Fatehpur News: फतेहपुर में आखिरकार एक साथ इतने लोग क्यों मुंडवा रहे सिर ! वजह जानकर हैरान रह जाएंगे आप
Fatehpur Satyagrah News: फ़तेहपुर में पिछले कई दिनों से सड़क निर्माण न होने पर लगातार लोग एकजुट होकर सत्याग्रह करते हुए विरोध जता रहे है. सत्याग्रह के 8 वें दिन लोगों ने सिर मुंडवा कर विरोध जताया और जनप्रतिनिधियों से सड़क निर्माण की मांग की साथ में चेतावनी भी दी कि मांग न पूरी हुई तो अब तेरहवीं संस्कार भी करेंगे.
हाईलाइट्स
- सड़क निर्माण न होने को लेकर फतेहपुर में सत्याग्रह , सिर मुंडवा कर जताया विरोध
- जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध गुस्सा, गाजीपुर से विजयीपुर तक सड़क ध्वस्त
- जनप्रतिनिधियों ने नही पूरी की मांग तो अब तेरहवीं संस्कार करेंगे
Fatehpur Ghazipur Vijaipur Road Satyagrah: आप हमें वोट देकर इस बार चुनाव में जरूर जिताइए हम आपसे यह वादा करते हैं कि, चुनाव जीतने के बाद आपके कस्बे गांव में विकास की गंगा बहाएंगे जिसमें सबसे पहले मूलभूत सुविधाओं में से एक अच्छी सड़के बनवाएंगे ताकि यातायात और भी ज्यादा सरल एवं सुगम बन सके.
ऐसे वायदे आपने चुनावी रैली और प्रचार के दौरान बहुत से सुने होंगे लेकिन अफसोस उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में गाजीपुर से विजयीपुर को जोड़ने वाली 35 किलोमीटर लंबी सड़क आज भी अपने सीने में बड़े बड़े गड्ढों का दर्द झेल रही है. जिसे लेकर अब ग्रामीणों का गुस्सा सम्बंधित लोगो पर फूटा है. महात्मा गांधी ने जिस सत्याग्रह से अंग्रेजों के विरुद्ध आज़ादी की लड़ाई लड़ी थी उसी को हथियार बनाते हुए भ्रष्टाचार के विरुद्ध सड़कों में जन सत्याग्रह आंदोलन शुरू हो गया है.
सड़को में गड्ढे या गड्ढों में सड़क तय करें आप
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के गाजीपुर को विजयीपुर मार्ग से जोड़ने वाला यह रास्ता काफी पुराना है. ग्रामीणों की माने तो करीब 30 सालों से यहां के लोग टूटी सड़क के चलते काफी परेशान है, जिस वजह से यहां से आने-जाने में लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. जिसे लेकर एक बार नहीं कई बार जनप्रतिनिधियों को शिकायत भी की गई लेकिन अफसोस किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया, जिसके चलते अब दर्जनों लोग सड़कों पर उतरकर सत्याग्रह करते हुए अपनी बात को शासन प्रशासन तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं उनका कहना है कि जब तक इस रोड का निर्माण शुरू नहीं होगा तब तक यह सत्याग्रह जारी रहेगा.
महात्मा गांधी के बताए रास्ते पर प्रदर्शनकारी
खस्ताहाल सड़कों से बेहाल लोगों ने शासन और प्रशासन का अपनी ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए जो रास्ता अपनाया है उससे आने वाले समय में सत्ताधीशों नीव जरूर हिल सकती है. प्रदर्शनकारियों ने अहिंसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के दिन से सत्याग्रह आंदोलन छेड़ दिया है. इस आंदोलन में बुंदेलखंड राष्ट्र समिति सहित, सड़क संघर्ष समिति द्वारा संयुक्त रूप से प्रदर्शन किया जा रहा है, जिसमें किसान, वकील बड़ी संख्या में व्यापारी व ग्रामीण इस प्रदर्शन का हिस्सा बनकर विरोध जाता रहे हैं. यही नहीं इन प्रदर्शनकारियों में कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने आमरण अनशन भी शुरू कर दिया है.
आठवे दिन अपनाया ये अनोखा तरीका
पिछले 8 दिनों से सत्याग्रह पर बैठे लोगों ने अपनी बात को शासन प्रशासन तक पहुंचाने के लिए एक अनोखा रास्ता अपनाया अब सत्याग्रह कर रहे लोगों ने अपना सिर मुड़वाना शुरू कर दिया है, यदि इसके बाद भी सड़क का निर्माण शुरू न हुआ तो जनप्रतिनिधियों का तेरहवीं संस्कार भी किया जाएगा. सत्ताग्रहियों ने कहा कि हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बताए हुए रास्ते पर चल रहे हैं हम किसी भी तरह की हिंसा नहीं फैलाएंगे अपनी बात अहिंसा के रूप में कहेंगे
बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे ग्रामीण मौज मारते नेता
ग्रामीणों ने बताया कि सबसे ज्यादा परेशानी बारिश के समय में होती है, क्योंकि सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे होने की वजह से अक्सर बारिश में इन गड्ढों में पानी भर जाता है, जिस वजह से रास्ता समझ में नहीं आता है. बच्चों को स्कूल आने-जाने में काफी समस्या होती है तो वही राहगीर भी परेशान होते हैं यही नहीं कई बार तो इसी रास्ते से होकर अस्पताल भी जाना होता है, जिस वजह से कई बार यहां पर बड़े वाहन भी आने में कतराते हैं. सरकार ग्रामीणों की समस्याओं को अनदेखा कर रही है. जनप्रतिनिधि जनता की कमाई से मौज उड़ा रहे हैं और ग्रामीण अपनी बुनियादी समस्याओं से ही जूझ रहा है.
विकास के क्षेत्र का विकास चिड़ा रहा है मुंह
किसी भी गांव या कस्बे के विकास के लिए सबसे बड़ा योगदान गांव को जोड़ने वाली सड़क का होता है, क्योंकि सड़क के रास्ते ही आयात और निर्यात किया जाता है, लेकिन पिछले 30 सालों से इस रास्ते से होकर गुजरने वाले लोग आज भी इस रोड के बनने का इंतजार कर रहे हैं. चुनाव के पहले नेता केवल चुनावी वादों ही करते हैं लेकिन विकास के नाम पर यह क्षेत्र आज भी अपने अस्तित्व को ढूंढने पर मजबूर है. आपको बता दें कि 34 किलोमीटर लंबे इस रास्ते में करीब 1500 गांव और 2 लाख ग्रामीण रोजाना जनप्रतिनिधियों और शासन की अनदेखी का सामना कर रहे हैं.
प्रदेश सरकार का गड्ढा मुक्त अभियान हवा हवाई
प्रदेश में सरकार बनने के बाद से लगातार यह दावा किया जा रहा था कि 30 नवंबर 2022 तक प्रदेश को गड्ढा मुक्त बना दिया जाएगा. जिसके लिए लगातार सीएम योगी आदित्यनाथ भी इसकी मॉनीटरिंग कर रहे थे यही नहीं पीडब्ल्यूडी और नगर निगम को इसकी जिम्मेदारी भी सौपी गई थी, सीएम को खु:श करने के लिए संबंधित अधिकारियों ने कागजों पर प्रदेश को गड्ढा मुक्त भी दिखा दिया था लेकिन हकीकत आपके सामने है जहां पर आज भी लाखों लोग अधिकारियों की अनदेखी का शिकार हो रहे हैं.