Etah News: पहले जीते जी करायी 'तेरहवीं' ! दो दिन बाद अचानक हो गयी मौत, जानिए क्या है यह अजीबोगरीब घटना?
एटा में पहले हुई तेरहवीं फिर मौत
उत्तर प्रदेश के एटा (Etah) से बेहद अजीबोगरीब और हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है. दो दिन पहले खुद की मृत्यु भोज (तेरहवीं संस्कार) (Thirteenth Rites) कराने वाले व्यक्ति की सच मे मौत (Death) हो गयी है. अब इस घटना के बाद इलाके में सनसनी (Sensation) फैल गयी है और खूब चर्चा भी हो रही है कि क्या उसे अपनी मौत का आभास था.
पहले तेरहवीं बाद में मौत
अक्सर हमारे हिन्दू धर्म (Hindu Religion) में जब किसी की मृत्यु (Death) हो जाती है तो उसका विधि-विधान से क्रिया कर्म कर 13वें दिन तेरहवीं (Thirteenth Rites) की जाती है. क्या कभी आपने सुना है कि मौत से पहले ही कोई अपनी तेरहवीं कर डाले अब आप सोच रहे होंगे ऐसा कैसे हो सकता है. एक ऐसा ही बेहद हैरान कर देने वाला मामला एटा जिले से आया है यहां रहने वाले हाकिम सिंह (Hakim Singh) ने जीते जी हँसते-हँसते अपना क्रिया-कर्म करवाया.
उसके इस तेरहवीं संस्कार (Thirteenth Rites) कार्यक्रम में सैकड़ो लोग आए थे, यही नहीं उसने जो यह कार्य कराया उसके दो दिन बाद सच में उसकी मौत (Death) हो गयी. अब उसकी मौत इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है. सब लोगों का यही कहना है कि इतनी जल्दी वह दुनिया को अलविदा कह देगा यह विश्वास नहीं था दो दिन पहले तक वह व्यक्ति पूरी तरह से स्वस्थ था.
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के एटा निवासी हाकिम सिंह ने 15 जनवरी को हिंदू रीति रिवाज (Hindu Rituals) के साथ अपने जीते जी खुद का क्रिया कर्म पिंडदान और तेरहवीं करवाई थी, इसके पीछे उनका मकसद यह था कि उनके परिवार वालों से उनका भरोसा उठ गया है उन्हें ऐसा लगता था कि उनके मरने के बाद पता नहीं उनके परिवार वाले उनका क्रिया कर्म करेंगे भी या नहीं इसलिए उन्होंने सारी क्रियाएं अपने जिंदा रहते ही कर डाली.
लेकिन भगवान की भी ऐसी लीला रही कि दो दिन बाद उनका निधन हो गया. जिसने भी इस घटना को सुना वह सन्न रह गया. अब इस घटना के बाद लोग तरह-तरह की बातें भी कर रहे हैं कुछ लोग तो ऐसा भी कह रहे हैं कि उन्हें अपनी मौत का पहले सही आभास हो गया था फिलहाल उनकी मौत के बाद शव का अंतिम संस्कार भी करा दिया गया है.
दो दिन पहले अपनी तेरहवीं का कराया भोज
मौत के 2 दिन पहले यानी 15 जनवरी के दिन उन्होंने गांव भर के करीब 800 लोगों को अपनी तेरहवीं (Thirteenth Rites) का निमंत्रण कार्ड भेजा था. जिसमें उनके परिजन भी शामिल थे. हिंदू रीति-रिवाज (Hindu Rituals) के साथ सारे कार्यक्रम पूरे किए गए लेकिन फिर 2 दिन बाद उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया. पहले तो लोगों को ऐसा लगा कि हकीम सिंह की बढ़ती उम्र की वजह से बहकी बहकी बातें कर रहे हैं लोगों के समझाने के बावजूद उन्होंने कहा कि उन्हें अपना तेहरवीं संस्कार करवाना है जिसका खर्चा भी वह अपनी जेब से ही करेंगे फिर क्या था उनकी जिद के आगे सभी को झुकना पड़ा और इस तेहरवीं भोज कार्यक्रम को संपन्न कराया गया.
परिवार से थे परेशान इसलिए करवाई अपनी तेरहवीं
जानकारी के मुताबिक हाकिम सिंह (Hakim Singh) ने बिहार की रहने वाली युवती के साथ शादी हुई थी लेकिन कुछ ही समय बाद वह उन्हें छोड़कर अपने घर चली गई थी ऐसे में उनकी कोई संतान भी नहीं थी उन्होंने यह भी बताया कि उनकी जमीन और मकान पर उनके परिजनों ने कब्जा कर लिया था. जिससे वह काफी परेशान रहने लगे थे यही नहीं उनके साथ कई बार मारपीट भी की जाती थी उनके साथ हुई इतनी घटनाओं की वजह से वह काफी मायूस और हताश रहने लगे थे.
इसलिए उनके मन में आया कि वहां जीते जी अपना क्रिया कर्म करवा दे नहीं तो उनके मरने के बाद उनके परिजन विधि विधान से कुछ भी नहीं करेंगे. लेकिन किसी को यह नहीं पता था कि उनकी यह सोच सच में तब्दील हो जाएगी हालांकि यह घटना जितनी हैरान कर देने वाली है उतनी ही भावुकता से भरी हुई है क्योंकि जीते जी खुद का क्रिया कर्म करने का मतलब है कि वह व्यक्ति मानसिक रूप से कितना प्रताड़ित होगा.