Kanpur historical city : गंगा की शांति-हंसी के ठहाकों का ये शहर है निराला
ये वही शहर है जिसने अपने सीने में कई राज दबा रखे हैं, यहां के लोग और उनकी बोली भाषा पूरे देश में जानी जाती है, ऐसा कहा जाता है कि, यहां के लोग काफी खुशमिजाज होते हैं, आजादी की लड़ाई में इस शहर का अहम योगदान रहा है, 1857 की क्रान्ति से लेकर स्वतंत्रता की अलख जगाई, यहां पर सभी त्योहार हिंदू मुस्लिम समुदाय के लोग मिलकर मनाते हैं। इसीलिए इस शहर को गंगा जमुनी तहजीब के लिए भी जाना जाता है। अब इस शहर में बनी मीलों से धुआं तो नही निकलता लेकिन गाड़ियों का शोर जरूर है,लेदर सिटी के नाम से प्रसिद्ध ये शहर औद
हाईलाइट्स
- अपने निराले अंदाज और खुशदिल के लिए जाना जाता है कानपुर शहर
- देश की स्वतंत्रता और धरोहरों व कई बड़े राजनीतिक यहां की है देन
- कई सितारे इस शहर ने दिए है देश को
The color of the city of Kanpur situated on the banks of the Ganges is unique.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से करीब अस्सी किलोमीटर दूर पवित्र गंगा नदी के पश्चिमी दिशा में बसा ये शहर अपनी कई खूबियों के चलतें बाकी शहरों से अलग है। कानपुर भारत के उन तमाम शहरों में से एक ऐसा शहर है, जहां पर अंग्रेजों ने सबसे ज्यादा शासन किया था, शहर की शोभा बढ़ाने के साथ-साथ धरोहरों के लिए भी यह शहर जाना जाता है। यहां पर कई चीजें तो ऐसी है जो इस शहर के अलावा दुनिया भर में कहीं पर भी देखने को नहीं मिलेगी। राजधानी दिल्ली और प्रदेशिक राजधानी लखनऊ को एक दूसरे से जोड़ने वाले इस शहर में देश के कोने-कोने से यहाँ लोग पर लोग नौकरी करने आते है.
गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल का है शहर
गंगा किनारे बसे होने के कारण यहां के लोग काफी धार्मिक प्रवृत्ति के हैं,सुबह शाम मंदिरों में होने वाली आरती तो दूसरी तरफ मस्जिदों में होने वाली अज़ान गुरुद्वारे में होने वाले नानक साहब के पाठ तो गिरजाघरों में होने वाली यीशु की प्रार्थना जहाँ रोजाना हजारों लोग माथा टेकने आते है, शिक्षा की दृष्टि से भी इस शहर में एक से बढ़कर एक शिक्षण संस्थान है। जहाँ देश के कोने-कोने से छात्र छात्राएं शिक्षा ग्रहण करने आते है। जिसमे मुख्यता कानपुर आईआईटी दुनिया भर में प्रख्यात है। शायद इसीलिए इस शहर को कोचिंग हब के भी नाम से जाना जाता है। ये वही शहर है जहाँ से देश कई नामी गिरामी बिजिनेसमैनो ने शिक्षा ग्रहण कर आज बड़ी बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों में काम कर रहे है.
कानपुर देश के उन 5 बड़े शहरों की सूची में शुमार है। जहाँ सेंट्रल रेलवे स्टेशन है। यही नही हावड़ा जंक्शन और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के बाद देश का सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन होने के साथ साथ यह दुनिया में सबसे बड़े इंटरलॉकिंग रूट सिस्टम का रिकॉर्ड भी रखता है। साल 1930 में इस स्टेशन की शुरुआत की गई थी। एक शहर से दूसरे शहर को जाने के लिए यहाँ उत्तर प्रदेश परिवहन की भी सुविधा उपलब्ध है। इसके साथ ही हवाई यात्रा के लिए भी कानपुर के चकेरी में बने एयरपोर्ट के जरिये घण्टो का सफर मिनटों में भी किया जा सकता है। यहाँ पर बढ़ती हुई यात्रियों की भीड़ को देखते हुए करोड़ो रूपये खर्च कर इस हवाई अड्डे को और भी सुंदर और आकर्षक बनाया जा रहा है। आधुनिकता के इस बदलते समय मे शहरवासियों की सुविधा के लिए यहाँ दिसंबर 2021 में मेट्रो की शुरआत की गई। जिसके चलते अब कानपुर प्रादेषिक राजधानी लखनऊ के बाद 15वां शहर बन चुका है। जहाँ मैट्रो दौड़ रही है। इसके साथ ही शहर में कई निजी कंपनियां जैसे ola और uber भी लोकल ट्रांसपोर्ट के जरिये बहुत ही तेजी से अपने पैर पसार रही है.
बिठूर की ब्रह्ना खूंटी का अलग महत्व,रामायण काल का है जिक्र
बात की जाए यदि इस शहर के ऐतिहासिक धरोहरो की तो सबसे पहले कानपुर के बिठूर स्थित मां गंगा की गोद के बीचों बीच स्थापित ब्रह्मा खूंटी जिसे दुनिया का मध्यमान लिखा जाता है। इस स्थान को भगवान राम और माता सीता के जन्मे बच्चों लव कुश की जन्मस्थली के नाम से भी जाना जाता है। बच्चों और बड़ों के मनोरंजन के लिए यहां पर थीम पार्क, एलेन फारेस्ट, गंगा बैराज, चिड़ियाघर मल्टीप्लेक्स जैसी जगहों पर जाकर लोग आनन्द लेने ले सकते है। बिजनेसमैनो के साथ-साथ ये शहर बॉलीवुड के लिए भी खास रहा है जिसके चलते कई फिल्मों की शूटिंग भी यहाँ हो चुकी है।यही कारण है कि, कई सारे दिग्गज कलाकार, कॉमेडियन, क्रिकेटर, गायक, राजनेताओ जैसे तमाम दिग्गजो ने इस शहर का नाम दुनियाभर में रोशन किया है।
किसी भी देश की तरक्की का अंदाजा वहां के युवाओं से लगाया जा सकता है बात की जाए कानपुर की तो यहाँ पर शिक्षा के साथ-साथ खेलों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है कानपुर की इस खास धरोहरों में से एक ग्रीन पार्क अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम जिसने कई सारे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों की मेजबानी की है जिसमें टेस्ट मैच से लेकर आईपीएल भी शामिल है। इस मैदान में क्रिकेट के साथ-साथ बच्चों को फुटबॉल, हॉकी, बॉक्सिंग, टेबल टेनिस जूडो और कराटे जैसे खेल भी सिखाए जाते हैं.
रँग भरे त्योहारों का है शहर
कानपुर का नाम आये और होली का जिक्र न हो ऐसा तो हो नही सकता है। जी हां ये देश का ऐसा एकमात्र शहर है। जहाँ होली अगले 7 दिनों तक खेली जाती है और अनुराधा नक्षत्र के गंगा स्नान के साथ इस त्योहार का समापन किया जाता है और इस दिन को गंगा मेला कहते है, साथ ही दीपावली के समय यहां पर होने वाले रामलीला का मंचन इतना भव्य और सुंदर होता है। जिसकी चर्चा दुनिया भर में होती है। यही नही भगवान जगन्नाथ की निकलने वाली शोभायात्रा भी जगन्नाथ पुरी के बाद इसी शहर में निकलती है।
जैसा कि हमने आपको शुरुआत में ही बताया था इस शहर के लोग काफी खुशमिजाज हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हाल ही में संयुक्त राष्ट्र की हैप्पीनेस इंडेक्स 2023 की रिपोर्ट के अनुसार कानपुर शहर देश का पहला ऐसा शहर है जहां खुशमिजाज लोग रहते हैं यही नही दुनिया भर के सूची में ये शहर ने 9वां स्थान प्राप्त कर सभी को चौंका दिया है। इन विशेषताओं के चलते ये शहर देश मे ही नही बल्कि विश्व मे अपना एक अलग ही स्थान रखता है.