Please enable JavaScript to support our website by allowing ads.

ADVERTISEMENT

Lakhamandal Shiva Temple : उत्तराखंड की पहाड़ियों पर है अनोखा शिव मंदिर ! जहां मुर्दे भी हो जाते हैं जिंदा

Lakhamandal Shiva Temple : उत्तराखंड की पहाड़ियों पर है अनोखा शिव मंदिर ! जहां मुर्दे भी हो जाते हैं जिंदा
उत्तराखंड में लाखामंडल शिव मंदिर का अनोखा रहस्य

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से 128 किलोमीटर दूर लाखामंडल नामक जगह पर यमुना नदी के पास एक ऐसा रहस्यमयी ,चमत्कारी अनोखा शिव मंदिर है. जहां मान्यता है कि यहां मुर्दे भी कुछ देर के लिए जिंदा हो जाते हैं और शिव जी की आराधना और जल पीने के बाद फिर शरीर त्याग देते हैं.यहां दर्शन करने से पापों का नाश होता है.शिवरात्रि का विशेष महत्व है.


हाईलाइट्स

  • उत्तराखंड में है अनोखा रहस्यमयी चमत्कारी शिव मंदिर,जहाँ मुर्दे होते है जिंदा
  • देहरादून से 128 किलोमीटर दूर लाखामण्डल जगह पर है प्राचीन शिव मंदिर, महाभारत काल से जुड़ा है इतिहास
  • शिवरात्रि के दर्शन का विशेष महत्व, पुत्र प्राप्ति के लिए महिलाएं करती है शिव जाप का मंत्र

 mysterious Shiva temple of Uttarakhand : हमारे देश में कई ऐसे प्राचीन रहस्यमयी, चमत्कारी शिव मंदिर हैं,जिनका अनोखा इतिहास है.इस धरती पर जिसने जन्म लिया उसे एक ना एक दिन जाना भी है.यही सृष्टि का नियम है. कभी आपने सुना है कि मृत्यु होने के बाद इंसान जिंदा हो जाए.हालांकि ऐसी घटनाएं फिल्मों में या गांवों में आपने कई बार सुनी होंगी.उत्तराखंड के इस शिव मंदिर के रहस्यमयी घटनाओं को सुन यकीन नहीं होगा.यहां पर मुर्दों को भी जिंदा कर दिया जाता है. कहते हैं कि ईश्वर यदि चाह ले तो मुर्दे जीवित हो सकते हैं.चलिए इस अनोखे शिव मंदिर के बारे में आपको बताते हैं.कि इस मंदिर का क्या पौराणिक महत्व और इसके पीछे कौन सी कथा प्रचलित है.

देवभूमि में प्राचीन रहस्यमयी शिव मंदिर का अनोखा रहस्य

उत्तराखंड को देवभूमि के रूप में जाना जाता है. पहाड़ों ,झरनों से घिरा हुआ,यह राज्य प्रकृति की अद्भुत छटा बिखेरता है. देवभूमि में 12 माह पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है.उत्तराखंड में कई ऐसी विशेष धरोहरें और प्राचीन रहस्यमयी शिव मंदिर है जिनका अनोखा महत्त्व भी है. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से 128 किलोमीटर दूर यमुना नदी किनारे लाखामंडल नामक जगह है.जहां भगवान शिव का रहस्यमयी मंदिर है.जिसे लाखामंडल शिव मंदिर कहा जाता है.

महाभारत काल से जुड़ा है इतिहास,मन्दिर के बाहर दो द्वारपाल रहते है खड़े

Read More: हरतालिका तीज व्रत कथा Hindi PDF: हरतालिका तीज की पौराणिक व्रत कथा जिसे शिव ने पार्वती को सुनाया था

यह मंदिर महाभारत काल से जुड़ा हुआ है. मंदिर के आसपास खुदाई करने के दौरान यहां पर कई प्राचीन शिवलिंग निकले.यहां का शिवलिंग बहुत ही अद्भुत है. यदि शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं ,तो आपका प्रतिबिंब स्वरूप शिवलिंग में दिखाई देगा.दूर-दूर से भक्त यहां पर भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए आते हैं. शिव मंदिर में दो द्वारपाल भी बाहर पहरा देते हुए दिखाई पड़ जाएंगे.

Read More: Sawan 2025 Rudrabhishek: सावन में कब करें रुद्राभिषेक? पंडित जी से जानिए शुभ तिथियां और मुहूर्त

दुर्योधन ने लाक्षाग्रह का किया था निर्माण,युधिष्ठर ने की थी शिवजी की पूजा

Read More: Sindoor Lal Chadhayo Aarti PDF: शेंदूर लाल चढ़ायो अच्छा गजमुख को आरती लिरिक्स, गणेश जी इस आरती से दूर होते हैं कष्ट

लाखामंडल शिव मंदिर को लेकर महाभारत से जुड़ी कथा भी प्रचलित है.ऐसा बताया जाता है कि दुर्योधन ने अज्ञातवास के दौरान पांडवों को मारने के लिए लाक्षागृह का निर्माण किया था. लेकिन पांडव पीछे की गुफा से सुरक्षित निकल गए थे.यह भी कहा जाता है कि, यहां युधिष्ठिर ने शिवलिंग स्थापित कर पूजा अर्चना की थी जो आज भी मौजूद है.तभी से इस जगह का नाम लाखामंडल शिव मंदिर पड़ गया. हालांकि एक मान्यता यह भी है कि लाक्षागृह यूपी में स्थापित है.

द्वारपालों के आगे रखे जाते हैं मुर्दे कुछ देर के लिए होते हैं जीवित

इस रहस्यमयी शिव मंदिर के आगे आपको दो द्वारपाल खड़े हुए दिखाई पड़ जाएंगे.ऐसा कहा जाता है कि यहां पर मुर्दे को लाकर द्वारपाल के समक्ष रखा जाएं ,तो वह कुछ देर के लिए जीवित हो जाते हैं.हालांकि यह एक रहस्य ही है. जिसके बाद जीवित हुआ मुर्दा भोलेनाथ की पूजा करता है और शुद्ध जल पीकर अपने ऊपर छिड़ककर फिर से अपना शरीर त्याग देता हैं.

पुत्र प्राप्ति की है मान्यता

इस मंदिर की एक और मान्यता यह है, कि शिवरात्रि का यहां विशेष महत्व है.ऐसा कहा जाता है कि मन्दिर के द्वार पर जो स्त्री पुत्र प्राप्ति के लिए शिवरात्रि के दिन दीपक को एक टक देखते हुए शिव मंत्र का जाप करती है उसे साल भीतर पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है. सावन के दिनों में भी इस अनोखे शिव मंदिर के दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

Latest News

पितृ पक्ष 2025: नमक, तेल से लेकर झाड़ू तक, इन चीजों की खरीदारी से बचें वरना लग सकता है पितृ दोष पितृ पक्ष 2025: नमक, तेल से लेकर झाड़ू तक, इन चीजों की खरीदारी से बचें वरना लग सकता है पितृ दोष
पितृ पक्ष हिंदू धर्म का पवित्र काल माना जाता है. इस बार पितृ पक्ष 7 सितंबर 2025 से 21 सितंबर...
Viksit UP 2047: योगी सरकार मास्टर प्लान ! जिलाधिकारियों को जारी हुए निर्देश, हर परिवार से लिया जाएगा फीडबैक
Fatehpur News: फतेहपुर में दहेज के लिए हत्या ! पति, सास और ससुर को उम्रकैद, जानिए क्या था पूरा मामला
7 सितंबर से पितृपक्ष 2025: भाद्रपद पूर्णिमा पर लगेगा चंद्रग्रहण, सूतक से पहले क्यों जरूरी है श्राद्ध?
आज का राशिफल 7 सितंबर 2025: किस्मत चमकेगी या डूबेगा नसीब? जानिए आज का दैनिक राशिफल
Fatehpur News: फतेहपुर में शुरू हुआ राजरानी हॉस्पिटल, सांसद नरेश उत्तम और पूर्व विधायक करन सिंह ने किया उद्घाटन
क्या सच में आ रही है Patanjali Electric Cycle और Patanjali Electric Scooter? वायरल खबर ने मचा दी हलचल

Follow Us