Matangeshwar Mahadev Temple : खजुराहो के इस प्राचीन शिव मंदिर का अनोखा रहस्य,हर साल शिवलिंग बढ़ता है एक इंच
- By युगान्तर प्रवाह संवाददाता
- Published 07 Aug 2023 01:14 PM
- Updated 18 Sep 2023 09:22 PM
मध्यप्रदेश का खजुराहो शहर जो टूरिज्म के लिए प्रसिद्ध है.यहां पर प्राचीन मतंगेश्वर महादेव मंदिर की मान्यता अद्भुत है. ऐसी मान्यता है कि हर साल शिवलिंग 1 इंच बढ़ता है. यहां शिवलिंग 9 फीट लंबा है.बताया जाता है इस शिवलिंग के नीचे एक रहस्यमयी मणि भी मौजूद है. सावन के दिनों में यहां भक्तों का तांता लगा रहता है.
हाइलाइट्स
एमपी के खजुराहो में मतंगेश्वर महादेव मन्दिर का अद्भुत महत्व
हर साल एक इंच बढ़ता है शिवलिंग,9 फिट लंबा शिवलिंग के दर्शन करने उमड़ती है भक्तों की भीड़
मतंग ऋषि के नाम पर पड़ा मतंगेश्वर, रहस्यमयी मणि भी मौजूद
Mythological significance of Matangeshwar temple : युगांतर प्रवाह की टीम आपको लगातार प्रसिद्ध,रहस्यमयी और चमत्कारी शिव मंदिरों के पौराणिक महत्व और इतिहास के बारे में बता रहा है.आज हम बात करेंगे मध्य प्रदेश के खजुराहो जिले की,खजुराहो एक टूरिज्म स्पॉट भी है. यहां प्राचीन मतंगेश्वर महादेव मंदिर है. जिसकी मान्यता अपने आप में अनोखी है. चलिए आज हम आप सभी पाठकों को मतंगेश्वर महादेव मंदिर के पौराणिक महत्व और इसके पीछे क्या कथा प्रचलित है इसे भी विस्तार से बताएंगे..
खजुराहो का प्रसिद्ध प्राचीन शिव मंदिर,टूरिज्म प्लेस की वजह से बनी रहती है भीड़
मध्य प्रदेश का खजुराहो शहर टूरिज्म के लिए प्रसिद्ध है. पर्यटकों का यहां आना-जाना लगा रहता है. इस शहर में एक प्रसिद्ध शिव मंदिर भी है. जो काफी प्राचीन है. इस मंदिर का नाम मतंगेश्वर महादेव मंदिर है, बात की जाए मतंगेश्वर महादेव मंदिर की तो पहले यहां पर 80 से ज्यादा मंदिर हुआ करते थे. लेकिन आज यहां मन्दिर बहुत कम ही है.
9वीं सदी में बना था यह मन्दिर हर दिन दर्शन के लिए उमड़ती है भक्तों की भीड़
यहां जो शिवलिंग है, वह जितना जमीन के नीचे है,उतना ही जमीन के ऊपर भी है. कहा जाता है कि हर साल शरद पूर्णिमा के दिन यह शिवलिंग 1 इंच बढ़ता है.लक्ष्मण मन्दिर से सटा ये मतंगेश्वर मन्दिर,इसे मृत्युंजय महादेव मंदिर भी कहते हैं. करीब 9 फीट लंबा शिवलिंग भक्तों के आकर्षण का केंद्र भी है. इस विशाल शिवलिंग के दर्शन के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ता है.बताया जाता है मतंगेश्वर महादेव मंदिर नवीं सदी में बना था इसके पीछे एक कथा भी प्रचलित है.
शिवलिंग के नीचे मणि है गढ़ी मतंग ऋषि से है नाता मन्दिर का
पौराणिक कथाओं के अनुसार शंकर भगवान के पास एक मरकत मणि थी. जिसे उन्होंने पांडव के जेष्ठ भ्राता युधिष्ठिर को दी थी. फिर युधिष्ठिर से यह मणि मतंग ऋषि के पास जा पहुंची. मतंग ऋषि के नाम पर ही इस मंदिर का नाम मतंगेश्वर महादेव मंदिर पड़ा. तब से यह स्थल भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ है.यहां सच्चे मन से जो भी भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं. भोलेनाथ उनकी मनोकामना जरूर पूरी करते हैं.
ऐसे पहुंचे मतंगेश्वर मन्दिर
खजुराहो के मतंगेश्वर महादेव मंदिर की यात्रा का प्लान कर रहे हैं, तो यहां से आप ट्रेन, फ्लाइट ,बस और निजी साधन से भी आराम से पहुंच सकते हैं. मंदिर खुलने का समय सुबह 6:00 से रात 9:00 बजे तक का है.ट्रेन द्वारा यदि जाना चाहते हैं तो खजुराहो रेलवे स्टेशन, राजनगर रेलवे स्टेशन उतरना होगा.यहां निकटतम हवाई अड्डा खजुराहो हवाई अड्डा है, बस स्टॉप से मंदिर की दूरी लगभग 900 मीटर है.यहां रुकने के लिए होटल भी पर्याप्त है.
ये भी पढ़ें- Chandrayaan-3 : चंद्रयान-3 पहुंचा चांद के काफी करीब, ISRO ने जारी की Moon की पहली दुर्लभ तस्वीरें