Fatehpur Gaushala News:फतेहपुर की गौशाला में तड़प तड़प मर रहे गौवंश बजरंग दल के साथ ग्रामीणों का हंगामा जिम्मेदारों पर दर्ज हुआ मुकदमा
फतेहपुर की गौशालाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार दिनों दिन बढ़ता जा रहा है.आरोप है कि जिम्मेदार मवेशियों के हिस्से की रक़म (चारा, दाना, आदि के लिए) स्वयं डकार रहें हैं. शनिवार को बहुआ विकास खण्ड के फतेहनगर करसूमा ग्राम सभा की लक्ष्मणपुर गौशाला में जमकर हंगामा हुआ.पढ़ें पूरी ख़बर. Fatehpur Gaushala News fatehnagar karsuma nandi gaushala
Fatehpur News:गौवंश संरक्षण को लेकर योगी सरकार द्वारा प्रदेश भर में स्थापित कराई गईं गौशालाओ में भ्रष्टाचार चरम पर है.सरकार के पूरे पांच साल बीतने को है औऱ ठीक दो महीने बाद नई सरकार का गठन होगा.लेकिन भ्रष्टाचार में आकंठ डूब चुके मातहतों के चलते गौवंशों का संरक्षण तो दूर उल्टा उनकी औऱ भी ज्यादा दुर्दशा हो गई. Fatehpur Fatahngar Karsuma News
ताजा मामला गाजीपुर थाना क्षेत्र के बहुआ विकास खण्ड अन्तर्गत आने वाले फतेहनगर करसूमा की लक्ष्मणपुर गौशाला का है जहाँ शनिवार को ग्रामीणों ने गौवंशों की दुर्दशा पर हल्ला बोल दिया.सूचना पर विहिप औऱ बजंरग दल के पदाधिकारी व कार्यकर्ता भी पहुँच गए.Fatehpur Laxmanpur Gaushala News
गौशाला में न तो गौवंश को इस भीषण ठंड में बचाने की व्यवस्था है और न ही उनके लिए पर्याप्त चारा,दाना नतीज़न मवेशी भूख औऱ ठंड से तड़प तड़पकर मर रहें हैं.आरोप है कि पंचायत सचिव औऱ ग्राम प्रधान तड़प रही जिंदा गायों को वहीं दफना दे रहें हैं.
ग्रामीणों औऱ विहिप के हंगामे के बाद मौक़े पर अफ़सर भी पहुँचें.जिसके बाद खण्ड विकास अधिकारी (बीडीओ) की तहरीर पर ग्राम प्रधान कलावती, सचिव ललित गौतम और सुपरवाइजर सुरेश पर मुकदमा दर्ज हुआ है. साथ ही सीडीओ ने पूरे प्रकरण में बीडीओ से जवाब तलब किया है.
ग्रामीणों की सूचना पर विहिप जिलाध्यक्ष डॉ.विजय शंकर मिश्रा,गौवंश संरक्षण प्रमुख शानू सिंह, बजरंग दल के आनंद तिवारी, धनपत मौर्य आदि पहुँचें थे.हिन्दू संगठनों ने गौवंशों की दुर्दशा पर भारी रोष व्यक्त किया.और हंगामा करने लगे.
जिसके बाद मौके सीडीओ सत्यप्रकाश,नायाब तहसीलदार विकास पांडेय व भारी पुलिस बल पहुँचा.सीडीओ ने भरोसा दिलाया कि जिम्मेदारों पर कठोर कार्यवाई की जाएगी जिसके बाद लोग शांत हुए.
बता दें कि फतेहपुर ज़िले का हाल बहुत बुरा है, यहाँ गौशालाओं में गौवंशों की दुर्दशा की खबरें हमेशा से आती रहीं हैं.बावजूद इसके अधिकारी अपनी कमियों को दूर करने के बजाए डरा धमकाकर इन पर परदा डालने का कुत्सित प्रयास करते रहें हैं.
तत्कालीन जिला अधिकारी संजीव कुमार सिंह के समय तो ज़िले की गौशालाओ में भ्रष्टाचार की खुली छूट हो गई थी.लेकिन मौजूदा जिलाधिकारी अपूर्वा दुबे के आने के बाद गौशालाओं की स्थिति में सुधार हुआ था.लेकिन उनकी सख़्ती ज्यादा दिन चल न सकी औऱ गौवंशो के हिस्से की रक़म जिम्मेदार फ़िर हड़पने लगे.