फतेहपुर:पहले कर्ज के बोझ तले दबकर किसान ने दी जान ..अब घर भी जलकर हुआ ख़ाक.!
गाजीपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक किसान के परिवार के ऊपर मानो दुःखो की बरसात हो रही है..पहले घर के मुखिया ने कर्ज़ से तंग आकर जान दे दी..और अब उसी के घर में संदिग्ध परिस्थितियों में लगी आग ने सब कुछ जलाकर राख कर दिया..पढ़े युगान्तर प्रवाह की एक रिपोर्ट।
फ़तेहपुर: यूपी में कर्ज़ माफ़ी हो गई,गरीबों को आवास मिल गए,महिलाओं को उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी सिलेंडर मिल गया,स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय भी बन गए।पर क्या इन सरकारी योजनाओं का लाभ सूबे के हर उस ग़रीब,किसान या महिला को मिल पाया है जो वास्तव में इसके पात्र हैं औऱ सबसे ज्यादा जिनको इन सरकारी लाभकारी योजनाओं की ज़रूरत है तो आपको यह जानकर अचरज होगा कि अभी भी इन योजनाओं का लाभ बड़े पैमाने पर जरूरतमन्दो को नहीं मिल पाया है।भले ही भाजपा इन योजनाओं के सहारे 2019 के चुनावों को जीतने की फ़िराक़ में हो।लेक़िन इन योजनाओं की असल हकीकत क्या है इसको जानने के लिए अशोथर विकास खण्ड के बरुहा गाँव चलना होगा।
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गाजीपुर थाना क्षेत्र के बरुहा गाँव में मृतक किसान कृष्ण चन्द्र शुक्ला का परिवार रहता है जो बेहद ग़रीब है परिवार में मृतक की पत्नी व एक बेटा है आपको बता दे कि क़रीब महीने भर पहले किसान कृष्णचन्द्र शुक्ल ने कर्ज से परेशान होकर अपनी जान दे दी थी।उसके बाद अभी शनिवार की रात किसान के घर मे आचनक आग लग जाने से पूरी घर मे रखी हुई गृहस्थी जलकर खाक हो गई।अब किसान के परिवार के ऊपर दो वक्त की रोटी का भी संकट खड़ा हो गया है।
अब तक न मिला सरकारी लाभ..!
बरुहा गाँव के रहने वाले किसान के परिवार को अब तक किसी भी प्रकार का सरकारी लाभ नहीं मिल पाया है जबकि किसान का परिवार इन लाभों को पाने के लिए पूरी पात्रता रखता है।ग़ौरतलब है कि किसान अपने बेटे की बीमारी व बेटी की शादी के बाद क़रीब 6 लाख के कर्ज़ में डूब चुका था जिसको लेकर वह काफ़ी परेशान रहता था औऱ जब कर्ज़ का बोझ उससे सहन न हो सका तो उसने क़रीब एक माह पहले अपने खेतों में जाकर एक पेड़ से लटकर अपनी जान दे दी थी।और हाल ही में उसके घर आग लग जाने से सब कुछ तबाह हो गया।
किसान के परिवार के ऊपर पड़ रहे इन दुःखो के बाद भी अब तक न तो उसे किसी भी प्रकार का सरकारी लाभ मिला है और न ही जिला प्रशासन की तरफ़ से किसान के परिवार को मदद पहुंचाने की कोसिस की गई है।
घर में आग लगने के बाद युगान्तर प्रवाह से बातचीत करते हुए मृतक किसान कृष्ण चन्द्र शुक्ला के पुत्र ने बताया कि शनिवार की रात मैं घर के अंदर सो रहा था तभी बाहर शोर सुनाई देने के चलते मैं जग गया जब उठकर देखा तो मेरे घर का वह हिस्सा जल रहा था जिसमें गेंहू,दाल,चावल चना,आलू,लहसुन सहित गृहस्थी में प्रयोग होने वाला सामान रखा हुआ था।आग की लपटों को देखकर गाँव वाले आए फ़ायर बिग्रेड और डायल 100 की गाड़ियां भी आईं पर जब तक आग पर काबू पाया जाता तब पूरी गृहस्थी जलकर राख हो चुकी थी।
कर्ज़ के बोझ तले अपनी जान देने वाले किसान के बेटे ने बताया कि पिताजी खुदकुशी करने के पहले भी सरकारी लाभ के लिए ऑफिसो के चक्कर लगाते थे पर हम लोगों को न तो उनके जिंदा रहते किसी भी प्रकार का लाभ मिला और न ही उनके मरने के बाद और अब जबकि हमारे घर मे आग लग जाने के बाद दो वक्त की रोटी का भी संकट खड़ा हो गया है तब भी हमको किसी भी प्रकार की सरकारी या प्रशासनिक मदद की उम्मीद नहीं दिख रही है।
बरुहा ग्राम के ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राजकुमार ने बताया कि अब तक किसान कृष्ण चन्द्र शुक्ला को किसी भी प्रकार का सरकारी लाभ नहीं मिल पाया है और पंचायत स्तर पर भी इस प्रकार की मदद के लिए कोई धन की व्यवस्था नहीं है।किसान के परिवार को सरकारी आवास न मिल पाने के सवाल में प्रधान प्रतिनिधि ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास की पात्रता सूची में नाम न होने के चलते किसान को आवास की सुविधा नहीं दी जा सकी है।
अब बड़ा सवाल यह है कि भाजपा सरकार 2019 का चुनाव इन योजनाओं के बूते जीतने का दावा तो कर रही है पर इन योजनाओं की ज़मीनी हकीकत क्या भाजपा को दोबारा सत्ता में आने देगी.?