Rail News In Hindi: अब दिल्ली से हरिद्वार पहुंचिए महज ढाई घंटे में ! रेलवे की नई क्रांति से बदलेगा सफर, बढ़ेगा विकास
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Rail News In Hindi: भारतीय रेलवे ने देवबंद से रुड़की तक नई रेललाइन तैयार कर ली है, जिससे दिल्ली-हरिद्वार का सफर 40 किमी छोटा हो जाएगा. CRS से मंजूरी मिलने के बाद अब वंदे भारत एक्सप्रेस महज ढाई घंटे में यह दूरी तय करेगी. इससे यात्रा तेज़ और उत्तराखंड में विकास को बढ़ावा मिलेगा.

Rail News In Hindi: हरिद्वार की पावन धरती पर अब दिल्ली से पहुंचना पहले से कहीं ज्यादा आसान, तेज और सुविधाजनक हो जाएगा. भारतीय रेलवे ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए देवबंद से रुड़की के बीच नई रेलवे लाइन तैयार कर ली है, जिसे Commissioner of Railway Safety (CRS) की औपचारिक मंजूरी भी मिल चुकी है. ये नया ट्रैक न केवल सफर के वक्त को कम करेगा बल्कि पूरे क्षेत्र के विकास की रफ्तार को भी दुगुना कर देगा.
अब सीधे रास्ते से दौड़ेगी ट्रेन, सहारनपुर के चक्कर से मुक्ति
अब तक दिल्ली से हरिद्वार जाने वाली ट्रेनों को देवबंद से सहारनपुर होते हुए रुड़की जाना पड़ता था, जिससे न केवल दूरी बढ़ती थी, बल्कि इंजन को रिवर्स करने की प्रक्रिया में काफी वक्त भी लगता था. मगर अब 29.55 किलोमीटर लंबी देवबंद-रुड़की रेललाइन चालू हो चुकी है.
इसका मतलब है कि ट्रेनें अब सीधे देवबंद से रुड़की पहुंचेंगी, जिससे दिल्ली-हरिद्वार रूट लगभग 40 किलोमीटर छोटा हो जाएगा. यात्रियों को न सिर्फ समय की बचत होगी, बल्कि सफर भी ज्यादा सुगम और तेज हो जाएगा.
हाईस्पीड ट्रायल में मिली सफलता, 122 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ी ट्रेन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीते दिनों रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों और CRS की मौजूदगी में इस नई लाइन पर हाईस्पीड ट्रायल किया गया. ट्रेन को 122 किमी/घंटा की रफ्तार से चलाया गया और ट्रायल पूरी तरह सफल रहा. तकनीकी रूप से भी यह लाइन अब संचालन के लिए पूरी तरह तैयार है. रेलवे अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि जल्द ही इस मार्ग पर नियमित ट्रेन सेवाएं शुरू कर दी जाएंगी.
वंदे भारत अब ले जाएगी सिर्फ ढाई घंटे में हरिद्वार
फिलहाल आनंद विहार से देहरादून जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस इस रूट की सबसे तेज ट्रेन मानी जाती है, जो दिल्ली से हरिद्वार की दूरी 3 घंटे 21 मिनट में तय करती है. लेकिन नई लाइन चालू होने के बाद यही सफर केवल ढाई घंटे में पूरा किया जा सकेगा. इसका सबसे बड़ा फायदा श्रद्धालुओं, पर्यटकों और दफ्तर जाने वाले लोगों को मिलेगा, जो अक्सर समय की कमी से जूझते हैं.
सालों पुराना सपना अब बन रहा है हकीकत
इस परियोजना को केंद्र सरकार ने साल 2007-08 में मंजूरी दी थी. उस समय इसकी अनुमानित लागत 791 करोड़ रुपये थी, जिसमें उत्तराखंड सरकार ने आधी हिस्सेदारी दी थी. परंतु वर्षों तक यह प्रोजेक्ट राजनीतिक इच्छाशक्ति और तकनीकी अड़चनों के चलते अधर में लटका रहा. अब जब यह पूरी तरह बनकर तैयार हो चुका है, तो यह केवल एक रेलवे लाइन नहीं बल्कि उत्तराखंड के लिए विकास का प्रवेश द्वार बन चुका है.
जबरहेरा से मंगलौर तक दौड़ेगा विकास, बदलेगा जीवन
इस नई रेलवे लाइन से न केवल दिल्ली-हरिद्वार का सफर आसान होगा, बल्कि जबरहेरा, लिबरहेरी, मंगलौर, नरसेन जैसे कई छोटे-बड़े कस्बों को भी फायदा मिलेगा. इन क्षेत्रों में रेलवे स्टेशन और कनेक्टिविटी के ज़रिए व्यापार, रोजगार और शहरीकरण को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा. खासतौर पर तीर्थयात्रा और पर्यटन के नजरिए से उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को एक नई ताकत मिलेगी.