Fatehpur Sewer Line Issue : चुनावी वादों से अधर में अटका फतेहपुर सीवर लाइन प्रोजेक्ट,33 सालों में जनता से छलावा
- By विश्वदीपक अवस्थी
- Published 29 Apr 2023 09:42 PM
- Updated 06 Dec 2023 05:02 PM
फतेहपुर की जनता 33 वर्षों से जिस सीवर लाइन प्रोजेक्ट की आश लगाए बैठी है वो लगातार चुनावी हिचकोले खा रही है. सत्ता बदली और निज़ाम भी बदले लेकिन समस्या वैसी ही बनी हुई है. चुनाव आते ही सीवर लाइन मुद्दे को हवा दे दी जाती है उसके बाद आने वाले सालों में केंद्र राज्य और नगरीय विकास को दोषी करार देते हुए सभी राजनेता इससे पल्ला झाड़ लेते हैं. इस बार फिर नगर निकाय चुनाव में सत्ता चाहने वाले इसे मुद्दा बनाकर जनता के सामने शिगूफा छोड़ रहे हैं
हाइलाइट्स
फतेहपुर की सीवर लाइन योजना 33 वर्षों से राजनीति की चढ़ रही भेंट जनता से हो रहा छलावा
वीपी सिंह की सरकार में 1990 के दशक में पहली बार रखी गई थी सीवर लाइन की आधार शिला
फतेहपुर निकाय चुनाव में फिर उठा सीवर लाइन का मुद्दा दो करोड़ 76 लाख से करोड़ों में पहुंच गया है इसका
Fatehpur Sewar Line Project : चुनाव आते ही सत्ता चाहने वाले जनता से कई सारे करते हैं लेकिन उसके बाद ना तो उस घोषणा पत्र की बात होती है ना ही उनके द्वारा जनता से किया गया वादा ही याद रहता है. सत्ता के आशन पर बैठकर उन्हे केवल "स्वान्त: सुखाय" की परिभाषा याद रहती है. यूपी में इस समय नगरीय निकाय चुनाव चल रहे हैं और सभी दल ने घोषणा पत्र का अपना पिटारा खोल दिया है. फतेहपुर नगर पालिका क्षेत्र में विकास का पुराना मुद्दा 33 वर्षों से लीपापोती का शिकार हो रहा है जिसे सीवर लाइन प्रोजेक्ट कहते है
90 के दशक में पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने रखी थी सीवर लाइन प्रोजेक्ट की आधारशिला
फतेहपुर शहर में जल भराव और निकासी की समस्या को दूर करने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री और जिले के सांसद वीपी सिंह ने इसकी आधार शिला रखी थी 1990 में इस प्रोजेक्ट के लिए बजट भी आवंटित हुआ था और तांबेश्वर मंदिर के पीछे खुद वीपी सिंह ने इसकी आधार शिला रखी थी लेकिन कुछ समय बाद केंद्र की सरकार गिरने के बाद यह योजना ठप हो गई और आवंटित बजट वापस चला गया.
सपा शासन काल में फिर उठा सीवर लाइन का मुद्दा
सपा शासन काल में सीवर लाइन का मुद्दा उठा था और इसके लिए बकायत डीपीआर बनाकर बजट भी आवंटित किया गया था लेकिन उस पर भी कुछ नहीं हुआ. विधासभा चुनाव के दौरान तत्कालीन सदर विधायक विक्रम सिंह से जब इसपर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा था कि सपा सरकार में 240 करोड़ का डीपीआर लोगों की आंख में धूल झोंकने जैसा था ना तो उसमे एसटीपी था ना ही उसकी प्लानिंग सही थी. उन्होंने कहा आने वाले समय में इसके लिए सही ढंग से कार्ययोजना बनाते हुए क्रियान्वन कराया जाएगा.
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भी उठ चुका है सीवर लाइन का मुद्दा
लोकसभा चुनाव 2019 के पहले एक बार फिर शहर की सीवर लाइन प्रोजेक्ट का मुद्दा जनता के बीच फिर आया था इस बार तो लगा की सीवर लाइन बन ही जायेगी. आननफानन में नगर पालिका ने मदारीपुर, आबूनगर, जलनिगम के समीप और अंदौली रोड पर पंप हाउस निर्माण के लिए जमीन चिह्नित कर सीवर लाइन के बोर्ड भी लगाए गए और जलनिगम ने इसके लिए डीपीआर बनाकर शासन को भेजा भी था लेकिन चुनाव के बाद फिर से वही हाल रहा और ये प्रॉजेक्ट अटक गया. जिले की सांसद साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा था की सीवर लाइन प्रोजेक्ट के लिए मंजूरी मिल चुकी है लेकिन अभी तक वो प्रोजेक्ट अमल में नहीं आया.
कई बाद बदला जा चुका है सीवर लाइन का डीपीआर
सीवर लाइन प्रोजेक्ट का डीपीआर कई बार भेजा जा चुका है. अगर वर्ष 1990 की बात करें तो उस समय जिला प्रशासन की ओर से दो करोड़ 76 लाख रुपए की कार्ययोजना बनाकर भेजी गई थी जो की 33 वर्षों में गई करोड़ हो चुकी है अगर उस समय ये योजना बनकर तैयार हो जाती तो जनता का पैसा कई गुना बचता.
सीवर लाइन प्रोजेक्ट के साथ सभी दलों ने की ना इंसाफी क्या कर रही है डबल इंजन की सरकार
फतेहपुर शहर की महत्वपूर्ण योजना सीवर लाइन को लेकर सपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य संतोष द्विवेदी ने कहा कि वीपी सिंह की सरकार तो सिर्फ 11 महीने ही चली थी लेकिन ये डबल इंजन की सरकार को केंद्र और राज्य में मिलाकर 11 वर्ष हो गए हैं लेकिन फिर भी शहर की महत्वाकांक्षी योजना सीवर लाइन को बना नहीं पाए. उन्होंने कहा सभी दलों ने फतेहपुर की जनता को धोखा दिया है लेकर चुनाव के समय लगता है जैसे कल ही सीवर लाइन बनकर तैयार हो जाएगी लेकिन चुनाव के बाद उसपर कोई बात नहीं करता.