Open Jail Concept In Up : नए प्रिजन एक्ट के तहत यूपी में खोली जाएंगी 'ओपन जेल' उच्चस्तरीय बैठक में CM Yogi ने दिए ये निर्देश
- By युगान्तर प्रवाह संवाददाता
- Published 16 Jun 2023 01:24 PM
- Updated 12 Nov 2023 05:20 AM
उत्तर प्रदेश में 'ओपन जेल' खोले जाने को लेकर सीएम योगी के इरादे सख्त हैं.सीएम के द्वारा कारागार गृह व्यवस्था की समीक्षा बैठक करते हुए ओपन जेल को लेकर महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए. जिसमें इन जेलों को सुधार गृह के रूप में स्थापित किया जा सके.
हाइलाइट्स
यूपी में ओपन जेल खोली जाएंगी,नए प्रिजन एक्ट के तहत खोली जाएं खुली जेल
सीएम योगी ने उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में दिए कारागार विभाग के अधिकारियों को दिये निर्देश
जेलों में हाईसिक्यूरिटी बैरक हो,मोबाइल होने पर दंडात्मक कार्यवाही
Open jail will open in UP : सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्य में ओपन जेल(खुली जेल) खोले जाने को लेकर जेल विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि इस ओपन जेल की स्थापना के लिए प्रस्ताव तैयार कर जल्द इनपर विचार कर लें. जिससे सरकार जल्द से जल्द कोई निर्णय ले सके.कारागारों को सुधार गृह के रूप में किस तरह से स्थापित करें ऐसे नए जेल अधिनियम को तैयार करने के लिए निर्देशित किया गया है.
सुधार गृह के रूप में बनाई जाएगी ओपन जेल
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब प्रदेश में ओपन जेल को सुधार गृह के रूप में संचालित करने को तैयार है.लखनऊ में हुई समीक्षा बैठक में कारागार गृहों का भी जिक्र हुआ जिसपर कारागार विभाग के अधिकारियों को नए प्रिजन एक्ट के प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए. सीएम की मंशा है कि राज्यो की समस्त जेलों को सुधार गृह बनाया जाए जिसको लेकर तैयारी शुरू कर दें.वर्तमान में लखनऊ में एक सेमी ओपन जेल सन्चालित है.
पुराने अधिनियम पर परिवर्तन की जरूरत
सीएम योगी ने कहा कि अभी जो जेल अधिनियम 1894 और कैदी अधिनियम 1900 लागू है. ये दोनों अधिनियम आजादी से चले आ रहे हैं. अब इस प्रावधान में बदलाव की आवश्यकता है.क्योंकि पुराने प्रावधान में वो सब नहीं है जो ओपन जेल का कंसेप्ट है. इसलिए जेलों को सुधार गृह के रूप में स्थापित करने के लिए हमें बेहतर प्रयास के साथ कार्य करना होगा.
जेल में मोबाइल फोन पर दंडात्मक हो कार्यवाई
जेलों में आदतन अपराधियों और आतंकी वारदातों से जुड़े अपराधियो के लिए अलग हाई सिक्युरिटी बैरक बनाई जाए. जेलों में मोबाइल फोन के प्रयोग पर ठोस कदम उठाते हुए दंडात्मक कार्यवाई करें.देश की सरकार ने हाल में जेलों के लिए मॉड्ल प्रिजन अधिनियम 2023 तैयार किया है.जो इन जेलों के लिए काफी उपयोगी साबित हो सकता है. भविष्य में जेलों को सुधार गृह के रूप में स्थापित किया जा सके ऐसी सरकार की मंशा है. और पुराने अधिनियम पर बदलाव की आवश्यकता है क्योंकि वे अधिनियम आज के इस परिवेश में फिट नहीं बैठते.
नए प्रिजन एक्ट के जरिए में कैदियों में होगा सुधार
नए प्रिजन अधिनियम के जरिये कैदियों में सुधार होगा और पुनर्वास की दृष्टि से बेहतर रहेगा. सीएम ने कहा कि हम सभी को जेलों में आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है बेहतर सुधार गृह कैसे बनाया जाए इसपर कार्य करना है. कैदियों का सुरक्षा मूल्यांकन, शिकायत निवारण, कारागार विकास बोर्ड, कैदियों के प्रति व्यवहार में बदलाव और महिला कैदियों व ट्रांसजेंडर आदि के लिए अलग आवास का प्रावधान जैसी व्यवस्था लागू किये जाने के निर्देश दिए.
जेलों में 4200 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरो से हो रही मॉनिटरिंग
प्रदेश की जेलों में 4200 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं जिसमें निरन्तर निगरानी मुख्यालय में वीडियोवाल से की जा रही है और इसके परिणाम भी बेहतर दिखाई दे रहे हैं.ड्रोन कैमरों को वीडियो वाल से इंटीग्रेट कर मॉनिटरिंग की जाए.जेलों में वैज्ञानिक तकीनीकी हस्तक्षेप प्रावधान लागू किया जाए यह सभी बातें नए प्रिजन अधिनियम को देखते हुए तय किये जाएं.