Premanad Maharaj Ji: प्रेमानन्द महाराज जी ने बताया ! घर पर साधू आए तो 'राधे-राधे' कहकर करें स्वागत, साधू पैसे मांगे तो क्या करना चाहिए?
प्रेमानंद महराज प्रवचन
हमारे हिन्दू धर्म में साधू-महात्माओं (Saints) का बड़ा ही आदर और सम्मान (Respect) किया जाता है. कभी भी घर पर आए साधू का अनादर न करें. एक बात सभी के मन में हमेशा बनी रहती है कि कोई साधू घर पर आकर पैसे मांगते हैं, तो क्या करना चाहिए. आप सभी सोच रहे होंगे साधु है कहीं उन्हें मेरी बात बुरी न लग जाये कुछ गलत न कह दें जिससे हमारे जीवन में परेशानियां बढ़ जाये. आप बिल्कुल भी न घबराए, वृन्दावन वाले प्रसिद्ध संत प्रेमानन्द महाराज ने इस बारे में बताया है कि आप किस तरह से साधू का स्वागत करें. और यदि वे पैसे मांगते हैं तो क्या करें.
प्रेमानन्द महाराज ने बतायी ये खास बात
प्रसिद्ध संत प्रेमानन्द महाराज (Saint Premanand Maharaj) को आज सारी दुनिया जानती है. उनके आश्रम पर कई बड़ी नामचीन हस्तियां भी दर्शन के लिए पहुंचती हैं. उनके मधुर वचन (Sweet Words) सुनकर लोग अपने जीवन में नई ऊर्जा का संचार कर रहे हैं. उनके बताए गए मार्गों और लोगों के मन में उमड़े प्रश्नों का वह मधुरता से ही निदान कर देते हैं जो मानव जीवन के लिए एक बड़ी सीख भी है. प्रेमानन्द महाराज जी ने बताया है कि घर पर कोई साधु आये तो उसका कैसे सम्मान करें और पैसा मांगे (Money) तो क्या करना चाहिए.
घर पर आये साधू पैसा मांगे तो क्या करें
प्रेमानन्द महाराज जी (Premanand Maharaj) अक्सर अपने भक्तों के प्रश्नों का उत्तर बड़े ही मधुरता से देते हैं. मानो उनके प्रवचन हमारे जीवन को नई दिशा देने का काम करते हैं. प्रेमानन्द महाराज जी कहते हैं कि घर पर जब कभी भी साधू (Saint) आएं तो उनका स्वागत (Welcome) राधे-राधे या राधे श्याम कहकर कीजिये.
आपकी वाणी में मधुरता (Sweet Voice) होनी चाहिए. वे अगर खाना खाने की बात करते है तो उन्हें लाकर सम्मान से दे दीजिए, भोजन-पानी के लिए कभी न मना करें. फिर बात आती है कोई साधु यदि पैसे मांगता है, तो कह दीजिए हमारी श्रद्धा नहीं या सामर्थ्य नहीं है इसमें कतई भी आप कहने में संकोच न करें.
साधु पैसे मांगने के लिए अड़े रहें, आप फिर भी कुछ न बोले
यदि फिर भी वह न माने तो उन्हें मधुर वाणी से उन्हें विदा कर दें. यदि आपसे साधु कहे कि मैं खाली हाथ जा रहा हूँ, तो आप उसकी इन बातों से जरा भी घबराये नहीं उन्हें जाने दें. आपने तो उनसे मधुर वाणी (Sweet Voice) से ही बोला, और कुछ उनसे गलत बोला भी नहीं फिर क्यों उनकी बातों से डरते हैं.
फिर भी वह कुछ कहें तो आप घर के अंदर आ जाएं, यह जान लीजिए वह साधु खुद को नष्ट कर रहा है, उसे आपसे ईर्ष्या (Jealous) हो रही है. जो भगवान के जन होते हैं वह किसी का अमंगल इसलिए कर देंगे कि हमें कुछ दिया नहीं. ए जो भगवान का दास होकर किसी और पर भरोसा रखता है मुझे तो संशय है उसके दासत्व पर इसलिए आप कभी भी उनकी बातों से न घबराएं. बस मधुर बोलते रहें.