Kanpur News In Hindi: ससुराल से प्रताड़ित बेटी को दिलवाया तलाक ! फिर ढोल व गाजे-बाजे की धुन पर ससुराल से विदा कर लाये मायके, ऐसा सिखाया बेटी के पिता ने सबक

यूपी (Up) के कानपुर (Kanpur) में एक अनोखा मामला (Unique Case) देखने को मिला है. जहां पर एक पिता ने दहेज के लोभियों को एक ऐसा सबक सिखाया है. जिसकी सराहना चारों तरफ हो रही है पिता ने बेटी के तलाक (Divorce) के बाद ढोल-नगाड़ों (Music and Fanfare) के साथ उसके ससुराल से विदा कर वापस घर ले आए. बेटी के ससुराल वाले कार और फ्लैट की मांग करने के साथ-साथ उनकी बेटी को उसके रंग रूप को लेकर शारीरिक और मानसिक रूप (Mentally form) से भी प्रताड़ित कर रहे थे जिसके बाद पिता ने यह कदम उठाया है.
दहेज के लोभियों को सिखाया सबक
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर (Kanpur) में दहेज (Dowry) के लोभियों को एक बेटी के पिता ने सबक सिखाया है. विवाहिता बीते 8 साल से अपने ससुराल में घुट-घुट कर जी रही थी. ऐसे में उसके पिता ने पहले तो अपनी बेटी को तलाक (Divorce) दिलवाया और फिर उसके बाद ढोल-नगाड़ों (Music-fanfare) के साथ वहां ससुराल (In law's house) से अपनी बेटी को विदा कर ले आए.

शादी के 8 साल बाद भी करते रहे दहेज के लिए टॉर्चर

वह भी दिल्ली में ही जॉब करता है शादी होने के बाद से ही दोनों दिल्ली में ही रहने लगे थे लेकिन पिता ने आरोप लगाते हुए बताया कि बेटी इकलौती होने के चलते ससुराल पक्ष के लोग शादी के बाद से ही दहेज की मांग (Demand Dowry) करने लगे जिसमें उन्होंने फ्लैट और कार की मांग को लेकर लगातार उर्वी पर दबाव बनाने लगे जब उनकी यह मांग पूरी न हुई तो वह लगातार उसे मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान करने लगे.
बेटी पैदा होने के बाद बनाई दूरियां
पीड़ित पिता ने उठाए ठोस कदम
अलग रहने के बावजूद लगातार दामाद द्वारा उनकी बेटी को टॉर्चर किये जाने से वह मानसिक रूप से काफी परेशान रहने लगी इसके चलते थक-हार कर पिता ने ससुराल वालों को सबक सिखाने और बेटी को उनके चंगुल से छुड़ाने के लिए तलाक की अर्जी दे दी और फिर 28 फरवरी को बेटी का तलाक हो गया जिसके बाद अब परिवार के सभी लोग कानपुर के विमान नगर स्थित बेटी के ससुराल के बाहर ढोल-नगाड़ो के साथ एकत्रित हुए और अपनी बेटी को विदा कर ले आए लेकिन इस दौरान उर्वी ने नम आखों से अपने ससुराल के दरवाजे पर चुन्नी बांधते हुए दीवार पर एक मैसेज भी लिखा जिसमें लिखा था कि आशीष तुम्हारे घर पर कभी खुशियां न लौटे इसके बाद वह रोते हुए अपने मायके चली आई.