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Holi Dishes History In Hindi: होली के पर्व पर बनाए जाने वाले इन पकवानों का है विशेष महत्व ! द्वापर युग से चला आ रहा है Gujiya का चलन

History Of Gujiya In Hindi

होली का पर्व (Holi Festival) आने को है, जिसे लेकर हरतरफ लोगों में उत्साह भी काफी देखा जा रहा है. बात होली की हो और मीठा और नमकीन न हो तबतक इस पर्व का आनंद फीका रहता है. छोटे और बड़े सभी लोग इस त्यौहार (Festival) का बड़ा ही बेसब्री से इंतजार करते हैं. ऐसे में इस त्योहार पर लोग अपने घरों में स्वादिष्ट पकवान (Tasty Dishes) बनाते है जिनमे गुजिया (Gujiya History), कई तरह के नमकीन (Namkeen), पापड़ (Papad) और ठण्डाई (Thandai) बनाकर मेहमानों (Guests) का स्वागत करते है. आइये जानते है क्या है इन पकवानों का महत्व कब से चलन में आया..

Holi Dishes History In Hindi: होली के पर्व पर बनाए जाने वाले इन पकवानों का है विशेष महत्व ! द्वापर युग से चला आ रहा है Gujiya का चलन
होली पकवान, image credit original source
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होली में मेहमानों के लिए बनाएं पकवान

वैसे तो हमारे देश में कई पर्व (Festival) मनाए जाते हैं जिनमें होली (Holi) का अपना एक अलग ही महत्व (Importance) है होली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई का प्रतीक माना जाता है यह एक ऐसा त्यौहार है जिसे हिंदू और मुस्लिम सभी समुदाय के लोग मिलकर मनाते हैं. इस त्यौहार के दिन लोग एक दूसरे के घर पहुंच कर होली की बधाइयां (Holi Wishes) भी देते हैं तो वहीं आए हुए मेहमानों का स्वादिष्ट पकवानों (Tasty Dishes) के साथ स्वागत भी किया जाता है.

ऐसे में इस त्यौहार में कई तरह के ऐसे पकवान (Dishes) होते हैं जो हर घर में बनाए जाते हैं जिनमें विशेष महत्व गुजिया (Gujiya) का होता है लेकिन इसके साथ-साथ लोग कई तरह के पापड़, नमकीन और शीतल पेय पदार्थ के रूप में ठंडाई भी बनाते हैं जिसका लोग बड़े ही चाव से सेवन भी करते है.

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होली पर गुजिया का महत्व, image credit original source

होली के पर्व पर गुझिया का है अपना महत्व

होली के त्योहार (Festival Holi) पर बनाए जाने वाले स्वादिष्ट पकवानों (Tasty Dishes) में से एक मिठाई (Sweet) के रूप में सूखे मावे की गुजिया हर घर में बनाई जाती है जब कोई मेहमान इस दिन घर आता है तो उसे मिठाई के तौर पर यह गुजिया खिलाई जाती है यह परंपरा (Tradition) आज से नहीं बल्कि सदियों से चली आ रही है.

पुराणों की माने तो द्वापर युग (Dwapar Yug) में जन्मे भगवान श्री कृष्णा (Lord Krishna) को मक्खन के साथ-साथ गुजिया अति प्रिय थी. होली के दिन वृंदावन और मथुरा के लोग भगवान श्री कृष्ण को गुजिया बनाकर उनका भोग लगाते थे तब से लेकर आज तक यह परंपरा चली आ रही है जो पूरे देश में निभाई जा रही है. यही नहीं अब तो आलम यह है कि यह स्वादिष्ट पकवान अन्य मिठाइयों की तरह बाजारों में बिकती है यही कारण है कि होली के पर्व पर इस यूनिक मिठाई से हर घर का एक अटूट रिश्ता बन गया है.

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मट्ठी होली पर, image credit original source
नमकीन खिलाकर मेहमानों का किया जाता है स्वागत

जब मेहमान घर आते हैं तो उन्हें मीठा खिलाने के साथ-साथ नमकीन खिलाने की भी परंपरा है ऐसे में लोग होली का पर्व आने से 15 दिन पहले से ही इसकी तैयारी में जुट जाते हैं जैसे दीपावली के त्यौहार से पहले लोग घरों की साफ-सफाई करते हैं ठीक उसी तरह से होली का पर्व आने से पहले लोग घरों में एक से बढ़कर एक पकवान बनते हैं जिनमें घर के सभी छोटे-बड़े, मेंबर्स मिलकर इन खाद्य सामग्रियों को बनाते हैं.

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कई तरह की नमकीन, मट्ठी और पापड़ भी बनाए जाते हैं इस त्यौहार पर कचरी और पापड़ का एक और भी महत्व है बसंत के आगमन और उसके साथ आने वाली ताजी उपज से जुड़ा हुआ है कचरी और पापड़ बनाने की प्रक्रिया में कचरी के टुकड़ों को कुरकुरा और सुनहरा होने तक धूप में सुखाया जाता है यह प्रक्रिया लगभग देश के सभी घरों में निभाई जाती है जिसे लोग बड़े ही चाव से खाते हैं.

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होली पर ठंडाई, image credit original source
मीठे और नमकीन के बाद बनाया जाता है ये शीतल पेय पदार्थ

होली के त्योहार पर घर आए हुए मेहमानों को मिठाई और नमकीन के साथ-साथ शीतल पेय पदार्थ के रूप में ठंडाई भी पेश की जाती है यह ठंडाई कई तरह के ड्राई फ्रूट्स, दूध और केसर से मिलाकर बनाई जाती है. क्योंकि होली का पर्व मस्ती और मजाक से भरा हुआ होता है इसलिए कुछ लोग इस ठंडाई में थोड़ी भांग भी मिलाते हैं हालांकि इसे सेवन करने पर थोड़ा नशा भी होता है जिसे भगवान शिव का प्रसाद मान कर लो चट कर जाते हैं.

शायद यही कारण है कि बॉलीवुड की ऐसी तमाम मूवीस है जिनमें होली की थीम पर फिल्माए हुए गाने में एक दृश्य ठंडाई पीने का भी होता है यदि बात की जाए साइंटिफिक रीजन की तो ऐसा बताया जाता है कि होली के दिन से ही तापमान में काफी तेजी से बढ़ोतरी होनी शुरू हो जाती है ऐसे में शरीर को बाहरी तापमान से अनुकूल रखने के लिए ठंडाई का सेवन सभी के लिए बेहद लाभदायक होता है क्योंकि इसमें मौजूद कई तरह के ड्राई फ्रूट्स और दूध हमारे शरीर को चुस्त और तंदुरुस्त रखता है

"युगांतर प्रवाह" की टीम की ओर से आप सभी पाठकों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं आशा करते हैं कि होली का यह पर्व आप सभी के जीवन में अनेक सुंदर रंगों की तरह आपके जीवन में खुशियां लाए.

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