Kritika Mishra Kanpur : शिक्षक की बेटी कृतिका मिश्रा बनी IAS अर्जित की 66वीं रैंक जाने कैसे मिली उन्हे सफलता
कानपुर की बेटी ने यूपीएससी परीक्षा में देश में 66 वीं रैंक लाकर शहर का मान बढ़ाया है ,शिक्षक की बेटी कृतिका मिश्रा अब आईएएस बन गयी है उनकी इस उपलब्धि पर माता-पिता काफी खुश है कृतिका ने इस सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया है वहीं कृतिका के आईएएस बनने की सूचना पर बधाई देने वालो का तांता लगा हुआ है.
हाईलाइट्स
- कानपुर की कृतिका मिश्रा ने यूपीएससी परीक्षा में आई 66 वीं रैंक
- हिंदी मीडियम और साक्षात्कार में शहर में पाया प्रथम स्थान
- कृतिका मिश्रा बनी आईएएस ,दिया माता पिता को श्रेय
Kanpur girl Kritika Mishra became IAS : यूपीएससी परीक्षा का परिणाम आज घोषित हो गया है जिसमें कानपुर का भी डंका बजा है, इस परीक्षा में कानपुर के जवाहर नगर में रहने वाले शिक्षक दिवाकर मिश्र की बेटी कृतिका मिश्र ने देश में 66 वां स्थान पाया है ,वहीं कृतिका ने हिंदी मीडियम में यूपीएससी की परीक्षा दी और साक्षात्कार में पास होकर शहर मे प्रथम स्थान का मुकाम भी पाया.
कृतिका ने सफलता का श्रेय दिया गार्जियंस को
कृतिका ने कड़ी मेहनत के साथ यूपीएससी परीक्षा क्रैक किया है, उन्होंने इस सफलता का श्रेय माता पिता और अपनी छोटी बहन को दिया है. पिता दिवाकर मिश्र बीएनएसडी इंटर कालेज में शिक्षक और प्रवक्ता भी है वही मां एलआईसी में कार्यरत है एक छोटी बहन मुदिता मिश्रा जिन्हें युवा संसद की विजेता बनने का गौरव प्राप्त हुआ था.
हिन्दी माध्यम से आईएएस परीक्षा देने व साक्षात्कार में पास कृतिका मिश्रा ने शहर में पहला स्थान पाया है, जिसके बाद कृतिका का आईएएस में चयन हुआ है,आईएएस में चयन होने से परिवार में खुशी की लहर दौड गई है बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है कृतिका विश्वविद्यालय से पीएचडी भी कर रही है उसने सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया और कहा कि बचपन से ही उसे देश की सेवा करने की ललक थी जो आज ईश्वर की इच्छा से पूरी हो गई अब कृतिका इस प्रतिष्ठित पद पर बैठकर जो भी उनके दायित्व है उन्हें पूरी निष्ठा के साथ करेगी, पिता डाक्टर दिवाकर मिश्रा बेटी की सफलता से बेहद खुश नजर आये .कृतिका ने हमेशा सेल्फ स्टडी पर फोकस किया है .
पढ़ाई में कृतिका हमेशा रही अव्वल
कृतिका मिश्रा बचपन से ही पढ़ने में मेधावी रही हैं यूपीएससी जैसी कड़ी परीक्षा को पास करने में कृतिका ने सोशल मीडिया का भी सहारा लिया है, जिससे उसने जब भी मौका मिला कड़ी मेहनत के पढ़ाई में निरंतरता बनाये रखी ,वे कानपुर विश्वविद्यालय से पीएचडी भी कर रही हैं ,कृतिका ने वर्ष 2015 में बाल श्री पुरुस्कार भी जीता है अब आईएएस बनकर आगे वे देश और समाज की सेवा अपनी पूरे दायित्वों व निष्ठा से करेंगी.