Truck Drivers Strike: हिट एंड रन कानून के खिलाफ देश-भर में ट्रक ड्राइवरों ने किया हाइवे पर चक्का जाम ! पुलिस के छूट गए पसीने, घण्टों जाम में फंसकर राहगीरों का मना नया वर्ष
हिट एंड रन कानून (Hit And Run Law) को लेकर नया कानून बनने से यूपी समेत भारत के तमाम राज्यों में ट्रक ड्राइवरो ने हाइवे चक्का जाम (Truck Drivers Blocked Highway) करते हुए इस नियम का विरोध जताया है. कानपुर समेत उसके आसपास के कई जिलों का यातायात ठप हो जाने से राहगीरों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा है. साल के पहले दिन कार से घूमने निकले वाहन स्वामियों का घण्टों जाम में फंसकर ही साल मना. कुछ जगहों पर पुलिस प्रशासन के भी पसीने छूट गए.
नए कानून के विरोध में ट्रक चालकों ने किया चक्का जाम
साल के पहले दिन अपनों से मिलने जा रहे लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा. दरअसल संसद में पारित एक नियम के तहत हिट एंड (Hit And Run Law) रन को लेकर एक नया कानून बनाया गया था, जिसके तहत यदि कोई भी ट्रक चालक (Truck Driver Strike) किसी को टक्कर मारता है तो ड्राइवर के खिलाफ दुर्घटना होने पर 10 साल की कैद और 7 लाख रुपए जुर्माना तय किया गया. जिसके विरोध में देश भर और प्रदेश भर के तमाम शहरों में सैकड़ों चालक हाइवे व सड़कों पर उतरकर चक्का जाम करते हुए प्रदर्शन किया.
आड़े-तिरछे खड़े ट्रक कर किया जाम, राहगीरों का हुआ बुरा हाल
यूपी (Uttar Pradesh) के तमाम शहरों में अलग-अलग जगह पर चक्का जाम (Blocked Highway) देखने को मिला. ऐसे में ट्रक और रोडवेज चालक सड़क पर उतर आए उन्होंने सड़क और डिवाइडर पर आढ़े तिरछे ट्रक और बस लगाकर रास्ता रोका जिससे अन्य वाहन स्वामियों को काफी समस्याएं हुई. वहीं लगातार ड्राइवर संगठन के लोग सरकार विरोधी नारेबाजी भी कर रहे हैं. उनका कहना है कि, जल्द से जल्द इस नियम को हटाया जाए नहीं तो उनका आंदोलन और भी ज्यादा उग्र हो जाएगा. मुम्बई में पुलिस ने हाइवे पर जाम कर रहे ड्राइवरों को दौड़ाया.
नेशनल हाईवे की रफ्तार हुई मंद, घण्टों फंसे रहे राहगीर
इस नियम का विरोध कानपुर समेत उसके आसपास के कई जिले जैसे फतेहपुर, हमीरपुर, कानपुर देहात, जालौन समेत तमाम बड़े शहरों में भी देखने को मिला यही नहीं कानपुर में ट्रक चालकों के विरोध के कारण कानपुर से दिल्ली-हाईवे पूरी तरह से जाम हो गया है इस जाम में कई ट्रेवल्स की बसे भी फसी हुई है. नए साल के पहले दिन घूमने निकले लोगों को जाम से कई घण्टो जूझना पड़ा.
कई जगह तो प्रदर्शन कर रहे चालकों की बदसलूकी की भी देखने को मिला जहां जाम को हटाने पहुंची, पुलिस के साथ नोकझोंक भी हुई तो वही पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जा रहे लोगों को भी उनके गुस्से का शिकार होना पड़ा हालांकि इस जाम को हटवाने में कहीं ना कहीं पुलिस भी लाचार दिखाई दी. सड़कों पर हो रहे विरोध प्रदर्शन के चलते लोगों ने रेल मार्ग का सहारा लेने के लिए ट्रेनों से सफर करने का तय किया जिसके चलते रेलवे स्टेशनों पर भी यात्रियों की भारी भीड़ देखी जा रही है. दरअसल चारों तरफ चक्का जाम होने की वजह से कोई भी व्यक्ति एक स्थान से दूसरे स्थान तक नहीं पहुंच पा रहा है ऐसे में लोग ट्रेन का सफर करने को मजबूर है.
क्या है मोटर वाहन अधिनियम एक्ट (Motor Vehicle Act)?
मोटर वाहन अधिनियम 1988 में पारित किया गया था और सड़क ट्रांसपोर्ट वाहनों के लगभग हर एक हिस्से को रेगुलेट करता है यह ड्राइवरों और कंडक्टरों के लाइसेंस, मोटर वाहनों के रजिस्ट्रेशन, उनके परमिट को नियंत्रित करने के प्रावधान, ट्रैफ़िक नियमों, संबंधित इंश्योरेंस, देनदारियों और पेनल्टी पर दिशा-निर्देश प्रदान करता है.
मोटर वाहन अधिनियम किसी भी चालक के लिए वैध ड्राइविंग लाइसेंस होना अनिवार्य बनाता है और मोटर वाहन अधिनियम के तहत रजिस्टर हुए बिना कोई भी वाहन नहीं चलाया जा सकता है.