यूपी में लागू हुआ एस्मा क़ानून आख़िर है क्या..!
यूपी सरकार ने तत्काल प्रभाव से राज्य में एस्मा क़ानून लागू कर दिया है..इसके लागू होने से किन लोंगो पर इसका असर होगा..आइए जानते हैं युगान्तर प्रवाह की इस रिपोर्ट में..
लखनऊ:कोरोना के चलते देश की अर्थ व्यवस्था पर सीधा असर हो रहा है।राज्यों में भी आर्थिक संकट के बादल मंडरा रहे हैं।जानकार बताते हैं कि आने वाले दिनों पर यह समस्या और बड़ी हो सकती है।राज्य की योगी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाले कई तरह से भत्तों को पहले एक साल के लिए समाप्त किया था फ़िर पूरी तरह से समाप्त कर दिया है।जिसके विरोध में कर्मचारी सांकेतिक रूप से विरोध दर्ज करा रहे हैं।
कर्मचारियों के सांकेतिक विरोध से नाराज होकर राज्य सरकार ने प्रदेश में एस्मा क़ानून (अनुरक्षण क़ानून) लागू कर दिया है।इस कानून के लागू होने के बाद अब अगले 6 महीनों तक कर्मचारी विरोध प्रदर्शन या हड़ताल नहीं कर सकेंगे।
अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक मुकुल सिंघल ने बताया कि हड़ताल पर रोक के बावजूद यदि कर्मचारी नहीं मानते और आंदोलन आदि करते हैं तो सरकार इस क़ानून का प्रयोग करते हुए सख्त कार्रवाई कर सकेगी।
क्या है एस्मा क़ानून..
राज्य सरकार ने मौजूदा हालातो को देखते हुए प्रदेश में एस्मा क़ानून लागू किया है।कर्मचारी विरोध-प्रदर्शन और हड़ताल आदि न कर सकें इस पर पूरी तरह से रोक के लिए राज्य सरकार ने अत्यावश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम, 1966 के अंतर्गत प्राप्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए हड़ताल पर रोक लगाई है।
एस्मा कानून के लागू होने के बाद प्रदेश सरकार के कार्यकलापों से संबंधित किसी लोक सेवा, राज्य सरकार के स्वामित्व व नियंत्रण वाले किसी निगम के अधीन सेवाओं तथा किसी स्थानीय प्राधिकरण के अधीन सेवाओं के लिए छह महीने के लिए हड़ताल निषिद्ध हो गई है।