Lakshmaneshwar Mahadev : जानिए इस शिव मंदिर के शिवलिंग में क्यों हैं एक लाख छिद्र ! शेषावतार लक्ष्मण ने की थी पूजा
- By युगान्तर प्रवाह संवाददाता
- Published 16 Aug 2023 04:04 PM
- Updated 20 Nov 2023 01:09 AM
छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा में अनोखा शिव मंदिर है.यह मन्दिर रामायणकालीन बताया जाता है.यहां जो शिवलिंग है उसमें एक लाख छिद्र हैं.उनमें से एक छिद्र पातालगामी है.जिसमें जल चढ़ाओ वह कभी रुकता नहीं है.मान्यता है वह जल पाताल लोक में जाता है.
हाइलाइट्स
छत्तीसगढ़ में रहस्यमयी शिव मंदिर,एक लाख छिद्र वाला शिवलिंग है यहां
जांजगीर चाम्पा में अनोखा लक्ष्मणेश्वर महादेव मन्दिर,दर्शन करने से होती है मनोकामना पूर्ण
रामायणकालीन मन्दिर है,लक्ष्मण जी ने की थी शिवलिंग की पूजा,शिवलिंग के एक छिद्र से जल जाता है पाताल लो
The unique secret of Laxmaneshwar Mahadev : आज हम आपको एक ऐसे रहस्यमयी शिव मन्दिर के बारे में बताने जा रहे हैं,जो रहस्यमयी के साथ अनोखा भी है.इस शिव मंदिर में सावन के दिनों में भक्तों की भीड़ बनी रहती है.देवों के देव महादेव के दर्शन को लेकर दूर-दूर से भक्त आते हैं.यह शिव मंदिर रामायणकालीन है.और भक्तों की विशेष आस्था है.चलिए छत्तीसगढ़ के इस प्रसिद्ध शिव मंदिर के पौराणिक महत्व के बारे में आपको बताते हैं..
खरौद नगर में रहस्यमयी शिव मंदिर का अनोखा रहस्य
छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के शिवरीनारायण से करीब 3 किलोमीटर दूर खरौद नगर में रहस्यमयी शिव मंदिर लक्ष्मणेश्वर महादेव स्थित है. ईस मन्दिर में भक्तों की विशेष आस्था है.यहां जो शिवलिंग है उसकी आकृति अनोखी है यह शिवलिंग रामायण काल का बताया जाता है.सावन और शिवरात्रि के दिनों में भक्तों का तांता लगा रहता है.
छत्तीसगढ़ का काशी कहा जाता है, खर-दूषण का किया था वध
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार किवंदति प्रचलित है. भगवान राम ने यहां पर खर व दूषण नाम के असुरों का वध किया था. तबसे इस जगह का नाम खरौद पड़ा. इसे छत्तीसगढ़ का काशी भी कहा जाता है. इस शिवलिंग का इतिहास लक्ष्मण जी से भी जुड़ा हुआ है.कहते हैं उन्होंने यहां शिवलिंग स्थापित किया था.और पूजन किया था.तबसे इस मंदिर का नाम लक्ष्मणेश्वर महादेव पड़ गया.सावन और शिवरात्रि पर्व में इस मंदिर में मेला लगता है.
लक्ष्मण जी ने की थी स्थापना एक लाख छिद्र है शिवलिंग में
लक्ष्मणेश्वर महादेव मंदिर के गर्भगृह में एक शिवलिंग है. कहा जाता है कि इसकी स्थापना मर्यादापुरुषोत्तम राम के अनुज लक्ष्मण ने की थी.तबसे नाम पड़ गया लक्ष्मणेश्वर महादेव.इस मंदिर में जो शिवलिंग है उसमें लाख छिद्र है. इसे लक्षलिंग कहा जाता है.एक लाख छिद्रों वाला यह दुनिया का एकलौता शिवलिंग है. लक्ष्मणेश्वर शिवलिंग में एक लाख छिद्र हैं इसमें जितना भी जल डालो वो सब उसमें समा जाता है. एक छिद्र अक्षय कुण्ड है इसमें जल हमेशा भरा ही रहता है. लक्षलिंग जमीन से करीब 30 फीट ऊपर है और इसे स्वयंभू भी कहा जाता है.
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