CBSE Board Exam 2026: अब 10वीं की बोर्ड परीक्षा साल में दो बार, जानिए सीबीएससी ने क्यों लिया फैसला?
CBSE Board Exam 2026
CBSE ने 2026 से बड़ा बदलाव करते हुए कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा साल में दो बार कराने का फैसला किया है. पहली परीक्षा फरवरी में और दूसरी मई में होगी. दूसरी परीक्षा को सुधार परीक्षा माना जाएगा. यह सुविधा वैकल्पिक होगी और विषय बदलने की अनुमति नहीं मिलेगी.

CBSE Board Exam 2026: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने वर्ष 2026 से कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर बड़ा बदलाव किया है. अब छात्रों को साल में दो बार परीक्षा देने का मौका मिलेगा. पहली परीक्षा मुख्य होगी, जबकि दूसरी परीक्षा सुधार के उद्देश्य से होगी. यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत लिया गया है, जिसका उद्देश्य परीक्षा प्रणाली को अधिक लचीला और तनावमुक्त बनाना है.
मुख्य परीक्षा फरवरी में, सुधार परीक्षा मई में
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक CBSE के अनुसार वर्ष 2026 से दसवीं बोर्ड की पहली परीक्षा 17 फरवरी से 7 मार्च तक आयोजित की जाएगी. इसे मुख्य परीक्षा माना जाएगा. इसके बाद दूसरी परीक्षा 5 मई से 20 मई 2026 तक होगी, जिसे सुधार परीक्षा कहा गया है.
दोनों परीक्षाओं के नतीजे भी अलग-अलग समय पर घोषित किए जाएंगे. पहली परीक्षा का परिणाम 20 अप्रैल तक और दूसरी परीक्षा का रिजल्ट 30 जून तक घोषित होने की संभावना है. यह बदलाव छात्रों को एक अतिरिक्त अवसर देने के लिए किया गया है, ताकि वे अपने प्रदर्शन में सुधार कर सकें.
दोनों परीक्षाएं वैकल्पिक, विषय नहीं बदले जा सकेंगे
हालांकि, दोनों परीक्षाओं में वही विषय देने होंगे जो छात्र ने पहले चुने हैं. विषय बदलने की अनुमति नहीं होगी. यह निर्णय परीक्षा की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए लिया गया है.
मेरिट सर्टिफिकेट और कॉपी की सुविधा सिर्फ दूसरी परीक्षा के बाद
छात्रों को मेरिट सर्टिफिकेट, उत्तरपुस्तिका की फोटोकॉपी और पुनर्मूल्यांकन की सुविधा सिर्फ सुधार परीक्षा यानी दूसरी परीक्षा के बाद ही मिलेगी. इसका मतलब है कि जो छात्र पहली परीक्षा के बाद संतुष्ट हैं, वे इन सुविधाओं का लाभ नहीं उठा पाएंगे. यह व्यवस्था परीक्षा प्रक्रिया को सुगम और सटीक बनाए रखने के उद्देश्य से लागू की गई है. इससे छात्रों को सोच-समझकर दूसरी परीक्षा का चयन करने की प्रेरणा मिलेगी.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत लिया गया फैसला
यह फैसला राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत लिया गया है, जिसका उद्देश्य शिक्षा प्रणाली को अधिक लचीला, समावेशी और छात्र-केंद्रित बनाना है.
अब परीक्षा केवल रट्टा आधारित नहीं होगी, बल्कि छात्रों की अवधारणात्मक समझ और मूल क्षमताओं की जांच के आधार पर डिजाइन की जाएगी. यह बदलाव बोर्ड परीक्षा को कम तनावपूर्ण बनाएगा और छात्रों को सुधार के लिए दूसरा मौका देकर उन्हें मानसिक रूप से मजबूत करेगा.
विंटर बाउंड स्कूलों के लिए विशेष विकल्प
CBSE ने हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, लद्दाख जैसे विंटर बाउंड इलाकों के स्कूलों को विशेष छूट दी है. इन क्षेत्रों के स्कूल चाहें तो साल में होने वाली दो परीक्षाओं में से किसी एक का चयन कर सकते हैं. हालांकि यह निर्णय स्कूल स्तर पर लिया जाएगा, व्यक्तिगत रूप से छात्र इसे नहीं चुन सकेंगे. यह फैसला ठंडे क्षेत्रों की जलवायु को देखते हुए लिया गया है, ताकि वहां के छात्रों को सुविधा मिल सके.