Sharad Purnima 2021 Kab Hai:शरद पूर्णिमा कब है उस रात क्यों रखी जाती है खुले आसमान के नीचे खीर
अश्वनि मास में होने वाली पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं.इसे कुछ जगहों पर कोजागिरी औऱ राज पूर्णिमा भी कहते हैं.इस साल शरद पूर्णिमा किस दिन है.आइए जानते हैं. Sharad purnima 2021 kab hai kojagiri purnima 2021 Sharad purnima 2021
Sharad Purnima 2021 Kab Hai:अश्वनि मास की पूर्णिमा पूरे साल की सबसे विशेष पूर्णिमा होती है.इसे शरद पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है.हिन्दू धर्म में शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) का विशेष महत्व होता है.शरद पूर्णिमा की रात माँ लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है.मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात माता लक्ष्मी पृथ्वी पर आती हैं.पूर्णिमा पर रात्रि में जागरण करने व रात भर चांदनी रात में रखी खीर को सुबह भोग लगाने का विशेष रूप से महत्व है.इसलिये इसे कोजागर या कोजागिरी पूर्णिमा (Kojagiri Purnima 2021) भी कहते हैं.Sharad purnima ka mahtwa sharad purnima 2021 kab hai
खुले आसमान के नीचे रात भर रखी जाती है खीर.. Sharad Purnima Ka Mahtwa
ज्योतिषि के जानकारों के अनुसार साल में से सिर्फ शरद पूर्णिमा (Sharad purnima 2021 Date) के ही दिन चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है.मान्यता है कि इस दिन आसमान से अमृत की वर्षा होती है.इस दिन चंद्रमा की पूजा की जाती है.कहते हैं कि इस दिन से सर्दियों की शुरुआत हो जाती है.यह भी कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा (Sharad purnima 2021) के दिन चंद्रमा धरती के सबसे करीब होता है.ऐसी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा (Sharad purnima 2021) की रात चावल की खीर बनाकर उसे रात भर खुले आसमान के नीचे रखना चाहिए औऱ फ़िर अगली सुबह उस खीर को खाना लाभदायक औऱ पुण्यदायक होता है. Sharad purnima par khir
इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी होते हैं. कहते हैं कि दूध में भरपूर मात्रा में लैक्टिक एसिड पाया जाता है.ये चांद की तेज रोशनी में दूध में पहले से मौजूद बैक्टिरिया को और बढ़ाने में सहायक होता है.वहीं खीर में पड़े चावल इस काम को और आसान बना देते हैं. चावलों में पाए जाने वाला स्टार्च इसमें मदद करता है.हो सके तो खीर को चांदी के बर्तन में रखना चाहिए यही वजह है कि शरद पूर्णिमा की रात बाहर खुले आसमान में खीर रखना फायदेमंद होता है. Sharad purnima 2021 Kab Hai