Indian Flag History: जानिए आज़ाद भारत के इतिहास में राष्ट्रीय ध्वज का कितनी बार बदला स्वरूप
- By युगान्तर प्रवाह संवाददाता
- Published 13 Aug 2023 11:20 AM
- Updated 03 Oct 2023 02:46 PM
1857 से 1947 तक 90 वर्ष बाद 15 अगस्त 1947 को हमारा देश आज़ाद हुआ.आज़ादी के मतवालों ने अपने बलिदान की बदौलत देश को आज़ाद कराया. लाल किले की प्राचीर से प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने तिरंगा झंडा फहराया.अबतक के इतिहास में भारतीय ध्वज का 6 बार स्वरूप बदल चुका है.
हाइलाइट्स
भारत के इतिहास में अबतक 6 बार बदला ध्वज का स्वरूप
आज़ादी की लड़ाई शुरू होते ही 1907 से 1947 तक चलता रहा सफर, आज तिरंगा झंडा फहराया जाता है
देश की स्वतंत्रता के लिए वीर स्वतंत्रता सेनानियों ने दी थीं कुर्बानियां
Flag changed 6 times in the history : अंग्रेजों को देश की सरजमीं से बाहर का रास्ता दिखाने में सबसे ज्यादा अहम योगदान स्वतन्त्रता सेनानियों का रहा है.1857 की क्रांति में ब्रिटिश हुकूमत पर जमकर हल्ला बोला था. देश को इनके जुल्मों से मुक्त करना आज़ाद भारत का सपना आखिर 15 अगस्त 1947 को पूरा हुआ.इस बीच न जाने कितनी कुर्बानियां दी गईं.इस बीच लोगों के मन में यह सवाल बना रहता है, कि उसवक्त ध्वज का क्या स्वरूप था.अबतक के इतिहास में 6 बार राष्ट्रीय ध्वज का स्वरूप बदला है.आपको बताते हैं कि ऐसा कब-कब हुआ..
स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से प्रधानमंत्री करेंगे ध्वजारोहण
15 अगस्त 2023 अपनी 76 वीं वर्षगांठ और 77 वां स्वतन्त्रता दिवस बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा.देश की स्वतन्त्रता की अलख जगाने वाले वीर सेनानियों के त्याग और बलिदान को याद किया जाता है.लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ध्वजारोहण करेंगे और फिर राष्ट्रगान होता है.उस वक्त समस्त देशवासी भी इस राष्ट्रीय पर्व में ध्वजारोहण के दौरान जगह-जगह शामिल होते हैं.
आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा देश,6 बार बदल चुका है अबतक के इतिहास में ध्वज
15 अगस्त 2021 से पूरे देश में आजादी का अमृत महोत्सव भी मनाया जा रहा है. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपील की थी ,हर घर तिरंगा अभियान चलाने की,तबसे देशवासी इस अभियान को कंधे से कंधा मिलाकर कर रहे हैं. गांव-गांव, शहर शहर और घरों और प्रतिष्ठानों पर तिरंगा फहराया जाने लगा. आपको बता दें कि अब तक भारत के इतिहास काल में 6 बार देश का झंडा बदला गया है, 1947 के बाद झंडे का बदलाव नहीं हुआ.
आज़ादी की लड़ाई के शुरुआत में 1906 से ध्वज की हुई शुरुआत
पहली दफा 1906 में ध्वज मिला.इस दरमियां स्वतंत्रता सेनानियों की आजादी की लड़ाई काफी तेजी से आगे बढ़ रही थी. यहां पर स्वतंत्रता सेनानी व क्रांतिकारी के दल झंडा भी प्रस्तावित कर रहे थे. देश का पहला प्रस्तावित झंडा 1906 को सामने आया. 7 अगस्त 1906 को पारसी बागान चौक कोलकाता में यह झंडा फहराया गया था.झंडे में तीन हरे, पीले और लाल रंग की पट्टियां थी. हरे रंग वाली पट्टी में आठ कमल के सफेद फूल थे.
बीच की पीली पट्टी में नीले रंग से वंदे मातरम लिखा हुआ था. और नीचे लाल रंग की पट्टी में सफेद रंग से चांद और सूरज के चित्र थे. उसके अगले ही साल 1907 में देश का दूसरा नया झंडा सामने आया. इसमें मैडम भीकाजी कामा और कुछ क्रांतिकारियों द्वारा पेरिस में झंडा फहराया गया था. इसमें केसरिया पीले और हरे रंग की तीन पट्टी थी. बीच में वंदे मातरम लिखा हुआ था. इसमें चांद और सूरज के साथ आठ सितारे भी बने हुए थे.
बदलते रहे ध्वज के स्वरूप
तीसरी दफा 1917 में देश के लिए झंडा प्रस्तावित किया गया.डॉक्टर एनी बेसेंट और लोकमान्य तिलक ने इसे फहराया था. इस झंडे में पांच लाल और चार हरे रंग की पत्तियां थी. झंडे के आखिरी छोर की ओर काले रंग में त्रिकोणनुमा आकृति बनी हुई थी. और बाएं तरफ यूनियन जैक भी था. एक चांद और तारे के साथ इसमे सात तारे भी शामिल किए गए थे. चौथी दफा 1921 में फिर झंडे का स्वरूप बदला. यह झंडा हरे और लाल रंग का बना हुआ था. इसे आंध्र प्रदेश के एक व्यक्ति ने महात्मा गांधी को दिया था. हालांकि इसमें कुछ बदलाव भी हुए इसमें सफेद रंग की एक पट्टी और जोड़ी गई. बीच में चलता हुआ चरखा भी लगाया गया.
आखिरकार 15 अगस्त को मिला हमारा तिरंगा
पांचवी दफा फिर से एक बार 1931 में झंडा का स्वरूप बदला.इस झंडे के ऊपर केसरिया रंग बीच में सफेद रंग और आखिर में हरे रंग की पट्टी थी. सफेद पट्टी में छोटे आकार का चरखा भी दर्शाया गया. सफेद पट्टी चरखा राष्ट्र की प्रगति का प्रतीक बताया गया. इस झंडे को इंडियन नेशनल कांग्रेस ने आधिकारिक तौर पर अपनाया.आखिरकार आजादी का दिन आ ही गया. देश अंग्रेजों की हुकूमत से आजाद हुआ था. 15 अगस्त 1947 को आखिरकार हमें देश का तिरंगा मिल गया. 1931 में बने झंडे में कुछ बदलाव किया गया. 22 जुलाई 1947 में भारत का नया राष्ट्रीय ध्वज प्राप्त हुआ.
चरखे की जगह अशोक चक्र
इस ध्वज में चरखे की जगह अशोक चक्र जिसे नीले रंग में दिखाया गया. इस चक्र में 24 तीलियां जिन्हें विधि का चक्र भी कहा जाता है. इसे पिंगली वेंकैया ने तैयार किया था. जिसमें ऊपर केसरिया बीच में सफेद और सबसे नीचे हरे रंग की पट्टी है.और अशोक चक्र की 24 तीलियां. केसरिया रंग देश की शक्ति और साहस को दर्शाता है.सफेद पट्टी धर्म चक्र के साथ शांति और सत्य का प्रतीक है.हरी पट्टी उर्वरता,वृद्धि और भूमि की पवित्रता को दर्शाता है.
अगर बात की जाए ध्वज के लंबाई और चौड़ाई की तो भारत का राष्ट्रीय ध्वज 3:2 के आकार में होती है.1947 से देश में तिरंगा झंडा ही फहराया जा रहा है. पहली दफा यह झंडा 15 अगस्त 1947 को लाल किले से देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने फहराया था.एक बार फिर 15 अगस्त 2023 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले से ध्वजारोहण करेंगे.