कोरोना का ख़तरा:22 मार्च को पूरे देश में लग जाएगा कर्फ़्यू..जानें प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र के नाम सम्बोधन में किन किन बातों का जिक्र किया..!
गुरुवार रात प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र के नाम सन्देश दिया जिसमें उन्होंने कोरोना वायरस को लेकर देश की जनता को सावधानी बरतने की बात कही..पढ़े पूरी खबर युगान्तर प्रवाह पर।

नई दिल्ली:कोरोना वायरस को लेकर पूरे विश्व में चर्चा हो रही है।इसके खतरे को भांपते हुए भारत सरकार की भी चिंताएं बढ़ी हुईं हैं।गुरुवार रात प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र के नाम सन्देश दिया है।जिसमें उन्होंने कोरोना वायरस को लेकर लोगों को सावधानी बरतने की बात कही।
अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री ने देश की जनता से कहा कि जरूरत के समय पर ही घरों से निकले।उन्होंने आने वाली 22 मार्च दिन रविवार को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे रात तक जनता को स्वयं से जनता कर्फ़्यू लगाने की अपील की।
मोदी ने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा, ‘‘मेरे प्यारे देशवासियो! पूरा विश्व इस समय संकट के बहुत बड़े गंभीर दौर से गुजर रहा है। आम तौर पर कभी जब कोई प्राकृतिक संकट आता है तो कुछ देशों या राज्यों तक ही सीमित रहता है। इस बार ये संकट ऐसा है, जिसने विश्व भर की पूरी मानव जाति को संकट में डाल दिया है।
ऐसा लग रहा है कि सब ठीक है। वैश्विक महामारी कोराना से निश्चिंत हो जाने की यह सोच सही नहीं है। इसलिए प्रत्येक भारतवासी का सजग रहा, सतर्क रहना बहुत आवश्यक है। साथियो! आपसे मैंने जब भी जो भी मांगा है, मुझे कभी भी देशवासियों ने निराश नहीं किया है।ये आपके आशीर्वाद की ताकत है कि हम सब मिलकर अपने निर्धारित लक्ष्यों की तरफ आगे बढ़ रहे हैं और सफल भी हुए हैं। आज मैं आप सभी देशवासियों, 130 करोड़ देशवासियों से, आप सभी से कुछ मांगने आया हूं। मुझे आपके आने वाले कुछ सप्ताह चाहिए। आपका आने वाला कुछ समय चाहिए।
मेरे प्यारे देशवासियो! अभी तक विज्ञान कोरोना महामारी से बचने के लिए कोई निश्चित उपाय नहीं सुझा सका है और न ही इसकी कोई वैक्सीन बन पाई है। ऐसी स्थिति में हर किसी की चिंता बढ़नी बहुत स्वाभाविक है। दुनिया के जिन देशों में कोरोना का वायरस और उसका प्रभाव ज्यादा देखा जा रहा है, वहां अध्ययन में एक और बात सामने आई है। इन देशों में शुरुआती कुछ दिनों के बाद अचानक बीमारी का जैसे विस्फोट हुआ है।
Read More: IMF का पाकिस्तान को बेलआउट पैकेज: भारत ने जताई कड़ी आपत्ति, कहा-आतंक के लिए होगा इस्तेमालइन देशों में कोरोना से संक्रमित देशों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है। भारत सरकार स्थिति पर इस वैश्विक महामारी के फैलावे के ट्रैक रिकॉर्ड पर पूरी तरह नजर रखे हुए है। हालांकि, कुछ देश ऐसे भी हैं, जिन्होंने आवश्यक निर्णय भी किए और अपने यहां के लोगों को ज्यादा से ज्यादा आइसोलेट करके स्थिति को संभाला है और उसमें नागरिकों की भूमिका बहुत अहम रही है।’’
साथियो! इस तरह की वैश्विक महामारी में एक ही मंत्र काम करता है। हम स्वस्थ, तो जगत स्वस्थ। ऐसी स्थिति में जब इस बीमारी की कोई दवा नहीं है, तब हमारा खुद का स्वस्थ बने रहना पहली आवश्यकता है। इस बीमारी से बचने और खुद के स्वस्थ बने रहने के लिए दूसरी अनिवार्यता है संयम। और संयम का तरीका क्या है? भीड़ से बचना, घर से बाहर निकलने से बचना, आजकल जिसे सोशल डिस्टेंसिंग कहा जा रहा है। कोरोना वैश्विक महामारी के इस दौर में सोशल डिस्टेंसिंग ज्यादा आवश्यक और कारगर है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आज प्रत्येक देशवासी से एक और समर्थन मांग रहा हूं। ये है- जनता कर्फ्यू। यानी जनता के लिए, जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू। इस रविवार यानी दो दिन के बाद 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक सभी देशवासियों को जनता कर्फ्यू का पालन करना है। इस जनता कर्फ्यू के दरमियान कोई भी नागरिक घरों से बाहर न निकले, न सड़क पर जाए, न सोसाइटी-मोहल्ले में इकट्ठे हों। वे अपने घरों में ही रहें। आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को तो जाना ही होगा। लेकिन नागरिक के नाते हम ऐसा न करें। 22 मार्च को हमारा यह प्रयास हमारे आत्मसंयम और देशहित में कर्तव्य पालन के संकल्प का मजबूत प्रतीक होगा। 22 मार्च को जनता कर्फ्यू की सफलता और इसके अनुभव हमें आने वाली चुनौतियों के लिए भी तैयार करेंगे।मैं देश की सभी राज्य सरकारों से भी आग्रह करूंगा कि वे जनता कर्फ्यू का पालन कराने का प्रयत्न करें।’’ Covid19
उन्होंने कहा 22 मार्च को मैं आपसे एक और सहयोग चाहता हूं। साथियो! पिछले दो महीनों से लाखों लोग अस्पतालों, एयरपोर्ट, दफ्तरों, शहर की गलियों में दिन-रात काम में जुटे हैं। चाहे डॉक्टर हों, नर्स हों, हॉस्पिटल का स्टाफ हो, सफाई करने वाले भाई-बहन हों, मीडियाकर्मी हों, पुलिसकर्मी हों, ट्रांसपोर्ट वाले हों, होम डिलिवरी करने वाले हों, ये लोग अपनी परवाह न करते हुए दूसरों की सेवा में लगे हैं। आज की परिस्थितियां देखें तो ये सेवाएं सामान्य नहीं कही जा सकतीं। आज भी ये खुद के संक्रमित होने का खतरा मोल ले रहे हैं, फिर भी अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। ये अपने आप में राष्ट्र रक्षक की तरह कोरोना महामारी और हमारे बीच में शक्ति बनकर खड़े हैं। देश ऐसे सभी छोटे-बड़े व्यक्तियों और संगठनों का कृतज्ञ है।''
मैं चाहता हूं कि 22 मार्च को ऐसे सभी लोगों को धन्यवाद अर्पित करें। यह तरीका भी सभी को जोड़ सकता है। जनता कर्फ्यू के दिन शाम 5 बजे हम अपने घर के दरवाजे पर खड़े होकर या बालकनी या खिड़कियों के सामने खड़े होकर 5 मिनट तक ऐसे लोगों का आभार व्यक्त करें। इसके लिए ताली बजाकर, थाली बजाकर, घंटी बजाकर हम उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करें, उनका हौसला बढ़ाएं और उन्हें सैल्यूट करें। पूरे देश के स्थानीय प्रशासन से भी आग्रह है कि 22 मार्च को शाम 5 बजे सायरन से इसकी सूचना लोगों तक पहुंचाएं। सेवा परमोधर्म: को मानने वाले ऐसे देशवासियों के लिए हमें अपनी पूरी श्रद्धा के साथ भाव व्यक्त करने चाहिए।’’