Babloo AI Video Vlogger की इंटरनेट पर धूम: जानिए कैसे बनते हैं ये Monkey AI Video जो यूट्यूब पर मचा रहे तहलका
Monkey AI Videos Kaise Banaye
आजकल इंटरनेट पर 'Babloo AI Video Vlogger' के नाम से वायरल हो रहे AI-generated वीडियो चर्चा का विषय बने हुए हैं. ये वीडियो सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि पैसा कमाने का नया ज़रिया भी बन चुके हैं. जानिए कैसे बनते हैं ये वीडियो, किस तकनीक से और कैसे कमा रहे लाखों.

Monkey AI Videos Kaise Banaye: यूट्यूब और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर 'Babloo AI Video Vlogger' नाम से वायरल हो रहे वीडियो ने डिजिटल क्रिएशन की दुनिया में हलचल मचा दी है. कभी बंदर लीला और कभी हरिद्वार में ये वीडियो ना सिर्फ एंटरटेनिंग होते हैं.
बल्कि पूरी तरह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बनाए जाते हैं, जिसमें इंसान की ज़रूरत ही नहीं पड़ती. आइए जानते हैं कि कैसे बनते हैं ये Monkey AI Videos और कैसे आप भी इस दुनिया में कदम रख सकते हैं.
AI Vlogger Babloo क्या है और क्यों हो रहा वायरल?
‘Babloo AI Vlogger’ असल में एक डिजिटल कैरेक्टर है, जिसे 100% आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से तैयार किया गया है. इसका चेहरा, आवाज़, स्क्रिप्ट और एडिटिंग—सबकुछ मशीनों द्वारा ऑटोमैटिक किया जाता है. खास बात ये है कि यह वर्चुअल इंसान आम लोगों की तरह बोलता है, मजेदार कहानियां सुनाता है और गांव-देहात की बोलचाल का अंदाज अपनाता है, जिससे लोग जुड़ाव महसूस करते हैं. यही वजह है कि इसके वीडियो करोड़ों में व्यूज ला रहे हैं.
कैसे बनते हैं Babloo जैसे AI Video Vlogger?
AI Avatar Generator: Tools जैसे D-ID, HeyGen या Synthesia की मदद से एक बोलने वाला वर्चुअल कैरेक्टर तैयार किया जाता है. इसमें चेहरा, हाव-भाव और होठों की हरकतें AI खुद तय करता है.
Text-to-Speech (TTS) Technology: स्क्रिप्ट को आवाज़ में बदलने के लिए ElevenLabs, Murf.ai या Google TTS का इस्तेमाल किया जाता है.
AI Script Generator: स्क्रिप्ट लिखने के लिए ChatGPT जैसे टूल्स से स्टोरी तैयार की जाती है.
Video Editing Tools: CapCut, Canva या Adobe Express की मदद से बैकग्राउंड, म्यूज़िक और सबटाइटल्स जोड़े जाते हैं.
कितनी लागत और कितना मुनाफा?
Babloo जैसे वीडियो बनाने में शुरुआत में 2000 से 5000 रुपये तक का खर्च आता है, जो इन टूल्स की सब्सक्रिप्शन और वीडियो एडिटिंग से जुड़ा होता है. लेकिन एक बार वीडियो वायरल हो जाए तो यूट्यूब एडसेंस, ब्रांड प्रमोशन और एफिलिएट मार्केटिंग के ज़रिए हर महीने लाखों रुपये की कमाई की जा सकती है.
कई कंटेंट क्रिएटर्स ने इस मॉडल से 3-5 लाख रुपये महीना तक कमाया है. यही कारण है कि अब इसे "Monkey AI Video" की कैटेगरी कहा जा रहा है.
ग्रामीण अंदाज ने दिल जीता, तकनीक ने कमाल किया
Babloo जैसे AI व्लॉगर की खास बात ये है कि ये वीडियो पूरी तरह देसी लहजे में होते हैं. चाहे वो ‘मक्खन चोर की कहानी’ हो या ‘दादी की सीख’—इन वीडियो में गांव-देहात की भाषा, बोली और कहानियों को AI टेक्नोलॉजी के जरिए जीवन्त बनाया जाता है. यही कारण है कि ये वीडियो सिर्फ शहरी ही नहीं, ग्रामीण दर्शकों को भी आकर्षित कर रहे हैं.
क्या आप भी बना सकते हैं Babloo जैसा AI Video?
बिल्कुल. आज के दौर में किसी कोडिंग या तकनीकी ज्ञान की जरूरत नहीं है. आप बस स्क्रिप्ट तैयार करें, फ्री या पेड AI टूल्स से अपना वर्चुअल कैरेक्टर बनाएं और उसे यूट्यूब या इंस्टाग्राम पर अपलोड करें. अगर कंटेंट दमदार है, तो वायरल होने से कोई नहीं रोक सकता. भारत में कई यूट्यूब चैनल सिर्फ AI वीडियो से ही लाखों सब्सक्राइबर्स तक पहुंच चुके हैं.