ISRO Scientist Death: इसरो के मिशन में उल्टी गिनती वाली आवाज हुई खामोश, चन्द्रयान-3 की लांचिंग पर दी थी आवाज, वैज्ञानिक एन. वलारमथी का निधन
N Valarmathi Passes Away: चंद्रयान 3 की सफल लांचिंग में उल्टी गिनती के जरिये अपनी आवाज देने वाली इसरो वैज्ञानिक एन वलारमथी का ह्र्दयगति रुकने से निधन हो गया.उनके निधन की सूचना पर इसरो वैज्ञानिकों समेत तमाम लोगों ने दुख व्यक्त करते हुए श्रद्धान्जलि दी है.

हाईलाइट्स
- इसरो वैज्ञानिक एन. वलारमथी का ह्र्दयगति रुकने से निधन,शोक की लहर
- इसरो के मिशन में उल्टी गिनती की आवाज देने वाली थी वैज्ञानिक
- चन्द्रयान 3 की लांचिंग पर दी गयी आवाज उनकी अंतिम आवाज थी
ISRO Scientist N Valaramathi Passed away : सफल चन्द्रयान 3 मिशन के लांचिग के दौरान उल्टी गिनती के काउंटडाउन की आवाज अब जिंदगी भर के लिए खामोश हो गई. यह वही आवाज थी, जिसने भारत के मून मिशन में अपनी आवाज से अहम रोल अदा किया था. वैज्ञानिक एन. वलारमथी ने दुनिया को अलविदा कह दिया. लेकिन उनकी उपलब्धियों को हमेशा इसरो के वैज्ञानिक समेत पूरा देश याद करेगा.
23 अगस्त को दुनिया ने देखा था भारत का दम
23 अगस्त 2023 का दिन भारत के लिए स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया. मून मिशन की कामयाबी पर पूरे देश और दुनिया ने भारत का दम देखा. चांद की सतह पर जब विक्रम लैंडर उतरा. भारत भी उन देशों की सूची में शामिल हो गया जो भारत से पहले इस मिशन को पूरा कर चुके थे. भारत चौथा देश बना. इसरो के हर वैज्ञानिक का बहुत ही अहम रोल रहा. इस मिशन में एक आवाज जिसने उल्टी गिनती का कॉउंटडॉउन दिया था वह अब खामोश हो गई है.
खो गयी isro के मिशन को देने वाली आवाज
दरअसल एक खबर ने सबको रुला दिया.चन्द्रयान 3 मिशन की लांचिंग के कॉउंटडॉउन की उल्टी गिनती की आवाज देने वाली वैज्ञानिक एन. वलारमथी का हार्ट अटैक की वजह से निधन हो गया.उनके निधन की सूचना पर शोक की लहर दौड़ गई है. अब भविष्य में इसरो के मिशन के लिए यह आवाज नहीं सुनाई देगी.एन वलारमथि तमिलनाडु के अरियालुर की रहने वाली थी. उनका जाना इसरो के लिए बड़ी क्षति है. उनका निधन शनिवार शाम को हुआ था. वही इसरो प्रमुख समेत वैज्ञानिकों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है.
इसरो ने एक्स पर रोवर लैंडर के बारे में दी जानकारी
इसरो ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि प्रज्ञान रोवर का चन्द्र की सतह पर काम पूरा हो गया है, अब यह स्लीप मोड पर चला गया है. इसे अब सुरक्षित पार्क में किया गया है. APXS और LIBS पेलोड को चंद्र मिट्टी और चट्टानों की मौलिक और खनिज संरचना का विश्लेषण करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.