Please enable JavaScript to support our website by allowing ads.

ADVERTISEMENT

History Of Lal Imli Kanpur : जानिए कभी ये मिल कानपुर की थी पहचान,अब इतिहास के पन्नों में है कैद

History Of Lal Imli Kanpur : जानिए कभी ये मिल कानपुर की थी पहचान,अब इतिहास के पन्नों में है कैद
इस लाल इमली ने कानपुर को दी थी पहचान

दुनिया में मशहूर कानपुर की लाल इमली का इतिहास ब्रिटिश काल से है ,कभी यहां के बने कपड़ों को देश के प्रधानमंत्री भी पहना करते थे,देश ही नहीं विदेशों में भी इस धरोहर की अलग पहचान थी लेकिन इस धरोहर को न जाने किसकी नजर लग गयी है जिसकी आवाज भी अब गुम सी हो गयी है.

ADVERTISEMENT

हाईलाइट्स

  • कानपुर की लाल इमली की थी कभी एक अलग पहचान
  • कड़ाके की ठंड में पसीना निकाल देता था लाल इमली का वूलन आज ये धरोहर पड़ी है बंद
  • ब्रिटिश शासन काल में हुई थी लाल इमली की स्थापना

Kanpur's lalimli is now in the pages of history : देश की औद्योगिक नगरी कहा जाने वाला कानपुर शहर कई चीज़ों के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें से एक लाल इमली है जिसने उद्योग जगत में एक अलग मुकाम कभी हासिल किया था,  विश्व प्रसिद्ध लाल इमली को कानपुर में धरोहर के रूप में जाना जाता है , जो ब्रिटिश काल से चली आ रही है.

आपको बताते चले कि कानपुर को उद्योग जगत में कई उपलब्धियां इस मिल ने दिलवाई थी,क्योंकि यहां के बने कम्बल और लोई देश ही नही विदेशों तक प्रसिद्ध थी, उस दरमियां मिल में उत्पादन बहुत तेजी से होता था. खास तौर पर वुलेन के लिए ये मिल प्रसिद्ध थी, कानपुर के लाल इमली का इतिहास ब्रिटिश काल से जुड़ा हुआ है इस लाल इमली की शुरुआत अंग्रेजों ने 1876 में की, जिसके बाद कानपुर को मैनचेस्टर ऑफ़ पूरब का भी तमगा मिला. लाल इमली (Lalimli) एक जमाने में कपड़े और वूलन के लिए पूरी दुनिया में मशहूर थी यहां के उत्पाद विदेशों में भी पसंद किए जाते थे.

कभी 5 हज़ार से ज्यादा कर्मचारी इस मिल में करते थे काम

आइए आपको बताते हैं कि उन दिनों लाल इमली (Lalimli) में करीब 5000 से ज्यादा कर्मचारी काम किया करते थे लेकिन धीरे-धीरे इनकी संख्या कम होने लगी और कुछ दिन बाद भर्तियों पर भी रोक लग गई थी. जब इस मिल का सायरन बजता था तो इसके सायरन की आवाज काफी दूर तक सुनाई देती थी.

विश्व भर में यहां बनने वाला कपड़ा काफी लोकप्रिय था यहां पर आज भी ऐसी मशीनें मौजूद है जो पूरे देश में नहीं है 24 घंटे बिना रुके चलाई जा सकती हैं लेकिन आज यह मशीनें बंद है और जंग खा रही है.तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1981 में इस मिल का राष्ट्रीयकरण किया था.

Read More: UP Weather Alert: यूपी के 15 जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट, सितंबर में सामान्य से ज्यादा बरसात की संभावना

तत्कालीन देश के प्रधानमंत्री को भी पसंद थे यहाँ के कपड़े

ऐसा बताया जाता है कि देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके पुत्र राजीव गांधी लाल इमली को बेहद पसंद करते थे और वे यहाँ की बनी लोई भी पहना करते थे, लेकिन इस धरोहर को न जाने ग्रहण सा लग गया जहां अब न तो सायरन की आवाज सुनाई देती है, न ही यहां अब कपड़ो का उत्पादन होता है.

Read More: Uttar Pradesh: हे भगवान ! गरीबों की कोई सुनने वाला नहीं है..अधिकारी ने कहा काम नहीं रुकेगा..डीएम से शिकायत

यहां पर काम करने वालों को कई महीनों का वेतन नहीं दिया गया जिसकी लड़ाई आज तक जारी है कर्मचारियों को आस है कि उनका वेतन के बारे में मौजूदा सरकार जरूर सोचेगी, हालांकि सरकार ने मिल को जिंदा करने के लिए कोशिश तो की लेकिन सफलता अभी तक हाथ नहीं लगी, फिलहाल ये लाल इमली (Lalimli) इतिहास के पन्नो में अभी कैद है और दूर-दूर तक इसके चालू होने की संभावना नहीं दिखती है.

Read More: UP Rain News: यूपी में भारी बारिश का अलर्ट ! लखनऊ, कानपुर, फतेहपुर समेत कई जिलों में अगले 48 घंटे की ये है चेतावनी

ADVERTISEMENT

Latest News

Fatehpur News: आदमदपुर मठ में संत भोला बाबा पर हमला ! गंगा में कूदकर बचाई जान, हालत गंभीर Fatehpur News: आदमदपुर मठ में संत भोला बाबा पर हमला ! गंगा में कूदकर बचाई जान, हालत गंभीर
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) जिले के मलवां थाना क्षेत्र में स्थित आदमपुर गंगा घाट के आदमदपुर मठ...
आज का राशिफल 1 सितंबर 2025: सितारों की चाल से बदल जाएगी किस्मत, जानें 12 राशियों का हाल
UP Weather Alert: यूपी के 15 जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट, सितंबर में सामान्य से ज्यादा बरसात की संभावना
यूपी में सोलर पैनल अब पूरी तरह फ्री इंस्टॉलेशन, आवेदन और पंजीयन शुल्क हुआ माफ
सितंबर 2025 व्रत और त्योहार लिस्ट: पितृ पक्ष 2025, अनंत चतुर्दशी, चंद्र ग्रहण और नवरात्रि बनाएंगे महीना खास
IPS Transfer In UP: यूपी में 8 आईपीएस अधिकारियों के तबादले, कई जिलों के बदले SP, देखिए पूरी लिस्ट 
प्रिया मराठे का निधन: 38 साल की उम्र में कैंसर से जंग हार गईं जानी-मानी मराठी और हिंदी टीवी अभिनेत्री

Follow Us