फतेहपुर:लोकतंत्र को बचाने के लिए नोटा का हो बड़े पैमाने पर प्रचार प्रसार-'त्यागी'.!
नोटा का प्रचार कर लोगों को जागरुक करने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता ने जिला निर्वाचन अधिकारी से इसके प्रचार प्रसार की अनुमित मांगी है..पढ़े युगान्तर प्रवाह से बातचीत के दौरान सामाजिक कार्यकर्ता ने क्या कहा.?
फ़तेहपुर: भारत में लोकतंत्र का महापर्व भले ही बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा हो पर इसी लोकतंत्र में एक तबका ऐसा भी है जो सभी राजनीतिक पार्टियों में व्याप्त कथित भ्रष्टाचार से दुःखी और हताश है और वह इस चुनावी प्रक्रिया में व्यापक स्तर पर बदलाव की मांग कर रहा है।
यूपी के फतेहपुर ज़िले के रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता रामकृपाल त्यागी पिछले चुनाव से लगातार अपने क्षेत्र में नोटा का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार कर रहे हैं इसी क्रम में गुरुवार को उन्होंने जिला निर्वाचन अधिकारी(डीएम) फतेहपुर से नोटा के प्रचार प्रसार के लिए अनुमति मांगी है।
पिछले ढाई वर्षों से नोटा के लिए लड़ाई लड़ रहें हैं त्यागी...
युगान्तर प्रवाह से ख़ास बातचीत करते हुए राम कृपाल त्यागी ने कहा कि वो पिछले ढाई वर्षों से नोटा के लिए पत्राचार कर रहें हैं लेकिन चुनाव आयोग के द्वारा इसका व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार नहीं किया जा रहा हैं।उन्होंने कहा सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार चुनाव आयोग को नोटा का प्रचार करना जरूरी है।फिर भी इसको दरकिनार किया जाता है। त्यागी ने कहा कि उन्होंने यूपी के पचहत्तर जिले के निर्वाचन अधिकारी से आरटीआई के माध्यम से यह जानकारी भी मांगी की मतदाता जागरूकता में आप किन-किन बिंदुओं का जिक्र करते हो तो किसी ने भी जवाब में नोटा का ज़िक्र नहीं किया।
राजनैतिक पार्टियों के दबाव के कारण नहीं किया जा रहा है नोटा का प्रचार...
रामकृपाल ने कहा कि भारत के लोकतंत्र के साथ लगातार खिलवाड़ किया जा रहा है। कुछ राजनैतिक दल गुटबंदी करके नहीं चाहते कि नोटा का प्रचार किया जाए इसलिए ये चुनाव आयोग पर दवाब बनाए हैं। उन्होंने बातचीत के दौरान कहा कि राजनैतिक पार्टियों को प्रचार प्रसार के पांच वर्षों का समय दिया जाता है और जो व्यक्ति निर्दलीय है उसे सिर्फ 14 दिन का समय। उन्होंने कहा हमारे देश का मतदाता जागरूक है लेकिन उसके पास कोई विकल्प नहीं है।नोटा का माध्यम से लोगों के पास विकल्प होगा और आने वाले समय में समाज मे इसका प्रभाव पड़ेगा।