Please enable JavaScript to support our website by allowing ads.

फ़तेहपुर:हिन्दू की गीता मुस्लिम की कुरान है ख़ाकी..जिले के छात्र द्वारा पुलिस के त्याग और समर्पण पर लिखी गई कविता।

कोरोना से जंग लड़ रहे पुलिस के जवानों के सम्मान में जिले के छात्र प्रद्युम्न त्रिपाठी ने एक कविता लिखी है..युगान्तर प्रवाह पर पढ़े उनकी यह कविता..

फ़तेहपुर:हिन्दू की गीता मुस्लिम की कुरान है ख़ाकी..जिले के छात्र द्वारा पुलिस के त्याग और समर्पण पर लिखी गई कविता।
सांकेतिक फ़ोटो-गूगल

फ़तेहपुरकोरोना के विरुद्ध जारी इस जंग में पुलिस के जवान अपने घर परिवारों से दूर सड़को पर मुस्तैदी के साथ जनता की सेवा में जुटे हुए हैं।कोरोना वॉरियर्स के रूप में लड़ रहे इन जवानों के लिए शहर के अशोक नगर मोहल्ले के रहने वाले छात्र प्रद्युम्न त्रिपाठी ने एक कविता लिखी है।कविता का शीर्षक है- 

ये भी पढ़े-फतेहपुर के छात्र की कोरोना पर लिखी गई कविता सोशल मीडिया में हो रही है वायरल..आप भी पढ़ें..!

'जान है ये ख़ाकी'

हम एक जिस्म हैं तो जान है ये खाकी।

Read More: IPS Transfer In UP: यूपी में ताबड़तोड़ आईपीएस अफसरों के तबादले ! 24 अधिकारी इधर से उधर, देखिए लिस्ट

हम हर सुबह हैं तो हर शाम है ये खाकी।।

Read More: UP News: अच्युत की मौत या साजिशन हत्या? होटल में लटका मिला छात्र, परिजनों ने लगाए संगीन आरोप, पुलिस भी कटघरे में 

हमारे हर संकट में हनुमान है ये खाकी।

Read More: Fatehpur News: शादी कर लो वरना जेसीबी चलवा दूंगा ! दलित छात्रा को अतीक अहमद का नाम लेकर धमकाया

हमारे गम में छिपी मुस्कान है ये खाकी।।up police news

न हिन्दू है न मुसलमान है ये ख़ाकी।

अब्दुल अटल रसखान है ये खाकी।।

हमारी नवरात्रि तुम्हारी रमजान है ये खाकी।

शैतान नहीं ईश्वर का प्यारा इंसान है ये खाकी।। 

हिन्दू की गीता मुस्लिम की कुरान है ये खाकी।

नफरत नहीं मुहब्बत की पहचान है ये खाकी।।

बेटे की गलती में पिता की मीठी फटकार है ये खाकी।

इस प्यासी धरती में बारिस की बौछार है ये खाकी।। 

जो कभी गिराई न जा सके वो सरकार है ये खाकी।

जो टूटे न कभी सुरक्षा की अटूट दीवार है ये खाकी।।

अपनो से दूर फिर भी खुशी का त्योहार है ये खाकी।

हम सब की भारत माँ का सुन्दर श्रृंगार है ये खाकी।।

पत्थर खाकर हाँथ कटाकर फर्ज निभाती है ये खाकी।

बन्दूक का सामना लाठी से करके दिखाती है ये खाकी।।

हमें शाहस शील परिश्रम का पाठ सिखाती है ये खाकी।

क्यूँ राजनीति के भवसागर में फंसाई जाती है खाकी।। 

समय समय पर अपना असली रंग दिखाती है ये खाकी।

छिपा कहीं भी हो कोई फिर भी ढूँढ लाती है ये खाकी।। 

यह मत भूलो हम सबपर खाकी के उपकार बहुत हैं। 

सरहद हो या गली मुहल्ला खाकी के अवतार बहुत हैं।।

Tags:

युगान्तर प्रवाह एक निष्पक्ष पत्रकारिता का संस्थान है इसे बचाए रखने के लिए हमारा सहयोग करें। पेमेंट करने के लिए वेबसाइट में दी गई यूपीआई आईडी को कॉपी करें।

Latest News

Uttar Pradesh News: निजी प्रैक्टिस करते पकड़े गए दो मेडिकल शिक्षक बर्खास्त, सात डॉक्टर और दो CMO पर कार्रवाई की तलवार Uttar Pradesh News: निजी प्रैक्टिस करते पकड़े गए दो मेडिकल शिक्षक बर्खास्त, सात डॉक्टर और दो CMO पर कार्रवाई की तलवार
कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के दो चिकित्सा शिक्षकों को निजी प्रैक्टिस के आरोप में बर्खास्त किया गया है. जेके...
Who Is K Vikram Rao: वरिष्ठ पत्रकार के.विक्रम राव का निधन ! निर्भीक पत्रकारिता के एक युग का अंत, CM योगी ने दी श्रद्धांजलि
आज का राशिफल 13 मई 2025: इन राशियों के जातकों को रहना है सावधान-Today Horoscope In Hindi
UP Fatehpur News: फतेहपुर के गैंगस्टर शराब माफिया प्रधान की करोड़ों की संपत्ति जप्त ! जिला पंचायत सदस्य हैं पत्नी
Fatehpur News Today: बेटी की शादी से पहले पिता ने की आत्महत्या, मां ने भी लगाई फांसी ! फतेहपुर में खुशियां मातम में बदलीं
Fatehpur News: फतेहपुर में बदमाशों का एनकाउंटर ! लूटी गई स्विफ्ट के साथ तीन शातिर गिरफ्तार, दो घायल
Aaj Ka Rashifal 12 May 2025: इस राशियों के जातकों को मिल रहे हैं शुभ संकेत-Today Horoscope In Hindi

Follow Us