नवरात्रि

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जय अम्बे गौरी आरती लिखित में: Jay Ambe Gauri Arati Likhit Me अंबे माता जी की आरती

जय अम्बे गौरी आरती लिखित में: Jay Ambe Gauri Arati Likhit Me अंबे माता जी की आरती Jay Ambe Gauri Arati Likhit Me: नवरात्रि में मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए वैसे तो कई आरतियां पढ़ी जाती है. लेकिन सबसे अधिक चर्चित आरती 'जय अम्बे गौरी' है.पढ़ें पूरी आरती. Jay Ambe Gauri Arati In Hindi अंबे माता जी की आरती
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Navaratri Siddhidatri Devi: माँ दुर्गा की नवीं शक्ति 'सिद्धिदात्री' की करें उपासना ! महानवमी में कन्या पूजन का है विशेष महत्व

Navaratri Siddhidatri Devi: माँ दुर्गा की नवीं शक्ति 'सिद्धिदात्री' की करें उपासना ! महानवमी में कन्या पूजन का है विशेष महत्व Navratri 9th Day: मां दुर्गा के नवें स्वरूप सिद्धिदात्री देवी के पूजन का विशेष महत्व है. इनके विधि विधान से पूजन करने से समस्त सिद्धियां प्राप्त होती हैं. यह नवरात्रि का आख़िरी दिन यानी नवमी और माता की नवीं शक्ति के रूप में जानी जातीं हैं. नवरात्रि में महानवमी के दिन को बहुत ही आवश्यक बताया है. नवमी में सिद्धिदात्री का पूजन करने के बाद कन्या पूजन अवश्य करें.इससे घर मे सुख-शांति आती है.
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Shardiya Navaratri Maa Mahagauri : नवरात्रि की अष्टमी के दिन माँ के इस स्वरूप 'महागौरी' की करें आराधना! पूजन से समस्त दुःख होंगे दूर

Shardiya Navaratri Maa Mahagauri : नवरात्रि की अष्टमी के दिन माँ के इस स्वरूप 'महागौरी' की करें आराधना! पूजन से समस्त दुःख होंगे दूर Navratri 8th Day: शारदीय नवरात्रि के आठवें दिन यानी माता का अष्टम स्वरूप महागौरी का है. महागौरी की पूजन का आज के दिन विधान है. इनके पूजन से समस्त प्रकार के दुखों व संकट का नाश होता है. भगवती का यह शक्ति विग्रह भक्तों को तत्काल अमोघ फल देता है. निर्मल गौर वर्ण वाली महागौरी के सभी वस्त्र, आभूषण और वाहन भी श्वेत है. अष्टम स्वरूप का विधि विधान से पूजन कर नारियल का भोग लगाएं.
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Shardiya Navaratri Paran Kab Hai 2023: शारदीय नवरात्रि व्रत का पारण कब है ! जानिए क्या है शुभ मुहूर्त और डेट

Shardiya Navaratri Paran Kab Hai 2023: शारदीय नवरात्रि व्रत का पारण कब है ! जानिए क्या है शुभ मुहूर्त और डेट Shardiya Navaratri Paran Kab Hai 2023: शारदीय नवरात्रि के पावन 9 दिन चल रहे हैं, नवरात्रि के प्रत्येक दिन माता की उपासना और पूजन करने का दिन होते हैं. माता के अलग-अलग स्वरूप की पूजा का महत्व है. नवरात्रि में कुछ भक्त पहला और आख़िरी व्रत रखते हैं.जबकि कुछ पूरे 9 दिन व्रत रहते हैं.पारण के लिए जो अष्टमी को व्रत है वे नवमी के दिन पारण करें, और जो लोग पूरे 9 दिन का व्रत हैं उन्हें दशमी के बजाय इस दफा मंगल होने के कारण नवमी में पारण करना होगा.
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Shardiya Navratri Kalratri Devi: जानिए माँ के सप्तम स्वरूप देवी 'कालरात्रि' के पूजन का महत्व ! पूजन से शारीरिक-मानसिक कष्टों का होता है निवारण

Shardiya Navratri Kalratri Devi: जानिए माँ के सप्तम स्वरूप देवी 'कालरात्रि' के पूजन का महत्व ! पूजन से शारीरिक-मानसिक कष्टों का होता है निवारण Navratri 7th Day: शारदीय नवरात्रि के 7वें दिन माता के इस भयावह और उग्र स्वरूप देवी कालरात्रि के दर्शन-पूजन का विधान है. माँ का स्वरूप उग्र और वर्ण काला है, काले रंग वाली, बाल बिखरे और नाक से आग की लपटों के रूप में सांसें निकालने वाली देवी का भयावह स्वरूप भयभीत करने वाला है, माता के पूजन करना बेहद फलदायी है. इससे शत्रुओं पर अजय, शारिरिक-मानसिक कष्ट दूर होते हैं. माता को भोग में गुड़ का भोग लगाएं,नारियल अर्पित करें जिससे माता प्रसन्न होती हैं.
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Shardiya Navaratri Katyayani Devi: नवरात्रि के छठवें दिन मां कात्यायनी की करें उपासना, जानिए क्या है पौराणिक महत्व

Shardiya Navaratri Katyayani Devi: नवरात्रि के छठवें दिन मां कात्यायनी की करें उपासना, जानिए क्या है पौराणिक महत्व Shardiya Navaratri Katyayani Devi: शारदीय नवरात्रि में माँ दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है. यह पवित्र 9 दिन माता का ध्यान,आराधना और उपासना करने से माँ प्रसन्न होती हैं. नवरात्रि का छठा दिन माता दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी का है, इस दिन माता कात्यायनी की पूजा करना लाभकारी होता है.मां की आराधना से विवाह में आ रही बाधाओं से मुक्ति मिलती है. माता ने ऋषि कात्यायन के घर पुत्री रूप में जन्म लिया था तभी से माता का नाम कात्यायनी देवी पड़ गया.
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Shardiya Navaratri Skandmata Pujan: माँ दुर्गा के पांचवें स्वरूप 'स्कंदमाता' की आज करें आराधना! शिवपुत्र स्वामी कार्तिकेय से जुड़ा है पौराणिक महत्व

Shardiya Navaratri Skandmata Pujan: माँ दुर्गा के पांचवें स्वरूप 'स्कंदमाता' की आज करें आराधना! शिवपुत्र स्वामी कार्तिकेय से जुड़ा है पौराणिक महत्व Navratri 5th Day: शारदीय नवरात्रि का आज 5 वां दिन है, इस दिन माता दुर्गा के 5वें स्वरूप स्कंदमाता के पूजन का विशेष महत्व है. यूँ तो 9 दिन ही माता के दिन हैं, और सभी दिनों में विधि-विधान से मां की आराधना की जाती है. माँ के पूजन से संतान सुख की प्राप्ति और भक्तों में धर्मिक उन्नति का अनुभव प्राप्त होता है, पार्वती माता ने स्कंद रूप लेकर पुत्र कार्तिकेय युद्ध के लिए तैयार किया और स्वामी कार्तिकेय ने तारकासुर राक्षस का अंत किया.
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Kushmanda Devi Temple: कानपुर में माँ के चतुर्थ स्वरूप 'कुष्मांडा' देवी के करें दर्शन! माँ की पिंडी रूपी प्रतिमा से रिसता रहता है जल, रोगों से मिलती है मुक्ति

Kushmanda Devi Temple: कानपुर में माँ के चतुर्थ स्वरूप 'कुष्मांडा' देवी के करें दर्शन! माँ की पिंडी रूपी प्रतिमा से रिसता रहता है जल, रोगों से मिलती है मुक्ति Kushmanda Devi Temple: शारदीय नवरात्रि का चौथा दिन माता कुष्मांडा को समर्पित है. चतुर्थ दिन मां कुष्मांडा देवी के पूजन का विशेष महत्व है. कहा जाता है कि जब सृष्टि पर अंधकार था, तब माता ने अपनी मंद मुस्कान से ब्रह्मांड की रचना की थी. मां कुष्मांडा को सूर्य के समान तीव्र माना गया है, क्योंकि वह सूर्य मंडल के भीतर वास करती है. मां दुर्गा के नौ स्वरूपों में से चतुर्थ स्वरूप मां कुष्मांडा देवी का है, कानपुर के घाटमपुर में भी प्रसिद्ध कुष्मांडा देवी का प्रसिद्ध मंदिर है, जिसकी अद्धभुत और चमत्कारी मान्
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Shardiya Navratri Chandraghanta Devi: आज माँ दुर्गा के तीसरे स्वरूप देवी 'चंद्रघण्टा' की करें उपासना ! आने वाली बाधाओं से मिलती है मुक्ति

Shardiya Navratri Chandraghanta Devi: आज माँ दुर्गा के तीसरे स्वरूप देवी 'चंद्रघण्टा' की करें उपासना ! आने वाली बाधाओं से मिलती है मुक्ति Navratri 3rd Day: यूं तो नवरात्रि के हर दिन के पूजन का विशेष महत्व है, माँ के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है, आज माता के तीसरे स्वरूप मां चन्द्रघण्टा की पूजा की जाती है, चंद्रघंटा माता के मस्तक में अर्धचंद्र सुशोभित है, दस भुजाओं में अस्त्र और शस्त्र है, इसके साथ ही इनके स्वरूप की मुद्रा युद्ध की तरह है, इसलिए इनकी साधना और पूजन से भक्त बलशाली निर्भय और पराक्रमी बनता है, माँ के भोग के लिए दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं.
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Brahmacharinni Devi: नवरात्रि के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी (तपश्चारिणी) की करें उपासना ! तप, संयम और दीर्घायु में होती है वृद्धि

Brahmacharinni Devi: नवरात्रि के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी (तपश्चारिणी) की करें उपासना ! तप, संयम और दीर्घायु में होती है वृद्धि Navratri 2nd Day: शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन माँ दुर्गा के दूसरे स्वरूप ब्रह्मचारिणी मां का दिन होता है, इनके पूजन का विशेष महत्व है, माँ का यह स्वरूप भक्तों को अनंत फल देने वाला है. माता की उपासना से तप, त्याग, ब्रह्मचर्य और संयम की वृद्धि होती है. भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने हज़ारो वर्ष कठोर तपस्या की थी, इन्हें तपश्चारिणी यानी तप का आचरण करने वाली देवी और ब्रह्मचारिणी भी कहा जाता है.
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Kalighat Kali Temple: 51 शक्तिपीठों में से एक कोलकाता में कालीघाट काली मंदिर सिद्ध शक्तिपीठ, जानिए पौराणिक महत्व

Kalighat Kali Temple: 51 शक्तिपीठों में से एक कोलकाता में कालीघाट काली मंदिर सिद्ध शक्तिपीठ, जानिए पौराणिक महत्व History of Kali Shakti Peeth: शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो चुके हैं हिंदू धर्म में नवरात्रि के 9 दिनों का विशेष महत्व है, मां दुर्गा के यह 9 दिन विशेष आस्था, भक्ति और साधना के दिन है. कोलकाता स्थित कालीघाट काली मंदिर के दर्शन की विशेष मान्यता है,यह देवी मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है, नवरात्रि के दिनों में यहां भक्तों का सैलाब उमड़ता है. यहां देवी काली की प्रचंड रूप की प्रतिमा स्थापित है.यहाँ माता सती के दाई पैर की उंगलियां गिरी थी. तबसे यह शक्तिपीठ के रूप में जाना जाता है.
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Navratri 1st Day: माँ दुर्गा के 9 स्वरूपों के प्रथम स्वरूप के करें दर्शन ! वाराणसी में है यूपी का एकमात्र माता शैलपुत्री का मन्दिर

Navratri 1st Day: माँ दुर्गा के 9 स्वरूपों के प्रथम स्वरूप के करें दर्शन ! वाराणसी में है यूपी का एकमात्र माता शैलपुत्री का मन्दिर Shailputri Temple In Varanasi: शारदीय नवरात्रि को लेकर प्रथम दिन देवी मन्दिरों में जय माता दी के जयकारों के साथ देर रात से ही देश के प्रसिद्ध देवी मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी है. माता के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है, यह नवरात्रि माँ की भक्ति और साधना के दिन हैं. प्रथम दिन माँ शैलपुत्री की पूजा की जाती है, वाराणसी की काशी नगरी में अलईपुर में माता शेलपुत्री का प्राचीन और दिव्य मन्दिर हैं, यहां वैसे तो भक्तों की भीड़ रहती है है, लेकिन नवरात्रि के दिनों में भक्तों का सैलाब उमड़ता गया
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