फ़तेहपुर: ध्रुपद गायन से देश विदेश में जिले का मान बढ़ा रहें हैं पं0 विनोद कुमार द्विवेदी..पिता एक किसान हैं।
Vinod Kumar Dwivedi Biography
शास्त्रीय संगीत की शैली ध्रुपद धामर के गायक पं0 विनोद कुमार द्विवेदी जनपद फतेहपुर से ताल्लुक रखते हैं।देश सहित विदेशों में अपनी गायकी के माध्यम से जिले का मान बढ़ा रहे विनोद द्विवेदी को विगत दो वर्ष पूर्व उनकी प्रतिभा के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सम्मानित किया था। फ़तेहपुर के बहुआ ब्लाक के सिमौर गांव में आयोजित रामलीला में उनके ध्रुपद गायन ने लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया। पढ़ें युगान्तर प्रवाह की एक रिपोर्ट.. pt vinod kumar dwivedi dhrupad singer

फ़तेहपुर: शास्त्रीय संगीत की शैली ध्रुपद धामर(dhrupad dhamar) के माध्यम से देश सहित विदेशों में अपनी कला का जौहर दिखाने वाले पं0 विनोद कुमार द्विवेदी(Pt.Vinod kumar dwivedi) मूलरूप से बिंदकी तहसील के परसेढ़ा गांव के रहने वाले हैं। विगत चालीस वर्षों से वो कानपुर में रह रहे हैं। और भारत सरकार की ओर से ध्रुपद केंद्र में बतौर निदेशक के रूप में कार्य करते हुए संगीत के विद्यार्थियों को तालीम दे रहे हैं।
जिले के सिमौर गांव में आयोजित रामलीला में उन्होंने ध्रुपद गायन के माध्यम से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। सपा नेता संतोष द्विवेदी ने पं0 विनोद कुमार द्विवेदी को सम्मानित करते हुए उन्हें जिले का गौरव बताया। (Fatehpur news)
मामा ने जब दी थी हारमोनियम..
मूलरूप से फ़तेहपुर(Fatehpur news) के परसेढ़ा में जन्में विनोद द्विवेदी ने युगान्तर प्रवाह से बातचीत करते हुए बताया कि उनका बाल्यकाल अपने ननिहाल ग्राम गड़डिया जिला बाँदा(Banda News) में गुजरा और मामा पं0 साधू प्रसाद शुक्ल जो कि संगीत प्रेमी थे उन्होंने मेरे अंदर संगीत के प्रति रूचि देखते हुए मुझे एक हारमोनियम लाकर दिया वहीं से मेरा रियाज़ प्रराम्भ हो गया। इसलिए मेरे प्रारंभिक शिक्षक मेरे मामा ही थे। उन्होंने बताया कि मैं कई गुरुवों के सानिध्य में रहा।लेकिन मुख्य रूप से आध्यात्मिक संगीत गुरु रहे शोभन सरकार जिनसे मैंने बीस वर्षों तक शिक्षा ली। उन्होंने बताया कि संगीत की विधा से एम0ए ,अलंकार, प्रवीण, की शिक्षा के साथ साथ संगीत से ही नेट की परीक्षा भी उत्तीर्ण की।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया सम्मानित..
लगभग ढाई सौ शिष्यों को संगीत में पारंगत कर चुका है ध्रुपद केंद्र..
दिल्ली के बाद कानपुर ही भारत में दूसरा ध्रुपद केंद्र(Dhrupad kendra) है जहां संगीत की इस विशेष शैली के माध्यम से छात्रों को पारंगत किया जाता है। उन्होंने बताया कि अब तक लगभग ढाई सौ शिष्यों को वो ट्रेंड कर चुके हैं। जो कि बॉलीवुड सहित संगीत के विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहें हैं। जिनमें अंकित तिवारी,शिवम पाठक,अनुराग वर्मा सहित विभिन्न नाम सामिल हैं।
शास्त्रीय संगीत ही शाश्वत है..
किसान पुत्र पं0 विनोद कुमार द्विवेदी(Pt.Vinod kumar dwivedi dhrupad singer) बताते हैं कि बॉलीवुड और हॉलीवुड के गीत आते और जाते रहते हैं लेकिन भारतीय शास्त्रीय संगीत शाश्वत है ये तानसेन के समय में भी था और वेदों में भी है। हालांकि कुछ समय के किए लोग इससे विमुख हो गए थे। लेकिन अब लोगों में अपने भारतीय शास्त्रीय संगीत के प्रति जागृति आई है। उन्होंने बताया कि वो शास्त्रीय संगीत को सरल भाषा में लोगों तक प्रस्तुत कर रहे। और नया नया एक्सपेरिमेंट भी कर रहें हैं जिससे लोगों का झुकाव अपने संगीत के प्रति हो।