Up News: यूपी में कानून व्यवस्था की समीक्षा अब जिलाधिकारी के हाथों में, CM डैशबोर्ड में होगी ग्रेडिंग और रैंकिंग
उत्तर प्रदेश शासन ने यूपी में अब कानून व्यवस्था को लेकर समीक्षा बैठक के सम्बंध में पुनः पुरानी व्यवस्था को बहाल करने का शासनादेश जारी किया है. यह आदेश मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा समस्त जिलों में भेज दिए हैं.अब 68 जिलों में पुरानी व्यवस्था के तहत डीएम की अध्यक्षता में कानून व्यवस्था व समीक्षा बैठक आयोजित पुलिस लाइन में की जाएगी.जबकि जहां पुलिस कमिश्नरेट लागू है वहाँ पुलिस आयुक्त ही समीक्षा करेंगे.

हाईलाइट्स
- उत्तर प्रदेश शासन का शासनादेश जारी,डीएम करेंगे कानून व्यवस्था की समीक्षा
- जिन जिलों में पुलिस कमिश्नरेट लागू है वहां समीक्षा पुलिस आयुक्त करेंगे
- सीएम डैशबोर्ड में समस्त कार्यो की समीक्षा की रैंकिंग व ग्रेडिंग की जाएगी
DM will review law and order in all the districts : पहले की तरह उत्तर प्रदेश शासन ने जिले की कानून व्यवस्था की समीक्षा की अध्यक्षता डीएम को दी है.पुरानी व्यवस्था को शासन ने बहाल कर दिया है.यानी 75 जिलों के इस प्रदेश में जिलाधिकारी 68 जिलों की कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक करेंगे.जबकि बचे 7 जिलों की अध्यक्षता पुलिस आयुक्त करेंगे.जिसके बाद शासन स्तर पर मॉनिटरिंग करते हुए कानून व्यवस्था ,विकास कार्यों के मूल्यांकन और निगरानी बराबर ग्रेडिंग और रैंकिंग भी तय की जाएगी.
डीएम करेंगे कानून व्यवस्था की समीक्षा,7 जिलों में पुलिस आयुक्त करेंगे समीक्षा
योगी सरकार ने जिलों में कानून व्यवस्था की समीक्षा को लेकर पुरानी व्यवस्था को लागू कर दिया है.अब जिन जिलों में पुलिस कमिश्नरेट लागू नहीं है, उनमें कानून व्यवस्था की समीक्षा पुलिस लाइन में डीएम करेंगे.उनके साथ पुलिस के अधिकारी व प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे. जबकि जिन जिलों में पुलिस कमिश्नरेट की प्रणाली लागू है,वहां पर कानून व्यवस्था की समीक्षा पुलिस आयुक्त ही करेंगे.
68 जिलों की कानून व्यवस्था की समीक्षा करेंगे डीएम
प्रदेश के 7 जिले ऐसे हैं जहां पर पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू है जिनमें कानपुर,नोएडा, लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, आगरा और गाजियाबाद शामिल है.बाकी जिलों में पुरानी व्यवस्था ही चल रही है. यह निर्देश मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की ओर से दिए गए हैं. यानी 68 जिलों की कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक की जिम्मेदारी डीएम की अध्यक्षता में की जाएगी.पहले पुलिस अधीक्षक थानाध्यक्ष की तैनाती करते थे अबसे उन्हें डीएम की परमिशन लेनी होगी.यहां एसएसपी डीएम की बैठक से पहले कानून व्यवस्था की बैठक कर लें. 7 जिलों में क्योंकि पुलिस कमिश्नरेट लागू है,तो वहां पुलिस आयुक्त की बैठक बुलाने की जिम्मेदारी होगी.और वे ही समीक्षा करेंगे.
सीएम डैशबोर्ड में रैंकिंग और ग्रेडिंग की जाएगी
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने आदेश जारी करते हुए कहा कि, कानून व्यवस्था और विकास कार्यों की बैठक अलग-अलग की जाए.सभी बैठक की मॉनिटरिंग सीएम डैशबोर्ड में रैंकिंग के आधार पर की जाएगी. दरअसल सरकार समस्त विभागों द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं,योजनाओं और परियोजनाओं को सीएम डैशबोर्ड से सीधे जोड़ रही है. इन सभी सेवाओं और विभागों की योजनाओं को लेकर रैंकिंग और ग्रेडिंग की जाएगी.
बनाए गए नोडल अफसर
विकास कार्यों के लिए जिले के मुख्य विकास अधिकारी सीएम डैशबोर्ड के नोडल अधिकारी होंगे. और कानून व्यवस्था के लिए जिले में अपर पुलिस अधीक्षक और पुलिस उपायुक्त नोडल अफ़सर होंगे. राजस्व संबंधित समीक्षा के लिए अपर जिलाधिकारी वित्त नोडल अधिकारी होंगे. मंडल स्तर पर कानून व्यवस्था की समीक्षा मंडल आयुक्त करेंगे. जिन जिलों में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू है.उन जिलों की कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक प्रदेश स्तर पर गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और पुलिस महानिदेशक द्वारा हर महीने किया जाएगा.शासन ने यह निर्देश समस्त जिलों के डीएम और पुलिस आयुक्त को भेज दिया है.