UP:फतेहपुर में महाशिवरात्रि के पहले ताम्बेश्वर चौराहे से रातों रात हटाई गई प्रतिमा..!
फतेहपुर ज़िले में ताम्बेश्वर चौराहे में लगाई गई कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा को महाशिवरात्रि के पहले रातों रात प्रशासन द्वारा हटा दिया गया है..पढ़े पूरी ख़बर युगान्तर प्रवाह पर।
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फतेहपुर:ताम्बेश्वर चौराहे में पिछले काफ़ी दिनों से चल रहा है मूर्ति स्थापना विवाद में अब नया मोड़ आ गया है।शुक्रवार को महाशिवरात्रि पर्व के पहले बुधवार देर रात चौराहे में नगर पालिका प्रशासन द्वारा लगवाई गई बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्व कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा को प्रशासन द्वारा हटवा दिया गया है।
क्यों था विवाद..
शहर में नगर पालिका प्रशासन द्वारा चौराहों का सुंदरीकरण कराया जा रहा है।इसी क्रम में शहर के प्रमुख चौराहों का नामकरण कर उनमें नाम के अनुसार मूर्तियां लगवाई जा रही हैं।पिछले दिनों प्रसिद्ध सिद्धपीठ ताम्बेश्वर मंदिर के निकट स्थित चौराहे पर नगर पालिका प्रशासन द्वारा चौराहे का सुंदरीकरण कराने के बाद आनन फानन में चौराहे में कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा स्थापित कर चौराहे का नाम कर्पूरी ठाकुर चौराहा कर दिया गया।जिसके चलते हिंदुओ का एक बड़ा तबका इसको आस्था के साथ खिलवाड़ बताते हुए डीएम के पास पहुंचा और ज्ञापनों के माध्यम से चौराहे का नाम भगवान शंकर के नाम पर और उनके किसी चिन्ह(जैसे नंदी, त्रिशूल आदि) की स्थापना की मांग करने लगा।लोगो की मांग थी कि कर्पूरी ठाकुर जी की प्रतिमा को नगर के किसी अन्यत्र स्थान , चौराहे पर स्थापित कराया जाए।
लगातार ताम्बेश्वर मंदिर का चौराहा विवाद सुर्खियों में रहा।जिला प्रशासन द्वारा यह बताया गया कि कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा को बिना जिला प्रशासन की अनुमति लिए हुए नगर पालिका प्रशासन द्वारा स्थापित कराया गया है।और एसडीएम सदर ने पूरे मामले की जांच करने की बात कही थी।
ताम्बेश्वर चौराहा प्रकरण में चौराहे की पहचान भगवान शंकर के नाम हो इसके लिए प्रमुख रूप से भाजपा नेता प्रसून तिवारी, मनोज मिश्रा, उदय प्रताप सिंह सहित कई लोग अग्रणी भूमिका में रहे।