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UP News : यूपी की नालियों में बह रहा सोना हर रोज निकालने वालों की लगती है भीड़

यूपी में कई ऐसे शहर हैं जहां नालियों में सोना बहता है, नालियों में बह रहे इस सोने को किसी तरह निकालकर सैकड़ो परिवारों का गुजारा हो रहा है.आज बात गोरखपुर ज़िले की करते हैं.यहां कई ऐसे परिवार हैं, जो नालियों में सोना खोजने का काम वर्षों से कर रहे हैं.

UP News : यूपी की नालियों में बह रहा सोना हर रोज निकालने वालों की लगती है भीड़
नालियों में बह रहा सोना
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UP News Hindi : सोने चांदी का नाम सुनकर आपने मन में क्या आता है यही न कि बड़े महंगे हैं, लेकिन यदि आपको हम यह बताए हैं कि उत्तर प्रदेश के कई शहरों में सोना नालियों में बह रहा है, तब आपको शायद यक़ीन ही न हो कि क्या कभी ऐसा हो सकता है, लेकिन यह बात सच है यूपी के कई ऐसे शहर हैं जहाँ सोने चांदी के आभूषण आदि बनते हैं,वहां की नालियों में सोना बहता है.

हालांकि यह सोना बेहद छोटे छोटे कणों में बहता है.इसको निकालने के लिए बेहद गरीब तबके के लोग नालियों से कचड़ा निकालते हैं फिर कड़ी मेहनत के बाद उनको सोने के कण मिलते हैं.जिनको वह सोनारों के पास बेचकर अपने परिवार का पेट पालते हैं.

नालियों में कैसे पहुँचता है सोना..

गोरखपुर शहर के घंटाघर स्थित सोनारपट्टी में जेवरात की कारीगरी करने वालों की सैकड़ों दुकाने हैं. इस जगह पर कारीगरी करते वक्त सोने के छोटे कण अक्सर छिटककर कचरे में चले जाते हैं. काम करने के दौरान औजार आदि में भी छोटे कण चिपक जाते हैं. ये कण धुलाई के दौरान एसिड में मिल जाते हैं और बाद में कारीगर इन्हें खोजने पर ध्यान नहीं देते और एसिड भी फेंक देते हैं. 

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यह एसिड बहकर नाली में चला जाता है. इसके साथ बहकर जाने वाले सोने के कण इतने छोटे होते हैं कि इन्हें दोबारा खोजना मुश्किल भरा है. इन कणों को तलाश पाना सामान्य तौर पर नामुमकिन है. ऐसे में शहर के सैकड़ों डोम जाति के लोग रोज सुबह कारीगरों की दुकानों के बाहर के नाली की कीचड़ को इकट्ठा करते हैं. इसे निहारी बोला जाता है. 

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कीचड़ को एक तसले में भरकर नाली के ही पानी से इसे साफ करते रहते हैं. घंटों तक कीचड़ को छाना जाता है. इसमें से मोटे कचरे को निकाल देते हैं. कड़ी मेहनत के बाद आखिर में बचे कचरे को तेजाब और पारे से गला दिया जाता है. इसके बाद कचरे से नाममात्र का सोना निकलता है, जिसे यह लोग दुकानदार को बेच देते हैं. यही इन लोगों की आमदनी का जरिया है.

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