Fatehpur News: जज्बा! ढाई फुट के प्रदीप शर्मा देंगे यूपी बोर्ड की परीक्षा, राइटर छात्र की तलाश बनी चुनौती
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में होने वाली यूपी बोर्ड (UP Board) परीक्षा के लिए दसवीं में पढ़ने वाले ढाई फुट के दिव्यांग प्रदीप शर्मा ने भी अपनी कमर कस ली है. उनके हौसले और जज्बे को देख सभी आश्चर्य चकित हैं वहीं उनके सामने राइटर को लेकर एक समस्या खड़ी हो गई. पढ़ें युगान्तर प्रवाह की एक रिपोर्ट..

Fatehpur UP Board News: यूपी बोर्ड परीक्षा में हर साल लाखों छात्र शामिल होते हैं, लेकिन कुछ कहानियां ऐसी होती हैं जो प्रेरणा बन जाती हैं. जिले के शिवभजन सिंह इंटर कॉलेज, शिवपुरी में पढ़ने वाले 19 वर्षीय दिव्यांग छात्र प्रदीप कुमार शर्मा का हौसला कुछ ऐसा ही है.
महज ढाई फुट की लंबाई वाले प्रदीप अपने सपनों को ऊंचाई देने के लिए बोर्ड परीक्षा देने जा रहे हैं, लेकिन उनके सामने एक अनोखी चुनौती खड़ी हो गई.
लेखक छात्र के अंकों की शर्त बनी परीक्षा में बाधा
फतेहपुर (Fatehpur) में 114 परीक्षा केंद्रों पर 24 फरवरी से यूपी बोर्ड (UP Board) की परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी. इसके लिए प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद हो चुका है. नकल विहीन परीक्षा के लिए किसी भी प्रकार की कोर कसर नहीं छोड़ी गई है. शासन की गाइडलाइंस के अनुसार प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है.
शनिवार को जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पहुंचे शिवभजन सिंह इंटर कॉलेज, शिवपुरी के दसवीं के दिव्यांग छात्र प्रदीप शर्मा (19) को अपने राइटर के लिए अनुमति चाहिए थी. ढाई फुट की लंबाई और छोटे हाथों की वजह से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
आपको बतादें कि शासन की गाइडलाइंस के अनुसार, दिव्यांग परीक्षार्थियों को उत्तर पुस्तिका लिखने के लिए एक लेखक छात्र (स्क्राइब) की अनुमति दी जाती है, लेकिन उसकी योग्यता पर भी नियम लागू होते हैं. प्रदीप के लेखक छात्र के 60 फीसदी अंक होने के कारण अनुमति निरस्त कर दी गई.
क्या प्रदीप शर्मा दे पाएंगे दसवीं के एग्जाम?
यूपी बोर्ड की परीक्षा देने के जज्बे को देख कार्यालय में मौजूद सभी लोग आश्चर्य चकित हो गए लेकिन शासन की गाइडलाइंस के आगे सभी मजबूर दिखे. डीआईओएस (जिला विद्यालय निरीक्षक) राकेश कुमार बताते हैं कि, यूपी बोर्ड के नियमों के अनुसार, दिव्यांग परीक्षार्थी के लिए चयनित लेखक छात्र के अंक 45 फीसदी से कम होने चाहिए और वह उच्च कक्षा का नहीं होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही स्क्राइब का सत्यापन संबंधित विद्यालय से होना भी अनिवार्य होता है तभी अनुमति दी जा सकती है. डीआईओएस ने प्रदीप से कहा कि अगर समय रहते आप गाइडलाइंस के अनुरूप छात्र को लेकर आते हैं तो अनुमति प्रदान कर दी जाएगी.