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Lucknow Crime: वेबसीरीज़ 'फर्जी' देखकर शुरू किया जाली नोटों का कारोबार, सोशल मीडिया पर किया प्रचार, गिरोह के 5 सदस्य पुलिस के हत्थे चढ़े

आधुनिक समय मे सोशल मीडिया का लोग गलत प्रयोग ज्यादा करने लगे हैं.नकली नोट छापने और खपाने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह के 5 सदस्यों को लखनऊ की मणियांव थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है.पुलिस ने इनके पास से 3.20 लाख रुपये के 500,200 और 100 रुपये के नोट बरामद किए हैं.यह लोग इंस्टाग्राम और टेलीग्राम के जरिये नकली नोटों का प्रसार कर रहे थे.

Lucknow Crime: वेबसीरीज़ 'फर्जी' देखकर शुरू किया जाली नोटों का कारोबार, सोशल मीडिया पर किया प्रचार, गिरोह के 5 सदस्य पुलिस के हत्थे चढ़े
जाली नोटों का कारोबार करने वाले गिरोह का लखनऊ पुलिस ने किया भण्डाफोड़, फोटो साभार सोशल मीडिया
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हाईलाइट्स

  • जाली नोटों का प्रसार ,छापने और खपाने वाले गिरोह का लखनऊ पुलिस ने किया भण्डाफोड़
  • इंस्टाग्राम और टेलीग्राम के जरिये नकली नोटों का चल रहा था कारोबार,5 धरे गए
  • 2018 से चल रहा है यह गोरखधंधा, कई राज्यो में फैला हुआ था ये गोरखधंधा

Lucknow police busted gang dealing in fake currency : आज के इस परिवेश में सोशल मीडिया का प्रयोग सही कार्यो में कम गलत कार्यों में ज्यादा हो रहा है.एक गिरोह जिसने नकली नोटों का प्रसार करने के लिए सोशल मीडिया को अपना हथियार बनाया,और इसी प्लेटफार्म के जरिये नकली नोटों कैसे छापे जा सकते हैं और इसका प्रयोग कैसे हो सकता है, इन सबको सीखा,धीरे-धीरे इनका ये नकली नोटों का कारोबार का गोरखधंधा कई राज्यों में फैल गया.आखिरकार पुलिस ने इन लोगों पर शिकंजा कसना शुरू किया.

जाली नोटों का कारोबार करने वाले गिरोह के 5 सदस्यों को किया गिरफ्तार

नकली नोटों को छापने और उसका सोशल मीडिया पर प्रसार करने वाले एक गिरोह के 5 सदस्यों को लखनऊ की मणियांव थाने की पुलिस ने क्राइम ब्रांच की मदद से गिरफ्तार किया है.पुलिस ने इनके पास से 3.20 लाख रुपए मूल्य के 500 ,200 व 100 रुपए के नोट बरामद किए हैं. गिरोह का सरगना नई दिल्ली के अलीपुर का रहने वाला विकास भारद्वाज है जिसके तार कई राज्यों से जुड़े हुए थे.

वेबसीरिज का लिया सहारा, इंस्टाग्राम और टेलीग्राम पर किया प्रसार

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दरअसल यह गिरोह नकली नोटों का कारोबार पिछले 5 वर्षों से कर रहे थे. सोशल मीडिया के प्लेटफार्म इंस्टाग्राम और टेलीग्राम के जरिए नकली नोटों का यह लोग प्रसार करते थे.नकली नोट छापने और खपाने के तरीकों का यूट्यूब से सहारा लिया.वहीं वेब सीरीज 'फर्जी' को देखकर भी इन्होंने इस नकली नोटों के गोरखधंधे को बढ़ाने का कार्य किया.गिरोह का मुख्य सरगना विकास भारद्वाज जो दिल्ली से रहकर फेक करेंसी ग्रुप बनाकर लोगों को जोड़ रहा था और नकली नोटों का प्रसार करने के लिए वह टेलीग्राम और इंस्टाग्राम का इस्तेमाल करता था.

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लखनऊ से जाली नोटों के छापने और खपाने का हो रहा था कारोबार

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ग्रुप पर प्रसार होते ही जो लोग नकली नोट लेने की इच्छा जताते थे,इसके बाद उनसे संपर्क किया जाता था और सैंपल देकर आर्डर दिया जाता था. यह लोग इस तरह से हेरा फेरी करते थे. 20 हज़ार रुपये असली नोट लेकर एक लाख रुपये मूल्य के नकली नोट दे देते थे. इनमें से कुछ लोग नकली नोट को आर्डर वाली जगह पहुंचाने का कार्य कर रहे थे. यह जाली नोट छापने का कारोबार विभूतिखंड में एक किराए के मकान में हो रहा था. जिसका प्रयोग इंटर के दो छात्र उत्कर्ष और रवि कर रहे थे. 

डीसीपी उत्तरी ने ये बताया

डीसीपी उत्तरी सैयद कासिम आब्दी ने बताया कि सूचना मिली थी कि नकली नोट छापने और खपाने का कार्य किया जा रहा है. जिस पर मणियांव थाने की पुलिस और क्राइम ब्रांच ने गिरोह के सरगना, इंटर में पढ़ने वाले दो छात्र समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है.इस गिरोह का सरगना विकास भारद्वाज था.अन्य पकड़े गए सदस्य विकास सिंह, विकास दुबे, रवि प्रकाश ,अविनाश पांडे और उत्कर्ष द्विवेदी है.एक नाम कानपुर के रहने वाले मोनू यादव का भी सामने आया है जिसकी पुलिस तलाश में जुट गई है.

कई राज्यों में जुड़े हुए थे तार

पुलिस ने बताया कि यह लोग इंस्टाग्राम और टेलीग्राम पर इंडियन करेंसी के नाम से ग्रुप बनाकर लोगों को झांसा देकर गुमराह कर रहे थे. कुछ लोग ऑर्डर भी ले लेते थे.यह नोट बिल्कुल असली नोटों की तरह ही दिखाई देते थे. जिससे आरबीआई चेस्ट तक यह नोट भी आसानी तक पहुंच रहे थे. पुलिस को सरगना विकास भारद्वाज के पास से मिले मोबाइल और कड़ाई से हुई पूछताछ में कई अहम सुराग मिले हैं. जिसमें इसके तार मध्य प्रदेश, दिल्ली, झारखंड, महाराष्ट्र,राजस्थान समेत कई राज्यों से जुड़े हुए थे. 

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