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Mahashivratri Kab Hai 2024: कब हैं 'महाशिवरात्रि' का महापर्व? क्या है इसके पीछे की कहानी, जानिए पौराणिक महत्व

Mahashivratri Kab Hai 2024: कब हैं 'महाशिवरात्रि' का महापर्व? क्या है इसके पीछे की कहानी, जानिए पौराणिक महत्व हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा (Worship Lord Shiva) बेहद शुभ व फलदायी मानी गई है. देश व दुनिया भर में भोलेनाथ के बहुत ही प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर हैं. फाल्गुन की शुरुआत हो चुकी है महाशिवरात्रि (Mahashivratri) का पर्व नजदीक आ रहा है. यह पर्व फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महापर्व के रूप में मनाया जाता है. इस साल महाशिवरात्रि का पर्व 8 मार्च को है. विधि-विधान से शिव जी का पूजन और व्रत करना फलदायी माना गया है.
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Lakhimpur Kheri Frog Temple: देश के इस इकलौते मन्दिर में मेंढक की होती है पूजा ! पीठ पर विराजमान है शिवजी, जानिए पौराणिक महत्व

Lakhimpur Kheri Frog Temple: देश के इस इकलौते मन्दिर में मेंढक की होती है पूजा ! पीठ पर विराजमान है शिवजी, जानिए पौराणिक महत्व हमारा देश कई रहस्यों से घिरा हुआ है.यहां कई ऐसे चमत्कारी और अनोखे प्राचीन शिव मंदिर हैं जिनकी अद्धभुत मान्यता है.लखीमपुर के ओयल कस्बे में मण्डूक तंत्र पर आधारित मेढक मन्दिर है,कहा जाता है कि यहां मेढक की पूजा होती है.यह देश का इकलौता मन्दिर है जहां मेंढक की पूजा होती है.यहां मेढक की पीठ पर शिवजी विराजमान रहते हैं,शिवलिंग का रंग तीन बार दिन में बदलता है.यहां सावन ,शिवरात्रि में भक्तों की अपार भीड़ उमड़ती है.
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Bodheswar Mahadev: इस प्राचीन पंचमुखी शिवलिंग के स्पर्श करने मात्र से असाध्य रोगों से मिलती है मुक्ति, जानिए पौराणिक महत्व

Bodheswar Mahadev: इस प्राचीन पंचमुखी शिवलिंग के स्पर्श करने मात्र से असाध्य रोगों से मिलती है मुक्ति, जानिए पौराणिक महत्व उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बांगरमऊ के पास स्थित प्राचीन शिव मंदिर में भक्तों की विशेष आस्था है.यहां मान्यता है कि बाबा के शिवलिंग के स्पर्श से ही असाध्य रोगों से मुक्ति मिल जाती है.सावन मास में यहां भक्तों की अपार भीड़ उमड़ती है.इस पंचमुखी शिवमंदिर को बोधेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है.
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Lakshmaneshwar Mahadev : जानिए इस शिव मंदिर के शिवलिंग में क्यों हैं एक लाख छिद्र ! शेषावतार लक्ष्मण ने की थी पूजा

Lakshmaneshwar Mahadev : जानिए इस शिव मंदिर के शिवलिंग में क्यों हैं एक लाख छिद्र ! शेषावतार लक्ष्मण ने की थी पूजा छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा में अनोखा शिव मंदिर है.यह मन्दिर रामायणकालीन बताया जाता है.यहां जो शिवलिंग है उसमें एक लाख छिद्र हैं.उनमें से एक छिद्र पातालगामी है.जिसमें जल चढ़ाओ वह कभी रुकता नहीं है.मान्यता है वह जल पाताल लोक में जाता है.
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Mp Someshwar Mahadev : ऊंची पहाड़ी पर सोमेश्वर महादेव ! साल में एक दिन खुलता है मंदिर का ताला, जानिए क्या है पौराणिक महत्व

Mp Someshwar Mahadev : ऊंची पहाड़ी पर सोमेश्वर महादेव ! साल में एक दिन खुलता है मंदिर का ताला, जानिए क्या है पौराणिक महत्व मध्यप्रदेश के रायसेन जिले की पहाड़ी पर 12 वीं सदी का एक ऐसा रहस्यमयी शिव मंदिर है जिसके पट साल में एक बार शिवरात्रि में खुलते हैं.भक्त सावन व अन्य दिनों में आते रहते हैं.दर्शन बाहर से ही करते हैं और यहां दरवाजे पर ही मन्नत के लिए ताला और धागा बांधने की प्रथा चली आ रही है.यह मंदिर सोमेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है.
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Tuti Jharna Temple : इस रहस्यमयी शिवलिंग पर माँ गंगा 24 घण्टे करती हैं अभिषेक ! वैज्ञानिक भी हैं हैरान, मंदिर का हैंडपंप भी बना आकर्षण का केंद्र

Tuti Jharna Temple : इस रहस्यमयी शिवलिंग पर माँ गंगा 24 घण्टे करती हैं अभिषेक ! वैज्ञानिक भी हैं हैरान, मंदिर का हैंडपंप भी बना आकर्षण का केंद्र झारखंड के रामगढ़ जिले में एक ऐसा रहस्यमयी शिव मंदिर है.जहां 12 महीने 24 घण्टे शिवलिंग पर जलाभिषेक होता रहता है.आजतक इस बात का रहस्य कोई नहीं जान पाया कि ये जल आता कहां से है.मान्यता है कि शिवलिंग पर माँ गंगा अभिषेक करती हैं.इस मंदिर को टूटी झरना मन्दिर कहा जाता है.
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Auraiya Devkali Temple : जौ के जितना साल में एक बार बढ़ता है शिवलिंग,यमुना किनारे घोर बीहड़ में कभी इस क्षेत्र में था कुख्यात डाकुओं का आतंक

Auraiya Devkali Temple : जौ के जितना साल में एक बार बढ़ता है शिवलिंग,यमुना किनारे घोर बीहड़ में कभी इस क्षेत्र में था कुख्यात डाकुओं का आतंक उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में यमुना नदी के पास प्राचीन और रहस्यमयी शिव मंदिर है.जिसे देवकली मन्दिर कहा जाता है.कई दशक पहले यहां दुर्गम बीहड़ क्षेत्र था, यहां बड़ी-बड़ी गहरी घाटियों में डाकुओं का आतंक रहा.जिसकी वजह से लोग यहां आने में कतराते थे. इस मंदिर की मान्यता है कि शिवरात्रि के दिन जौ बराबर शिवलिंग बढ़ता है. कई जनपदों से कावड़िये और भक्त यहां दर्शन के लिए पहुँचते हैं.
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Jatoli Shiv Temple : हिमाचल के सोलन में है एशिया का सबसे ऊंचा शिव मन्दिर,पत्थरों से निकलती है डमरू जैसी आवाज

Jatoli Shiv Temple : हिमाचल के सोलन में है एशिया का सबसे ऊंचा शिव मन्दिर,पत्थरों से निकलती है डमरू जैसी आवाज हिमाचल प्रदेश के सोलन में एशिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर है दक्षिण द्रविड़ शैली में बने इस अनूठे मंदिर का अलग ही महत्व है.यह मंदिर जटोली शिव मंदिर के नाम से जाना जाता है.यहां ऐसी मान्यता है कि यहां मंदिर परिसर में पत्थरों को थपथपाने पर डमरु की आवाज निकलती है. पर्यटक स्थल होने के चलते यहां पर भक्तों का तांता लगा रहता है.
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Matyagajendra Nath Temple : वनवास के समय यहां निवास करने के लिए प्रभू श्रीराम ने Chitrakoot के क्षेत्रपाल मत्यगजेंद्र नाथ से ली थी आज्ञा, जानिए पौरोणिक महत्व

Matyagajendra Nath Temple : वनवास के समय यहां निवास करने के लिए प्रभू श्रीराम ने Chitrakoot के क्षेत्रपाल मत्यगजेंद्र नाथ से ली थी आज्ञा, जानिए पौरोणिक महत्व मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की तपोस्थली चित्रकूट धाम में कई प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है.यहां कण-कण में देवता निवास करते हैं.यहां प्रभू श्री रामचन्द्र और लक्ष्मण जी ने मत्यगजेंद्र स्वामी के दर्शन कर यहां निवास करने की इजाजत ली थी.जिसके बाद प्रभू राम ,माता सीता और भ्राता लक्ष्मण ने यहां साढ़े 11 वर्ष बिताए. मत्यगजेंद्र स्वामी को चित्रकूट का क्षेत्रपाल भी कहा जाता है.आमदिनों के साथ श्रावण मास में यहाँ देश-विदेश से भक्तों का तांता लगा रहता है.
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Pataleshwar Shiv Temple : जानिए इस अनोखे शिव मंदिर के बारे में, जहां शिवलिंग पर चढ़ाई जाती है झाड़ू-कुष्ठ रोगों से मिलती है मुक्ति

Pataleshwar Shiv Temple : जानिए इस अनोखे शिव मंदिर के बारे में, जहां शिवलिंग पर चढ़ाई जाती है झाड़ू-कुष्ठ रोगों से मिलती है मुक्ति उत्तर प्रदेश का एक ऐसा अनोखा शिव मंदिर जहां शिवलिंग पर झाड़ू चढ़ाई जाती है.यह मंदिर मुरादाबाद जिले के बीहजोई गांव में स्थित है.जिसे पतालेश्वर शिव मंदिर कहते हैं.भक्तों की ऐसी आस्था है और यहां की मान्यता भी है कि ,शिवलिंग पर झाड़ू चढ़ाने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और त्वचा रोगों से मुक्ति मिलती है.
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Rameshwaram Jyotirling Temple : मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभू श्री राम ने की थी इस शिवलिंग की पूजा, कहलाया रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग-जानिए पौराणिक महत्व

Rameshwaram Jyotirling Temple : मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभू श्री राम ने की थी इस शिवलिंग की पूजा, कहलाया रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग-जानिए पौराणिक महत्व तमिलनाडु में रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग का महत्व मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभू श्री राम से जुड़ा हुआ है.यहां प्रभू ने ब्रह्म हत्या के पाप का प्रायश्चित कर भोलेनाथ की विधि विधान से पूजन किया था.यहां पर एक कुंड है जिसमें स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और रोगों से मुक्ति मिलती है. आम दिनों और सावन के दिनों में हमेशा एक जैसी भीड़ बनी रहती है.
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Prithvi Nath Temple Gonda : सावन स्पेशल-गदाधारी भीम से जुड़ा है इस पृथ्वीनाथ मंदिर का इतिहास,जानिए इसके पीछे का रहस्य

Prithvi Nath Temple Gonda : सावन स्पेशल-गदाधारी भीम से जुड़ा है इस पृथ्वीनाथ मंदिर का इतिहास,जानिए इसके पीछे का रहस्य Sawan 2023 Prithvinath Temple: सावन का पवित्र मास शुरू हो चुका है. हर-हर महादेव के जयकारों से शिवालय गूंज उठे है.प्रसिद्ध नदियों से कांवड़िये जल लेकर देश के प्रसिद्ध शिव मंदिरों में पहुंच रहे हैं. उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में एक ऐसा शिव मंदिर जिसे एशिया का सबसे बड़ा शिवलिंग कहा जाता है.पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसका इतिहास महाभारत काल से जुड़ा बताया जाता है.
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