Jhansi Wedding News: घर से संपन्न होने के बावजूद नई नवेली दुल्हन को बैलगाड़ी पर विदा कर ले जा रहा दूल्हा ! कारण जानकर हैरान रह जाएंगे आप
Jhansi News In Hindi
वर्तमान में बेहद सम्पन्न परिवार में अक्सर दूल्हा लग्जरी कार से बारात लेकर तो कभी हेलीकॉप्टर से नई नवेली दुल्हन को विदा कर ले जाते हुए दिखाई देते है लेकिन यूपी के झांसी में एक अनोखा मामला देखने को मिला जहां पर दूल्हा अपनी दुल्हन को विदा कर लाने के लिए बैलगाड़ी लेकर पहुँच गया जिसे देखकर सभी हैरान रह गए. वहीं यह अनोखी शादी चर्चा का विषय बन गयी है.
दुल्हन की अनोखी विदाई बनी चर्चा का विषय
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के झांसी (Jhansi) में एक दुल्हन की अनोखी विदाई का वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हो रहा है. दरअसल वीडियो में साफ तौर पर दिखाई दे रहा है कि दूल्हा अपनी दुल्हन को विदा करने के लिए कोई लग्जरी कार या हेलीकॉप्टर नहीं बल्कि बैलगाड़ी (Bailgadi Shadi) पर सवार होकर ले जा रहा है यही नहीं उसके पीछे और भी बाराती बैलगाड़ी पर सवार होकर चल रहे थे इसके साथ ही बॉलीवुड फिल्म नदिया के पार का लोकप्रिय गीत कौन दिशा में लेकर चला रहे बटोहिया गाने की याद ताजा हो गयी. जानकारी के मुताबिक यह परिवार पैसे से संपन्न होने के बावजूद दुल्हन की ऐसी अनोखी विदाई देखने के लिए लोगों का जन सैलाब उमड़ पड़ा जिन्होंने भी यह दृश्य देखा वह देखकर भौचक्के रह गए कुछ लोगों ने तो यह भी कहा कि यह नजारा देखकर पुरानी यादें भी ताजा हो गई फूल मालाओं से सजी बैलगाड़ीयां देखने में काफी आकर्षक लग रही थी.
पुराने गानों पर थिरकते हुए बैलगाड़ी से हुई दुल्हन की विदाई
जानकारी के मुताबिक दुल्हन की अनोखी विदाई का मामला झांसी के सीपरी बाजार अंतर्गत लहर गांव का है जहां के भूतपूर्व ब्लॉक प्रमुख पंजाब सिंह यादव के भतीजे रणवीर का विवाह चिरगांव की रहने वाली चाहत के साथ हुआ था. अगले दिन जब सुबह बारात दुल्हन को लेकर विदा हुई तो बारातियों को गाड़ियों की बजाय बैलगाड़ियों पर सवार होकर जाते हुए देखा गया.
फूल मालाओं से सजी बैलगाड़ियों में दूल्हे समेत सभी बाराती बैठे हुए थे और पीछे से फिल्म नदिया के पार और पुराने जमाने के गाने भी बज रहे थे जिसे लोग बड़े ही गौर से देख रहे थे लोगों का कहना था कि यह दृश्य देखकर उन्हें भी फिल्म नदिया के पार की याद आ गई क्योंकि उसमें भी कुछ इसी तरह के दृश्य दिखाए गए थे जिसमें दूल्हा अपनी दुल्हन को इसी तरह से बैलगाड़ी पर विदा कर कर लाया था.
विदाई के जरिये दिया गौसेवा का संदेश
वहीं जब बैलगाड़ी लेकर जा रहे बारातियों से इसका कारण पूछा गया तो उन्होंने बताया कि बैलगाड़ी हमारी परंपरा है हेलीकॉप्टर या कार विदाई करवाना केवल एक दिखावा है बल्कि इस विदाई का मुख्य उद्देश्य गौ सेवा के लिए समाज को एक मैसेज देना था क्योंकि हिंदू धर्म में गौ माता को सर्वोच्च स्थान दिया गया है बावजूद इसके हमारी लापरवाही के चलते यह गौ माता इधर-उधर घूम रही है इसी के चलते हमने उन्हें बचाने के लिए इस विदाई के जरिए लोगों को एक संदेश पहुंचाया है की गौ माता की सेवा करें और उन्हें इस तरह से सड़कों पर लावारिस ना छोड़े क्योंकि हमारे हिंदू धर्म में गौ माता पूजनीय है.
वधु पक्ष ने दिया तर्क
उधर वधू पक्ष की ओर से बताया गया कि हमारे देश की 90% आबादी आज भी खेती और किसान पर ही निर्भर है लेकिन बदलते जमाने के साथ-साथ आजकल के लोग हमारी इस पुरानी परंपरा को भूलते जा रहे हैं ऐसे में बैलगाड़ी के जरिए विदाई करने का एक उद्देश्य यह भी है कि हमारे आने वाली पीढ़ी और वर्तमान के युवा हमारी परंपराओं को ना भूले हमने अपनी बेटी जितनी सादगी से विदा कराया है हम चाहते हैं कि जिस तरह से हम जमीन से जुड़े हुए लोग हैं इस तरह से हमारे बच्चे भी उसे परंपरा को निभाएं उनके ऐसा करने से जो आने वाली पीढ़ी है वह भी उनसे सीख लेते हुए जरूर इन परम्पराओ को जरूर निभाएंगे.