
Govt Teacher Transfer In Up : हाईकोर्ट ने यूपी सरकार के शिक्षकों की तबादला नीति के शासनादेश को ठहराया सही
हाईकोर्ट ने यह सुनिश्चित किया है कि अध्यापकों को अधिकार स्वरूप तबादला मांगने का अधिकार नहीं है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के बेसिक स्कूलों के अध्यापकों की तबादला नीति को वैध करार दिया है. यह निर्णय न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने कुलभूषण मिश्रा व अन्य की याचिका को खारिज करते हुए सुनिश्चित की है.

हाईलाइट्स
- हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार के जारी शासनादेश तबादलों की नीति को वैध करार दिया
- बेसिक स्कूलों के शिक्षक 5 साल की अनिवार्यता रद्द करने की मांग की
- शिक्षको की याचिका को हाईकोर्ट ने किया खारिज
High Court Decision UP Govt Teacher Transfer : यूपी के सरकारी शिक्षक अभी तक 5 साल की अनिवार्यता रद्द करने की मांग कर रहे थे जिस पर हाईकोर्ट ने सुनिश्चित किया है कि अध्यापकों को अधिकार स्वरूप तबादला मांगने का कोई भी हक नहीं है .2 जून 2023 को प्रदेश सरकार के द्वारा जारी की गई तबादला नीति को कोर्ट ने वैद्य करार दिया है और अन्य याचिकाओं को खारिज कर दिया है.

दरअसल प्रदेश सरकार के द्वारा जारी शासनादेश 2 जून 2023 के मुताबिक बेसिक स्कूलों में पोस्टेड शिक्षकों के तबादला सम्बन्धित बात के लिये कोर्ट ने इस शासनादेश को सही ठहराते हुए राज्य सरकार को राहत दी है.
5 वर्ष वाली अनिवार्यता रद्द की थी मांग
शिक्षकों की मांग थी कि 5 वर्ष वाली अनिवार्यता रद्द की जाए.और जो यूपी बेसिक शिक्षा टीचर सेवा की नियमावली 1981 के नियम 21 की मुताबिक जो प्रावधान बनाए गए हैं उन्हीं की तरह तबादले किए जाएं. जिसको लेकर शिक्षकों ने याचिका कोर्ट में डाली थी.हाईकोर्ट ने शिक्षकों की याचिका को खारिज कर दिया.और प्रदेश सरकार के द्वारा जारी शासनादेश पर ही तबादले पर विचार करने की बात कही.
शिक्षक तबादलों की मांग अपने हक में नहीं कर सकते
हाईकोर्ट ने शिक्षको की याचिका खारिज करते हुए कहा कि तबादलों की मांग शिक्षक अपने हक के रूप में नहीं कर सकते हैं. बेसिक एजुकेशन बोर्ड द्वारा ट्रांसफर के तहत बनाई गई नीति को सही ठहराते हुए कहा कि इसमें कोई गड़बड़ी नहीं है ,यह निर्णय वैद्य है.