फ़तेहपुर:Exclusive:बांके बिहारी मंदिर में जीर्णोद्धार के नाम पर हुआ बड़ा घोटाला..भाजपा जिलाध्यक्ष ने शीर्ष नेताओं को पत्र लिख की शिकायत.!
शहर के शांतिनगर इलाके में रोड किनारे स्थित बाँके बिहारी मंदिर में जीर्णोद्धार के नाम पर एक बड़े घोटाले व भृष्टाचार की कहानी सामने आई है..इस कथित भ्रष्टाचार व घोटाले की शिकायत भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष गायत्री सिंह ने शीर्ष नेतृत्व से की है..पढ़े युगान्तर प्रवाह की एक्सक्लुसिव रिपोर्ट।
फतेहपुर:भाजपा सरकार में भी एक बसपाई नेता उस मन्दिर के जीर्णोद्धार के नाम पर तगड़ा घोटाला कर दे जिसे एक तत्कालीन जिलाधिकारी ने अपनी देख रेख में शुरू कराया था और तो फ़िर आप शासन और सत्ता से उम्मीद ही क्या कर सकते हैं.?
दरअसल हम बात कर रहे हैं शहर के शांतिनगर इलाके में स्थित बाँके बिहारी मंदिर की जिसमें जीर्णोद्धार के नाम पर कथित तौर पर भ्रष्टाचार और घोटाले की कहानी सामने आई है।
पिछले बरस तत्कालीन जिलाधिकारी आञ्जनेय कुमार सिंह की पहल के बाद व्यापक स्तर पर जिला प्रशासन द्वारा शुरू कराए गए बाँके बिहारी मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए प्रशासन की तरफ़ से कई तरह से आर्थिक सहयोग विभिन्न स्रोतों से लिया गया।लोगों ने इसका विरोध भी नहीं किया क्योंकि यह मामला लोगो की आस्था से जुड़ा हुआ था और सभी ने बढ़ चढ़कर जीर्णोद्धार के काम मे भाग लिया। आञ्जनेय कुमार सिंह के जाने के बाद मन्दिर जीर्णोद्धार की गति कुछ धीमी हो गई थी।
इस बीच भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष व वरिष्ठ भाजपा नेत्री गायत्री सिंह ने बाँके बिहारी मंदिर के जीर्णोद्धार में भ्रष्टाचार करने का गम्भीर आरोप कथित तौर पर मंदिर के जीर्णोद्धार के नाम पर चल रहे काम की देख रेख करने वाले व्यापारी बसपा नेता प्रदीप गर्ग के ऊपर लगाया है।
शनिवार को भाजपा नेत्री ने युगान्तर प्रवाह से एक्सक्लुसिव बातचीत करते हुए बताया कि प्रदीप गर्ग की देखरेख में हो रहे मन्दिर निर्माण में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है।मन्दिर निर्माण के लिए भारी मात्रा में आईं भट्टो की ईंटो से प्रदीप ने अपने घर के ऊपरी मंजिल का निर्माण करा लिया इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि मंदिर के लिए दान में आई बड़ी मात्रा में मोरंग का एक बड़ा हिस्सा क़रीब 40 ट्राली गर्ग ने अपने निजी भवन निर्माण में प्रयोग किया।
उन्होंने यह भी बताया कि मंदिर के जीर्णोद्धार के नाम पर पिछले साल जब हाईकोर्ट के आदेश के बाद वैध असलहों के लिए तहसील में आवेदन किए जा रहे थे तो उस वक्त हर आवेदनकर्ता से एक हज़ार रुपए बाँके बिहारी मंदिर के नाम पर लिया जा रहा था और इसकी बाकायदा रसीद भी काटी जा रही थी।
गायत्री सिंह ने इस पूरे प्रकरण की शिकायत भाजपा के शीर्ष नेताओं से पत्र के माध्यम से की है।