
Fatehpur News: फतेहपुर का नाली विवाद पहुंचा हाईकोर्ट ! क्षेत्रीय विधायक ने लगाई अपनी प्रतिष्ठा, पूरा गांव बना छावनी
फतेहपुर मर्दनपुर नाली विवाद हाईकोर्ट
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) का एक नाली विवाद इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गया है. जनहित याचिका को संज्ञान में लेते हुए कोर्ट ने सीधे जिलाधिकारी से दो सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है. विधायक निधि से बिना नाली के बनी रोड पर क्षेत्रीय विधायक ने अपनी प्रतिष्ठा लगा रखी है. मामला गाजीपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत मर्दनपुर गांव का है जहां देखते ही देखते पूरी गांव छावनी में तब्दील हो गया.

Fatehpur News: यूपी के फतेहपुर में बिना नाली के बनी विधायक निधि से रोड का विवाद इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad Highcourt) पहुंच गया है. जनहित याचिका (PIL) को संज्ञान में लेते हुए कोर्ट ने सीधे जिलाधिकारी से दो सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है. क्षेत्रीय विधायक का दबाव और कोर्ट के अधर में फंसे जिले के आला अधिकारी पीएसी और कई थानों की फोर्स के साथ मंगलवार को गाजीपुर थाना अंतर्गत मर्दनपुर गांव पहुंच गए. इतना ही नहीं अधिकारी अपने साथ कई राजगीर लेबर वर्ग और रोड निर्माण का सामान भी लेकर पहुंचे. देखते ही देखते पूरा गांव छावनी में तब्दील हो गया.
यादव बहुल गांव में लगी क्षेत्रीय विधायक की प्रतिष्ठा
फतेहपुर के बहुआ ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम पंचायत धनसिंहपुर के मजरे मर्दनपुर में विधायक निधि से आरईएस ने 45 मीटर सीसी रोड का निर्माण कराया था. आरईएस (RES) ने रोड निर्माण कराते हुए उसे मौजूदा स्थिति से लगभग 6 इंच ऊंचा कर दिया और 20 मीटर सीसी रोड को बिना नाली निर्माण के ही बना डाला जिससे आसपास के लोगों के लिए घरेलू जल निकासी और जल भराव की स्थिति उत्पन्न हो गई.

गांव के लोगों ने और ग्राम प्रधान ने प्रशासनिक स्तर पर कई बार इसकी शिकायत भी लेकिन लोगों की समस्या का निदान नहीं किया. ग्राम प्रधान पति रमेश यादव बताते हैं कि 4 मई 2023 को जब क्षेत्रीय विधायक विकास गुप्ता जब सीसी रोड का लोकार्पण करने आए थे तो उनसे कहा भी गया था कि रोड में 20 मीटर नाली निर्माण नहीं किया गया है साथ ही इसे काफी ऊंचा कर दिया गया है जिससे जल भराव की स्थिति बन रही है इसके बाउजूद भी नाली निर्माण कराया गया.
इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर की गई जनहित याचिका
फतेहपुर के प्रशासनिक अधिकारियों की हीलाहवाली के चलते मर्दनपुर गांव का नाली विवाद पहुंचा इलाहाबाद हाईकोर्ट. मुख्य याचिकाकर्ता अजीत सिंह ने इस प्रकरण में दायर की जनहित याचिका (PlN). युगान्तर प्रवाह से बातचीत करते हुए अजीत बताते हैं कि गांव की जल भराव की स्थिति से प्रशासनिक स्तर पर कोई मदत नहीं की गई.
जनहित याचिका दायर करने के बाद डीआरआरओ ने हाईकोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए बिना कुछ कार्यवाही किए बिना ही समस्या के निस्तारण की रिपोर्ट आख्या लगा दी गई जिसकी वजह से 5 जनवरी 2024 को हाईकोर्ट में रिपिटीशन दायर किया गया. कोर्ट ने 8 मीटर नाली को बनाते हुए जल भराव की स्थिति को दूर करते हुए जिलाधिकारी से दो सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है. अजीत कहते हैं कि कोर्ट के दिशा निर्देश को धता बताते हुए 30 जनवरी को जिले के अधिकारी बड़ी संख्या में गांव पहुंचे उनके साथ एक गाड़ी पीएसी कई थानों की पुलिस सीओ भी थे.
जल भराव की जगह छोड़ 80 फुट दूर जबरन डाला पाइप
मर्दनपुर गांव पहुंची टीम ने जल भराव की जगह कुछ ना करते हुए विपरीत दिशा में 80 फुट दूर रोड को तोड़ते हुए जबरन पाइप लाइन डाली गई. अजीत कहते हैं कि प्रशासन क्षेत्रीय विधायक के दबाव में काम कर रहा है.जहां पाइप डाला गया है वहां से समस्या का निदान नहीं हो सकता है.

उन्होंने कहा कि आला अधिकारी ने मुझसे मेरी समस्या भी पूछना गवारा नहीं समझा. गांव की गरीब महिला पार्वती पत्नी गुद्दी ने इसका विरोध किया महिला चिल्लाकर कहती रही की इधर से पानी कभी नहीं गया ना जायेगा इतना कहते हुए वो पाइप लाइन पर लेट गई जिसको जबरन प्रशासन ने उठाकर बाहर कर दिया और पाइप डालकर चले गए.
मुख्यमंत्री से की गई विधायक की शिकायत
मर्दनपुर गांव के पीड़ित अजीत सिंह पुत्र रामफल, राजेंद्र सिंह पुत्र बड़ेलाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आईजीआरएस के माध्यम से जिले के आधा अधिकारी और क्षेत्रीय विधायक की शिकायत की है. अजीत कहते हैं कि कोर्ट के निर्देश के बाउजूद आदेशों की धज्जियां उड़ाई गईं हैं. उन्होंने कहा कि आरईएस के अधिशाषी अभियंता कहते हैं कि ऐसी सैकड़ों याचिकाओं का सामना हमको करना पड़ता है यहां होगा वही जो हम चाहेंगे. आपको बतादें की इस ख़बर में विधायक विकास गुप्ता का बयान नहीं है यदि उनकी तरफ से इस संबंध में कोई बयान दिया जाता है तो उसको यहां दर्ज किया जायेगा
