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History Of Bhutiya Bhangarh Kila: भानगढ़ किला भारत का सबसे हांटेड प्लेस ! जहाँ शाम होने के बाद नहीं मिलता प्रवेश, क्योंकि रात में सजती है भूतों की महफ़िल

भानगढ़ किले का इतिहास

हम सभी अक्सर बचपन से भूत-प्रेत की कहानियां (Horror Stories) और किस्से सुनते आ रहे है. लेकिन इन पर कुछ लोग यकीन करते है तो कुछ लोग इसे केवल एकमात्र इत्तेफाक का नाम देते है. देश भर के तमाम शहरों और गांवों में कुछ ऐसे भी स्थान है जिन्हें हॉन्टेड प्लेस का नाम दिया गया. ये जगह आपके गांव या शहर में भी हो सकती है यकीन करना या न करना ये आपके ऊपर है. आज हम आपको देश के एक ऐसे किले के बारे में बताने जा रहे है जिसमे कहा जाता है कि वहां पर भूतों का साया है. ये किला राजस्थान के अलवर जिले में स्थित भानगढ़ का किला (Bhangarh Fort) है.

History Of Bhutiya Bhangarh Kila: भानगढ़ किला भारत का सबसे हांटेड प्लेस ! जहाँ शाम होने के बाद नहीं मिलता प्रवेश, क्योंकि रात में सजती है भूतों की महफ़िल
भानगढ़ किला, image credit original source
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देश का सबसे डरावना भानगढ़ किला

आगे बढ़ने से पहले यदि आप जरा कमजोर दिल वाले है तो यही से स्किप कर सकते है और यदि आपको ऐसी ही एडवेंचर पसंद है तो बने रहिये हमारे साथ. देश की राजधानी दिल्ली से तकरीबन 280 किलोमीटर दूर अलवर जिले में स्थित भानगढ़ का किला (Bhangarh Fort) तीनों ओर से पहाड़ियों से घिरे इस किले को लेकर कई डरावनी कहानियां प्रचलित है. जिसे सुनकर एक बार के लिए तो बड़े से बड़ा योद्धा भी डर जाता है तो वहीं इस डर को महसूस करने के लिए कुछ लोग यहाँ तक दौड़े चले आते है इस किले की बनावट पर अगर ध्यान दिया जाए तो देखकर ही बड़ा अजीब लगता है.

क्योंकि किले में बने घरों में छत ही नहीं है तो वहीं मन्दिर में देवी-देवताओं की एक भी मूर्ति नहीं जिसे देखकर अचम्भा होने के साथ साथ एक डर का भी एहसास होता है. यही कारण है कि इसे शापित किला भी कहा जाता है क्योंकि बहुत समय ओहले एक ऋषि के श्राप के चलते ये खूबसूरत किला खण्डहर में तब्दील हो गया कहा जाता है कि श्राप लगने के बाद से ही यहाँ पर भूत-प्रेतों का डेरा जम गया इसीलिए इस किले में सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद किसी का भी प्रवेश पूरी तरह से वर्जित है, हालांकि ये अमूल्य धरोधर अब पुरातत्व विभाग के अधीन है.

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भानगढ़ किला का इतिहास, image credit original source

इस किले से जुड़ी कहानियां

इतिहासकारो की माने तो इस किले का निर्माण आमेर के राजा भगवत दास के द्वारा अपने छोटे बेटे माधो सिंह प्रथम के लिए साल 1573 में कराया गया था ऐसा बताया जाता है कि जब इस किले का निर्माण करवाया जा रहा था उस दौरान एक तपस्वी भी वहां पर रहता था उस वक्त उसने राजा भगवत दास को चेतावनी देते हुए कहा था कि उनके महल की परछाई उसके घर पर न पड़े लेकिन राजा ने उसकी इस बात को नजरअंदाज करते हुए इस महल का निर्माण कराया जिसकी परछाई से उसका घर ढक गया फिर क्या था? तपस्वी ने राजा को श्राप दे दिया.

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भानगढ़ किला, image credit original source
तांत्रिक की प्रेम कहानी, दिया श्राप

वही इस किले से जुड़ी एक और कहानी भी प्रचलित है कहा जाता है कि इस महल में रहने वाली राजकुमारी से एक तांत्रिक एक तरफा प्यार करता था वह हर रोज राजकुमारी रत्नावती को देखकर मन ही मन खुश होता है और उसे अपना बनाना चाहता था राजकुमारी को पाने के लिए उसने वह खड़यंत्र रचने लगा लेकिन इससे पहले ही ये खबर राजा तक पहुँच गयी जिसके बाद गुस्साए राजा ने सजा के तौर पर उस तांत्रिक की हत्या करवा दी लेकिन मरते-मरते उस तांत्रिक ने श्राप देते हुए कहा कि ये महल कुछ ही समय मे खँडहर में तब्दील हो जाएगा. फिर देखते ही देखते ये खूबसूरत महल खँडहर में तब्दील हो गया.

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सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद प्रवेश वर्जित

हॉन्टेड प्लेस होने की वजह से यह लोगों के एडवेंचर का एक हिस्सा भी है. शायद इसीलिए इस डर को एहसास करने के लिए देश की नहीं दुनिया भर से हजारो पर्यटक यहां पहुँचते है.

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यदि आप भी इस किले को देखने के लिए जा रहे हैं तो जरा सावधान हो जाए और पुरातत्व विभाग द्वारा नोटिस पर जरूर ध्यान दें. जिसके मुताबिक सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद प्रवेश पर पूरी तरह से रोक है ऐसा बताया जाता है सूर्यास्त के बाद यहां पर भूतिया शक्ति हावी हो जाती है. रोज रात में यहाँ पर नाच-गाना होता है यही नहीं यदि इस किले की दीवारों पर कान लगाया जाए तो अजीब-अजीब तरह के लोगो के रोने की आवाजें आती है यही वजह है कि यहाँ इस गांव में रहने वाले लोग तो इस किले से जुड़ी किसी भी तरह की बात करने से ही कतराते है.

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