UPPSC PCS Vinod Kumar Success Story: पिता थे चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी ! बेटे ने डिप्टी कलेक्टर बन पिता का गर्व से सीना किया चौड़ा, जानिए विनोद कुमार की सफलता की कहानी
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यूपीपीएससी 2023 (Uppsc) का परिणाम घोषित हो चुका है. कहते हैं 'कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती' इस बात को उरई के रहने वाले चपरासी (Peon) के बेटे ने चरितार्थ किया है. लगन, मेहनत और कड़े संघर्ष की बदौलत उरई के इस युवक ने चौथे प्रयास में पीसीएस की परीक्षा पास कर अपने जिले जालौन (Jalaun) का मान बढ़ाया है.

उरई के विनोद कुमार बने पीसीएसवअफसर
मन में कुछ करने की चाह हो तो उसे कड़ी मेहनत और धैर्य रखकर हासिल किया जा सकता है. उरई के विनोद कुमार (Vinod Kumar) इसका जीता जागता उदाहरण हैं. यूपीपीएससी परीक्षा (Uppsc Exam) में 24 वीं रैंक लाने वाले विनोद की सफलता की कहानी बड़ी भावुक कर देने वाली है. तीन बार असफल होने के बाद भी विनोद हताश नहीं हुए और अपने उस सपने को चौथे प्रयास में साकार कर दिखाया.
कौन हैं विनोद कुमार?
जालौन जिले के उरई (Urai) तहसील क्षेत्र उदोतपुरा गांव निवासी विनोद कुमार (Vinod Kumar) ने यूपीपीएससी परीक्षा (Uppsc Exam) पास कर अपने क्षेत्र और परिजनों का मान बढ़ाया है. विनोद के पिता गंगाराम दोहरे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थे. वे कॉलेज में चपरासी (Peon) थे. चपरासी होने के बावजूद गंगा राम दोहरे ने अपने पांचों बच्चों को खूब पढ़ाया-लिखाया. जीवन में कुछ अच्छा करने के लिए हमेशा प्रेरित किया. विनोद से बड़ी तीन बहने हैं एक छोटा भाई जो सॉफ्टवेयर इंजीनियर है. दो बहनें अध्यापिका है जबकि एक गृहिणी हैं. विनोद की शुरुआती पढ़ाई गांव से हुई फिर आगे की पढ़ाई उरई से की.
पढ़ाई के साथ-साथ की पार्ट टाइम जॉब
जहां विनोद ने पालीटेक्निक परीक्षा भी पास की, बाद में बीटेक किया और फिर प्राइवेट जॉब की. वहीं से विनोद का मन सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए लग गया. पिता रिटायर हो गए थे विनोद के सामने दिक्कत थी आर्थिक समस्या की, जॉब में विनोद का मन नहीं लग रहा था, क्योंकि उसका सपना तो कुछ और ही था. फिर बड़े सपने लेकर विनोद दिल्ली पहुंच गए वहां कोचिंग की.
लेकिन सिविल सर्विसेज की परीक्षा में सफलता नहीं मिली. यही नहीं दिल्ली में रहना और बाकी चीज़े पढ़ाई सम्बन्धित पूरी करना यानी आर्थिक रूप से उसे समस्या हुई. फिर पढ़ाई के साथ-साथ विनोद ने एक पार्ट टाइम न्यूज़ एडिटर की जॉब पकड़ ली. जॉब के चक्कर मे पढ़ाई नहीं हो पा रही थी तो जॉब छोड़ दी. फिर पढ़ाई के साथ-साथ कोंचिंग संस्थानों के बच्चों की परीक्षा वाली कापियां चेक करना शुरू कर दी.
चौथे प्रयास में बन गए पीसीएस अफसर
2020 से 2022 तक विनोद ने यूपीपीएससी की परीक्षा दी और साक्षात्कार (Interview) तक पहुंचे लेकिन सफलता नहीं मिली. विनोद ने हार नहीं मानी अबकी बार किस्मत को कुछ और मंजूर था. आखिरकार पीसीएस 2023 की परीक्षा में विनोद ने यूपी में 24 वीं रैंक लाकर साबित कर दिया कि कोशिश करने वालों की हार नहीं होती. कड़ी मेहनत के चलते विनोद को चौथे प्रयास में सफलता मिल गयी. उनकी इस सफलता से पिता और क्षेत्रवासी बेहद खुश हैं घर पर बधाइयों का तांता लगा हुआ है. विनोद ने अपनी सफलता का श्रेय परिजनों, बहनों को दिया. विनोद आगे समाज के लिए बेहतर करना चाहते हैं.