Old Tyres Made Domestic Furniture: पुराने घिसे टायरों से घरेलू फर्नीचर बना रहीं कानपुर की वैशाली, विदेशों तक इन उत्पादों की डिमांड
Kanpur Vaishali News: पुराने घिसे टायर्स का आप क्या करते हैं, शायद कबाड़ में दे देते होंगे, शायद आपको नहीं पता कि इन टायरों की कितनी वेल्यू है, कबाड़ में देंगे तो इसे जला दिया जाएगा, जिससे प्रदूषण में इजाफा होगा. कानपुर की वैशाली ने पुराने टायरों का प्रयोग घर के फर्नीचर बनाने में कर दिया. उनके टायर से बनाये गए घरेलू उत्पादों की मांग भारत ही नहीं विदेशों तक है. वैशाली इन टायरों से गमला, झूले,प्लांट बास्केट स्टूल,कुर्सी, आउट डोर फर्नीचर, गार्डन चेयर, आउट डोर पूल फर्नीचर बनाती हैं. लोगों में इनके उत्

हाईलाइट्स
- पुराने घिसे टायरों से बना रही घरेलू फर्नीचर, कानपुर की वैशाली की सराहनीय पहल
- आईआईटी एक्सपर्ट्स की राय लेकर शुरू किया स्टार्टअप
- झूले, गमले, गार्डन चेयर, मेज व अन्य उत्पाद आकर्षण का केंद्र, विदेशों तो डिमांड
Domestic furniture being made from old tyres : मन में कुछ अलग करने का दृढ़संकल्प हो तो इंसान कुछ भी कर सकता है. आपने कभी पुराने घिसे टायरों का प्रयोग घरेलू उत्पाद बनाने में किया है, आप सोच रहे होंगे टायरों से घरेलू उत्पाद का क्या मतलब है, चलिए आपको बताते हैं कि कानपुर की वैशाली ने पुराने घिसे टायरों का प्रयोग ऐसे घरेलू फर्नीचर उत्पादों को बनाने में किया है, जिसकी चर्चा देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी हो रही है. वैशाली ने इस स्टार्टअप के लिए आईआईटी एक्सपर्ट्स की राय भी ली है.
कानपुर की वैशाली की सराहनीय पहल
कानपुर के आर्यनगर क्षेत्र में रहने वाली वैशाली बियानी का यह बिजनेस काफी लोकप्रिय हो रहा है. इसकी लोकप्रियता देश के अलावा बाहर विदेशों में भी है. वैशाली ने पुराने घिसे टायरों का प्रयोग कर उसे नए कलेवर में ढाल कर घरेलू उत्पाद बना रही हैं. बेहतर डिजाइन के साथ वैशाली ने टायरों से ही गमला,झूले, गार्डन टेबल और कुर्सी,आउट डोर फर्नीचर,ग्राउंड फर्नीचर, पूल फर्नीचर बना दिये. जिनकी डिमांड भी तेजी से ग्राहकों में आने लगी. उन्होंने ऑनलाइन बिजनेस शुरू किया.
वैशाली का मकसद इन पुराने टायरों को लेकर यह है, कि अक्सर पुराने टायरों को फेंक दिया जाता या कबाड़ के भाव दे दिया जाता है, फिर इन टायरों को जला दिया जाता है, जिससे सबसे बड़ी समस्या प्रदूषण की सामने आती है. इन्हीं सब बातों का ध्यान रखते हुए प्रदूषण खत्म करने के संदेश को लेकर उन्होंने इन टायरों को इस तरह से प्रयोग में लाया. उनका यह प्रयोग आज कहीं न कहीं सफल जरूर साबित हुआ है. वैशाली ने इन टायरों से घरेलू फर्नीचर बना दिये,जिन्हें विदेशों में भी बेहद पसंद किया जा रहा है.
आईआईटी एक्सपर्ट्स की राय लेकर शुरू किया स्टार्टअप
वैशाली ने बीएससी के बाद मैनेजमेंट से डिप्लोमा किया है, 2018 से वैशाली नें इस बिजनेस में कदम रखा, स्टार्टअप के लिए आईआईटी एक्सपर्ट्स की राय ली, पुराने टायरों के रबर के गुण सीखे, उत्पादों की फिनिशिंग समेत कई जानकारी साझा की. और अपनी मेहनत के बल पर उन्होंने यह बिजनेस शुरू कर दिया. अब वैशाली के पास खुद की अच्छी टीम है, उनके टायरों वाले फर्नीचर की, जर्मनी, साउथ अफ्रीका,दुबई और इंग्लैंड तक डिमांड है. वहां से बराबर ऑर्डर आ रहे हैं. यह सारे उत्पाद किसी भी मौसम में खराब नहीं होते हैं जिस वजह से इनकी ड्युरेबिलिटी और लाइफ लांग होती है.
कानपुर के मोतीझील को थीमपार्क के रूप में सजाया
वैशाली ने कानपुर के मोतीझील पार्क को भी सजाने के कार्य किया, झूले, कुर्सी ,मेज, चिम्पेनजी,हाथी व अन्य की सज्जा की है. 4 टायर से 5 फीट के झूले तैयार होते हैं. ग्राउंड चेयर, आउटडोर लिविंग रूम,राउंड शेप काफी टेबल,मिनी फ्लावर प्लांट की ज्यादा डिमांड है. वैशाली के पास कई बड़े काम भी आ रहे है, लोगों के मन के मुताबिक ऑर्डर पर वे उत्पाद तैयार कर सकती है.