lord shiva
<% catList.forEach(function(cat){ %> <%= cat.label %> <% }); %>
<%- node_title %>
Published On
By <%= createdBy.user_fullname %>
<%- node_title %>
Published On
By <%= createdBy.user_fullname %>
<% if(node_description!==false) { %> <%= node_description %>
<% } %> <% catList.forEach(function(cat){ %> <%= cat.label %> <% }); %>
Read More... Sawan Sampat Shanivar: सावन में शिव के साथ शनि भी होते हैं प्रसन्न ! जानिए संपत शनिवार का महत्व, पूजा विधि और लाभ
Published On
By Vishwa Deepak Awasthi
सावन को शिव का प्रिय महीना माना जाता है, लेकिन इस दौरान शनि देव की उपासना भी विशेष फलदायी मानी गई है. हर शनिवार संपत शनिवार (Sampat Shanivar) कहलाता है, जिसमें शनिदेव को प्रसन्न करने से जीवन की हर बाधा दूर होती है. जानिए इसका महत्व, पूजा विधि और उपाय. Lakhimpur Kheri Frog Temple: देश के इस इकलौते मन्दिर में मेंढक की होती है पूजा ! पीठ पर विराजमान है शिवजी, जानिए पौराणिक महत्व
Published On
By Vishal Shukla
हमारा देश कई रहस्यों से घिरा हुआ है.यहां कई ऐसे चमत्कारी और अनोखे प्राचीन शिव मंदिर हैं जिनकी अद्धभुत मान्यता है.लखीमपुर के ओयल कस्बे में मण्डूक तंत्र पर आधारित मेढक मन्दिर है,कहा जाता है कि यहां मेढक की पूजा होती है.यह देश का इकलौता मन्दिर है जहां मेंढक की पूजा होती है.यहां मेढक की पीठ पर शिवजी विराजमान रहते हैं,शिवलिंग का रंग तीन बार दिन में बदलता है.यहां सावन ,शिवरात्रि में भक्तों की अपार भीड़ उमड़ती है. Mahashivratri Kab Hai 2024: कब हैं 'महाशिवरात्रि' का महापर्व? क्या है इसके पीछे की कहानी, जानिए पौराणिक महत्व
Published On
By Vishal Shukla
हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा (Worship Lord Shiva) बेहद शुभ व फलदायी मानी गई है. देश व दुनिया भर में भोलेनाथ के बहुत ही प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर हैं. फाल्गुन की शुरुआत हो चुकी है महाशिवरात्रि (Mahashivratri) का पर्व नजदीक आ रहा है. यह पर्व फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महापर्व के रूप में मनाया जाता है. इस साल महाशिवरात्रि का पर्व 8 मार्च को है. विधि-विधान से शिव जी का पूजन और व्रत करना फलदायी माना गया है. Bodheswar Mahadev: इस प्राचीन पंचमुखी शिवलिंग के स्पर्श करने मात्र से असाध्य रोगों से मिलती है मुक्ति, जानिए पौराणिक महत्व
Published On
By Vishal Shukla
उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बांगरमऊ के पास स्थित प्राचीन शिव मंदिर में भक्तों की विशेष आस्था है.यहां मान्यता है कि बाबा के शिवलिंग के स्पर्श से ही असाध्य रोगों से मुक्ति मिल जाती है.सावन मास में यहां भक्तों की अपार भीड़ उमड़ती है.इस पंचमुखी शिवमंदिर को बोधेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है. Lakshmaneshwar Mahadev : जानिए इस शिव मंदिर के शिवलिंग में क्यों हैं एक लाख छिद्र ! शेषावतार लक्ष्मण ने की थी पूजा
Published On
By Vishal Shukla
छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा में अनोखा शिव मंदिर है.यह मन्दिर रामायणकालीन बताया जाता है.यहां जो शिवलिंग है उसमें एक लाख छिद्र हैं.उनमें से एक छिद्र पातालगामी है.जिसमें जल चढ़ाओ वह कभी रुकता नहीं है.मान्यता है वह जल पाताल लोक में जाता है. Mp Someshwar Mahadev : ऊंची पहाड़ी पर सोमेश्वर महादेव ! साल में एक दिन खुलता है मंदिर का ताला, जानिए क्या है पौराणिक महत्व
Published On
By Vishal Shukla
मध्यप्रदेश के रायसेन जिले की पहाड़ी पर 12 वीं सदी का एक ऐसा रहस्यमयी शिव मंदिर है जिसके पट साल में एक बार शिवरात्रि में खुलते हैं.भक्त सावन व अन्य दिनों में आते रहते हैं.दर्शन बाहर से ही करते हैं और यहां दरवाजे पर ही मन्नत के लिए ताला और धागा बांधने की प्रथा चली आ रही है.यह मंदिर सोमेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है. Tuti Jharna Temple : इस रहस्यमयी शिवलिंग पर माँ गंगा 24 घण्टे करती हैं अभिषेक ! वैज्ञानिक भी हैं हैरान, मंदिर का हैंडपंप भी बना आकर्षण का केंद्र
Published On
By Vishal Shukla
झारखंड के रामगढ़ जिले में एक ऐसा रहस्यमयी शिव मंदिर है.जहां 12 महीने 24 घण्टे शिवलिंग पर जलाभिषेक होता रहता है.आजतक इस बात का रहस्य कोई नहीं जान पाया कि ये जल आता कहां से है.मान्यता है कि शिवलिंग पर माँ गंगा अभिषेक करती हैं.इस मंदिर को टूटी झरना मन्दिर कहा जाता है. Auraiya Devkali Temple : जौ के जितना साल में एक बार बढ़ता है शिवलिंग,यमुना किनारे घोर बीहड़ में कभी इस क्षेत्र में था कुख्यात डाकुओं का आतंक
Published On
By Vishal Shukla
उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में यमुना नदी के पास प्राचीन और रहस्यमयी शिव मंदिर है.जिसे देवकली मन्दिर कहा जाता है.कई दशक पहले यहां दुर्गम बीहड़ क्षेत्र था, यहां बड़ी-बड़ी गहरी घाटियों में डाकुओं का आतंक रहा.जिसकी वजह से लोग यहां आने में कतराते थे. इस मंदिर की मान्यता है कि शिवरात्रि के दिन जौ बराबर शिवलिंग बढ़ता है. कई जनपदों से कावड़िये और भक्त यहां दर्शन के लिए पहुँचते हैं. Jatoli Shiv Temple : हिमाचल के सोलन में है एशिया का सबसे ऊंचा शिव मन्दिर,पत्थरों से निकलती है डमरू जैसी आवाज
Published On
By Vishal Shukla
हिमाचल प्रदेश के सोलन में एशिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर है दक्षिण द्रविड़ शैली में बने इस अनूठे मंदिर का अलग ही महत्व है.यह मंदिर जटोली शिव मंदिर के नाम से जाना जाता है.यहां ऐसी मान्यता है कि यहां मंदिर परिसर में पत्थरों को थपथपाने पर डमरु की आवाज निकलती है. पर्यटक स्थल होने के चलते यहां पर भक्तों का तांता लगा रहता है. Matyagajendra Nath Temple : वनवास के समय यहां निवास करने के लिए प्रभू श्रीराम ने Chitrakoot के क्षेत्रपाल मत्यगजेंद्र नाथ से ली थी आज्ञा, जानिए पौरोणिक महत्व
Published On
By Vishal Shukla
मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की तपोस्थली चित्रकूट धाम में कई प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है.यहां कण-कण में देवता निवास करते हैं.यहां प्रभू श्री रामचन्द्र और लक्ष्मण जी ने मत्यगजेंद्र स्वामी के दर्शन कर यहां निवास करने की इजाजत ली थी.जिसके बाद प्रभू राम ,माता सीता और भ्राता लक्ष्मण ने यहां साढ़े 11 वर्ष बिताए. मत्यगजेंद्र स्वामी को चित्रकूट का क्षेत्रपाल भी कहा जाता है.आमदिनों के साथ श्रावण मास में यहाँ देश-विदेश से भक्तों का तांता लगा रहता है. Pataleshwar Shiv Temple : जानिए इस अनोखे शिव मंदिर के बारे में, जहां शिवलिंग पर चढ़ाई जाती है झाड़ू-कुष्ठ रोगों से मिलती है मुक्ति
Published On
By Vishal Shukla
उत्तर प्रदेश का एक ऐसा अनोखा शिव मंदिर जहां शिवलिंग पर झाड़ू चढ़ाई जाती है.यह मंदिर मुरादाबाद जिले के बीहजोई गांव में स्थित है.जिसे पतालेश्वर शिव मंदिर कहते हैं.भक्तों की ऐसी आस्था है और यहां की मान्यता भी है कि ,शिवलिंग पर झाड़ू चढ़ाने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और त्वचा रोगों से मुक्ति मिलती है. Rameshwaram Jyotirling Temple : मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभू श्री राम ने की थी इस शिवलिंग की पूजा, कहलाया रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग-जानिए पौराणिक महत्व
Published On
By Vishal Shukla
तमिलनाडु में रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग का महत्व मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभू श्री राम से जुड़ा हुआ है.यहां प्रभू ने ब्रह्म हत्या के पाप का प्रायश्चित कर भोलेनाथ की विधि विधान से पूजन किया था.यहां पर एक कुंड है जिसमें स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और रोगों से मुक्ति मिलती है. आम दिनों और सावन के दिनों में हमेशा एक जैसी भीड़ बनी रहती है. 