Kanpur Crime : पेमेंट गेटवे में छेड़छाड़ कर शातिरों ने KESCo को लगा दिया चूना, पुलिस ने 6 को किया गिरफ्तार
कानपुर में बिजली आपूर्ति कम्पनी में बीते दिनों हुए 1.68 करोड़ रुपये के घोटाले मामले में कानपुर पुलिस कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच ने साइबर सेल टीम की मदद से अन्य जिलों से 6 शातिरों को गिरफ्तार कर लिया है.ये शातिर उपभोक्ताओं द्वारा केस्को को जमा किये जा रहे ऑनलाइन बिल की रकम को पेमेंट गेटवे के यूआरएल में बदलाव कर अपने खातों में ट्रांसफर कर लेते थे.पुलिस ने इनके पास से करीब 90 लाख रुपये की बरामदगी भी की है.
हाईलाइट्स
- कानपुर केस्को घोटाले में कानपुर कमिश्नरेट पुलिस को मिली सफलता
- पेमंट गेटवे में छेड़छाड़ कर केस्को को लगाया 1.68 करोड़ का चूना, क्राइम ब्रांच और साइबर सेल की टीम ने 6
- शातिरों के पास से 90 लाख रुपये बरामद ,कई खातों में करते थे रकम ट्रांसफर, हैकर और इंजीनियर की ली मदद
tampering with URL of payment gateway : आजकल सब कुछ डिजिटल है लेनदेन भी डिजिटल हो गया है.ज्यादातर डिजिटल ट्रांजेक्शन से आएदिन ठगी के मामले काफी आते रहते हैं.कुछ तो सीधे बड़ी कम्पनियों को ही चूना लगा रहे है.कानपुर में बिजली कम्पनी के उपभोक्ताओं से किस तरह से शातिर अन्य जनपदों से ठगी का खेल खेल रहे थे.
किस तरह से गेटवे के यूआरएल में बदलाव कर उपभोक्ताओं की जमा की हुई रकम को अपने खातों में ट्रांसफर कर रहे थे.जब क्राइम ब्रांच की साइबर सेल की टीम ने जांच शुरू की तब परत दर परत खुलती चली गई.
केस्को का 1.68 करोड़ रुपये का शातिरों ने लगाया था चूना
दरअसल बीते दिनों कानपुर बिजली कम्पनी केस्को द्वारा ग्वालटोली थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. कि 18 जून से लेकर 16 जुलाई तक की उपभोक्ताओं की रकम जो करीब 1.68 करोड रुपए है वह उन तक नहीं पहुंचा है. इससे पहले भी उन्होंने मिलान किया था तो जानकारी हुई कि रकम दुसरे खातों में ट्रांसफर हो रही थी.जिस पर उन्होंने आइसीआइसीआइ बैंक पर मुकदमा दर्ज कराया है.क्योंकि बैंक ही केस्को को पैसा भेजती है. इस मामले में पुलिस के निर्देश पर क्राइम ब्रांच की चार टीमों को लगाया गया और अलग-अलग जनपदों में इन्हें भेजा गया. आखिर यह रकम कहां जा रही है. जिसकी जांच शुरू की गई.
पेमेंट गेटवे में करते थे छेड़छाड़ उपभोक्ताओं की जमा हुई रकम को अपने खातों में कर रहे थे ट्रांसफर
दरअसल उपभोक्ता तो ऑनलाइन अपना बिल आईसीआईसीआई बैंक के गेटवे पर भेज रहे थे,जिसके बाद बैंक यह रकम केस्को को भेजता है.उपभोक्ताओं को क्या पता कि उनका पैसा किसी और खाते में जा रहा है. जब केस्को के पास भुगतान नही पहुंचा तब शिकायत दर्ज कराई. क्राइम ब्रांच की साइबर सेल टीम को सर्विलांस की मदद से जानकारी मिली,कि कुछ खातों में यह रकम जा रही है.
जब उन खातों के खाताधारक की जानकारी की गई तो परत दर परत खुलती चली गई.पुलिस की टीमों को इनपुट बागपत मिला.यहां टीमो ने बागपत जिले पहुंचकर कार्रवाई शुरू की.जांच में यह बात सामने आई कि हैकर की मदद से यह शातिर पेमेंट गेटवे में छेड़छाड़ कर अपने खातों में पैसा ट्रांसफर कर लेते थे.
इस खेल में बिजली ठेकेदार भी था शामिल
बागपत जिले के बड़ौत स्थित आईसीआईसीआई बैंक शाखा में जानकारी जुटाई गई.यहां केस्को इलेक्ट्रॉनिक्स के नाम से करंट अकाउंट मिला. जो योगेन्द्र के नाम पर था जो बागपत का रहने वाला है.जानकारी हुई कि इसी खाते से रकम का ट्रांजैक्शन हो रहा था.अकाउंट होल्डर को पुलिस ने तत्काल गिरफ्तार किया. जिसके बाद उसकी निशानदेही पर अन्य साथियों को भी पुलिस ने दबोच लिया. पूछताछ में योगेंद्र ने बताया कि बिजली विभाग के ठेकेदार विवेक शर्मा भी इसमें शामिल है. उसने भी बागपत में कई लोगों के अकाउंट खुलवाए थे.
मास्टरमाइंड की तलाश जारी
पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने बताया कि हमारी क्राइम ब्रांच और साइबर सेल की टीम ने 6 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है.अन्य लोगों की तलाश की जा रही है. इसका मास्टरमाइंड रांची में बताया जा रहा है. वहां भी एक टीम भेज दी गई है. यह लोग पेमेंट गेटवे जो बैंक के गेटवेज होते हैं, उसमें यह लोग छेड़छाड़ करते थे और यह रकम केस्को तक ना पहुंच कर उनके खातों में ट्रांसफर हो रही थी.
फिलहाल इन सभी के पास से 90 लाख रुपये बरामद किए गए है.इन पर कार्रवाई की जा रही है.पकड़े गए अभियुक्त सुहैल जो दिल्ली में रहता है विवेक शर्मा , अनिल, करण, योगेंद्र और शक्ति ये सभी बागपत के रहने वाले है.इन्हें जेल भेजा जा रहा है.