोध करता हूं कि अधिवक्ता अबुलफरह, सुलतानआलम एवं उसके अन्य भाइयों के नाम पर जितनी सम्पत्ति है उसकी जांच होनी चाहिए ताकि अवैध सम्पत्ति से पर्दा उठ सके और सम्पत्ति पर जिसका हक है उसे मिल सके।Fatehpur News
स्पष्टीकरण-यह स्टोरी हमारे लिए पत्रकार सरताज आलम ने भेजी है।किए जा रहे दावे की पुष्टि युगान्तर प्रवाह नहीं करता है..