Kanpur Bikru Kand Judgement: बिकरू कांड ! गैंगस्टर मामले में कोर्ट ने 23 आरोपियों को 10 साल की सुनाई सजा, 7 दोष मुक्त
Kanpur Bikroo Kand: कानपुर के बहुचर्चित बिकरू कांड की 2 जुलाई 2020 की उस खूनी रात की दास्तां आज भी याद कर लें तो रूह कांप उठती है. इस मामले में पुलिस ने गैंगस्टर विकास दुबे समेत 5 को मुठभेड़ में मार गिराया था. जबकि 44 की गिरफ्तारी की गई थी. गैंगस्टर मामले की सुनवाई में अपर जिला एवं सत्र न्यायालय पंचम ने बड़ा फैसला सुनाते हुए 30 आरोपियों में 23 आरोपितों को दोषी मानते हुए 10 वर्ष की सजा सुनाई जबकि 7 को कोर्ट ने गैंगस्टर मामले में दोष मुक्त कर दिया है.

हाईलाइट्स
- कानपुर का बिकरु कांड ,बहुचर्चित मामला, गैंगस्टर विकास दुबे व गुर्गों ने 8 पुलिसकर्मियों की कर दी थी
- इस कांड के बाद बाद हिल गया था पूरा प्रदेश, गैंगस्टर मामले में कोर्ट ने सुनाई सजा
- 30 में 23 दोषी जिन्हें 10 वर्ष की सजा,7 दोषमुक्त
Bikru scandal gangster case : कानपुर के चर्चित बिकरु कांड की रात का वह भयावह मंजर जिसने पूरे प्रदेश व देश में हाहाकर मचाया था. गैंगस्टर विकास दुबे ने जिस तरह से बेरहमी से अपने गुर्गों के साथ मिलकर 8 पुलिसकर्मियो की हत्या कर दी थी. वह दिन कोई नहीं भूल सकता. पुलिस महकमे के लिए वह दिन इतना दर्द भरा था, कि कोई उनके दर्द को बयां नहीं कर सकता. आज कोर्ट ने इस कांड से जुड़े गैंगस्टर मामले में अहम निर्णय सुनाया है.
गैंगस्टर मामले में 23 आरोपियो को 10 साल की सजा, 7 दोषमुक्त
कानपुर के बिकरु कांड मामले में चौबेपुर थाने में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. जिसमें एक मुकदमा गैंगस्टर का भी चल रहा था. जिसकी सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायालय पंचम में पिछले 3 सालों से चल रही थी. मंगलवार को कोर्ट ने इस केस से जुड़े गैंगस्टर मामले में दोनों पक्षों की दलील सुनी. जिसमे 30 आरोपियों में से 23 को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष की सभी को सजा सुनाई. इसमें विकास दुबे का सबसे करीबी जय बाजपेयी भी शामिल है.
50 हज़ार का जुर्माना, ये हुए दोषमुक्त
इसके साथ ही 50 हजार का जुर्माना भी कोर्ट ने लगाया है. जबकि 7 को साक्ष्य न मिलने पर दोषमुक्त कर दिया. गैंगस्टर के मामले में राजेंद्र मिश्रा, प्रशांत शुक्ला उर्फ डब्बू, अरविन्द उर्फ गुड्डन त्रिवेदी, बाल गोविंद, संजू उर्फ संजय, सुशील और रमेशचंद्र को दोष मुक्त कर दिया. उधर दोषी करार दिए गए लोगों के परिजनों ने कहा कि हम ऊपर दरवाजा खटखटाएंगे.
बिकरु कांड का ये था मामला
गौरतलब है कि चौबेपुर थाना क्षेत्र का बिकरु गांव का नाम सभी के जेहन में है. बिकरु कांड की वो 2 जुलाई 2020 की खूनी रात, आज भी इसकी दास्तां सुन ले तो रूह कांप उठती है. सीओ देवेंद्र मिश्र के नेतृत्व में दबिश देने गई पुलिस की टीम पर षड्यंत्र के तहत उनपर लाइट बन्दकर गैंगस्टर विकास दुबे व उसके गुर्गों ने मिलकर छतों से हर कोने से अंधाधुंध फायरिंग पुलिस पर बरसाई थी. इसमें सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की दर्दनाक मौत हो गई थी. इस घटना के बाद पूरा प्रदेश हिल गया था. पुलिस महकमे में साथियों को खोने का गुस्सा साफ था. मुख्य आरोपित विकास दुबे के 5 साथियों को मुठभेड़ में मार गिराया था.
उज्जैन से गिरफ्तार हुआ था गैंग का लीडर विकासदुबे
गैंगस्टर विकास दुबे की पुलिस लगातार छानबीन कर रही थी, उसने कई बार अपनी लोकेशन बदली थी. 9 जुलाई को विकास दुबे मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर से गिरफ्तार हुआ था. जहां उसने पुलिस के सामने कहा मैं कानपुर वाला विकास दुबे, कड़ी सुरक्षा के बीच एसटीएफ व पुलिस बल की टीम उसे लेकर उज्जैन से कानपुर के लिए निकली. जहां भौती के पास अचानक अनियंत्रित होकर गाड़ी पलट गई. विकास दुबे ने भागने का प्रयास किया जहां मुठभेड़ में मारा गया. इस मामले में 36 लोगों को जेल भेजा गया था. 30 आरोपियों पर गैंगस्टर की कार्रवाई की गई थी. जिस मामले में आज कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है.