Shardiya Navaratri Katyayani Devi: नवरात्रि के छठवें दिन मां कात्यायनी की करें उपासना, जानिए क्या है पौराणिक महत्व

Shardiya Navaratri Katyayani Devi: शारदीय नवरात्रि में माँ दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है. यह पवित्र 9 दिन माता का ध्यान,आराधना और उपासना करने से माँ प्रसन्न होती हैं. नवरात्रि का छठा दिन माता दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी का है, इस दिन माता कात्यायनी की पूजा करना लाभकारी होता है.मां की आराधना से विवाह में आ रही बाधाओं से मुक्ति मिलती है. माता ने ऋषि कात्यायन के घर पुत्री रूप में जन्म लिया था तभी से माता का नाम कात्यायनी देवी पड़ गया.

Shardiya Navaratri Katyayani Devi: नवरात्रि के छठवें दिन मां कात्यायनी की करें उपासना, जानिए क्या है पौराणिक महत्व
नवरात्रि के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की करें उपासना, फोटो साभार सोशल मीडिया

हाईलाइट्स

  • शारदीय नवरात्रि के छठे दिन माँ कात्यायनी की करें आराधना और उपासना
  • माता का छठा स्वरूप कात्यायनी है,विधि विधान से करें इनका पूजन
  • ऋषि कात्यायन से जुड़ा है पौराणिक महत्व, माँ को भोग में शहद की खीर अर्पित करें

Navratri Worship Goddess Katyayani : नवरात्रि के हर दिन देवी माता के अलग-अलग स्वरूपों के पौराणिक महत्व के बारे में आपको बता रहे हैं, इन पावन दिनों में मां की उपासना करना फलदायी होती है. माता के इस छठवें स्वरूप कात्यायनी देवी के पूजन का विशेष महत्व है, इनके पूजन से सम्पूर्ण सुख की प्राप्ति होती है. चलिए जानते है मां के पूजन की विधि और इनकी उतपत्ति कैसे हुई थी.

छठे स्वरूप मां कात्यायनी की करें उपासना

नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा आदि शक्ति की पूजा की जाती है, भारत के कोने-कोने में कई शक्तिपीठ और प्रसिद्ध देवी मंदिर है, नवरात्रि के दिनों में देवी मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है, नवरात्रि के पावन 9 दिनों में माता दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों के पूजन का महत्व होता है. दुर्गा माता का छठवें स्वरूप मां कात्यायनी देवी है. नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी देवी का पूजन किया जाता है. मां को शहद की खीर का भोग लगाना चाहिए, जिससे माता प्रसन्न होती हैं. इसके साथ ही विधि विधान और सच्चे हृदय से जो भक्त मां की आराधना,उपासना करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण और जीवन में संपूर्ण सुख की प्राप्ति होती है.

जानिए कैसे पड़ा नाम मां कात्यायनी

Read More: Varuthini Ekadashi 2024: आज है वरुथिनी एकादशी ! भगवान के वराह स्वरूप के पूजन का है बड़ा महत्व

कात्यायनी देवी माता से जुड़ी एक कथा भी प्रचलित है. प्राचीन काल में महर्षि कात्यायन हुआ करते थे, उन्होंने कठोर तपस्या कर मां को प्रसन्न किया मां ने कहा कि मांगो क्या वर मांगते हो, जिस पर कात्यायन ऋषि ने कहा कि मां मैं यह चाहता हूं कि आप मेरे घर पुत्री रूप में जन्म ले. जब पृथ्वी पर महिषासुर राक्षस का अत्याचार बढ़ गया था तब त्रिदेवों ने एक शक्ति को उत्पन्न किया. जिसने महर्षि कात्यायन के घर पुत्री रूप में जन्म लिया. ऋषि कात्यायन के नाम पर ही देवी का नाम कात्यायनी देवी पड़ा. भक्तो में माता के पूजन की अटूट आस्था जुड़ी हुई है, पूजन से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, रोगों से मुक्ति मिलती है और शत्रुओं का भी नाश होता है.ध्यान करने के लिए गोधूलि बेला महतवपूर्ण समय है.

Read More: Somnath Jyotirlinga Story: सावन स्पेशल-करिए प्रथम ज्योतिर्लिंग के दर्शन, चंद्रदेव से जुड़ा है सोमनाथ ज्योतिर्लिंग का पौराणिक महत्व

इस मंत्र का करें जाप, पूजन से मन एकाग्र रहता है

Read More: Pradeep Mishra Radha Rani Controversy: राधा रानी टिप्पणी पर फंसे कथावाचक प्रदीप मिश्रा ! Premanand Maharaj ने दिया करारा जवाब

या देवी सर्वभूतेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

माँ कात्यायनी की पूजा- अर्चना से साधकों में सकारात्मक विचार बने रहते हैं, इनके पूजन से मन कभी इधर उधर नहीं भटक सकता है, कात्यायनी मां असुरों का नाश करने वाली देवी है, मां कात्यायनी के स्वरूप की बात करें तो उनका स्वरूप सोने जैसा चमकीला है, माता की चार भुजाएं हैं औ सवारी सिंह है, ऐसा भी आया है कि मां ने महिषासुर नामक दैत्य का वध किया था.

माता की आराधना से कन्याओं का शीघ्र विवाह हो जाता है

ऐसा आया है कि माता का सम्बन्ध भगवान कृष्ण और उनकी गोपिकाओं से रहा और ये बृज मंडल की अधिष्ठात्री देवी भी है. माता के पूजन से विवाह में आ रही बाधाओं से मुक्ति मिलती है. कन्याओं के जल्द विवाह के लिए इनकी पूजा करना श्रेष्ठ है. वैवाहिक जीवन के लिए भी इनकी पूजा लाभकारी होती है. अगर कुंडली में विवाह का योग क्षीण हो, माता के पूजन से इसमें लाभ मिलता है और फिर विवाह हो जाता है.

ऐसे करें पूजन

सुबह जल्द उठकर स्नान करने के बाद माता कात्यायनी का ध्यान करें, लाल कपड़ा बिछा लें चौकी पर, फिर उसपर माता की मूर्ति रखें, मंत्र का जाप करते हुए माता को पुष्प अर्पित करें. रोली और सिन्दूर का तिलक करें. इसके साथ ही शहद का भोग लगाएं. फिर दुर्गा सप्तशती का पाठ करें, आरती करें. मंत्र का जाप करें, जिससे माता प्रसन्न होती है, भक्तों पर कृपा करते हुए उन्हें सुख सम्पन्न बनाती हैं.

युगान्तर प्रवाह एक निष्पक्ष पत्रकारिता का संस्थान है इसे बचाए रखने के लिए हमारा सहयोग करें। पेमेंट करने के लिए वेबसाइट में दी गई यूपीआई आईडी को कॉपी करें।

Latest News

Fatehpur Madan Gopal Verma: पूर्व विधायक मदन गोपाल वर्मा का निधन ! तीन बार जहानाबाद से रहे विधायक, जानिए उनके बारे में Fatehpur Madan Gopal Verma: पूर्व विधायक मदन गोपाल वर्मा का निधन ! तीन बार जहानाबाद से रहे विधायक, जानिए उनके बारे में
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) की जहानाबाद विधानसभा (Jahanabad Vidhansabha) से विधायक रहे मदन गोपाल वर्मा (Madan Gopal...
Fatehpur News: फतेहपुर में जच्चा-बच्चा की मौत ! सरकारी GNM मेडिकल स्टोर के नाम पर चला रही है नर्सिंग होम
Fatehpur News Today Video: फतेहपुर में ग़जब हो गया ! 400 केवी ट्रांसमिशन टॉवर पर चढ़े पति-पत्नी, वजह जानकार रह जाएंगे दंग
Budget 2024 In Hindi: आम बजट में इनकम टैक्स में क्या हुआ बदलाव ! क्या हुआ सस्ता, क्या हुआ महंगा
Fatehpur Police Transfer: फतेहपुर में ताबड़तोड तबादले ! तहसीलदार पहुंचे किशनपुर, सावन आया कोतवाली
UP Shiksha Mitra News: फतेहपुर में शिक्षामित्रों का होगा कैंडल मार्च ! भावभीनी श्रद्धांजलि के साथ दिखेगा समर्पण भाव
Somnath Jyotirlinga Story: सावन स्पेशल-करिए प्रथम ज्योतिर्लिंग के दर्शन, चंद्रदेव से जुड़ा है सोमनाथ ज्योतिर्लिंग का पौराणिक महत्व

Follow Us