Mahashivaratri 2022:बम बम भोले के जयकारों से गुलजार होने लगा फतेहपुर का ताम्बेश्वर मंदिर कांवड़ियों के पहुँचने का सिलसिला शुरू
- By युगान्तर प्रवाह संवाददाता
- Published 28 Feb 2022 06:15 PM
- Updated 28 Nov 2023 07:43 PM
फतेहपुर के प्रसिद्ध सिद्धपीठ ताम्बेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि के अवसर पर भगवान शंकर के स्वरूप का दर्शन करने के लिए भक्तों के पहुँचने का सिलसिला सोमवार से ही शुरू हो गया है.मंदिर प्रशासन की तरफ़ से मंदिर की साज सज्ज़ा सहित अन्य जरूरी व्यवस्थाओं को अंतिम रूप से दिया जा रहा है. Fatehpur Tambeswar Manadir Mahashivratri Puja
Fatehpur News:महाशिवरात्रि का पावन पर्व इस साल 1 मार्च को मनाया जा रहा है.इस अवसर पर शिव मंदिरों में विशेष रूप से सजावट की गई है.फतेहपुर ज़िले में कई प्रसिद्ध शिवपीठ हैं.जिनमें से फतेहपुर शहर स्थित ताम्बेश्वर मंदिर भी एक है.ज़िले के ख्यातिलब्ध इस शिव मंदिर में वैसे तो हजारों श्रद्धालु रोज ही दर्शन के लिए पहुँचते हैं लेकिन महाशिवरात्रि के अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ दर्शन के लिए पहुँचती है.Fatehpur Tambeswar Temple Mahashivratri 2022
जिला प्रशासन की तरफ़ से सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इतंजाम किए गए हैं.साथ ही मंदिर प्रशासन ने भी अपनी तैयारियां लभगभ पूरी कर लीं हैं.यहाँ शिवरात्रि के मौक़े पर बड़ी संख्या में कावड़िये भी गंगा जल लेकर शिवलिंग का जलाभिषेक करने के लिए पहुँचते हैं. एक दिन पूर्व से ही कांवड़ियों के पहुँचने का सिलसिला शुरू हो गया है.

ताम्बेश्वर मंदिर गर्भगृह
भक्तों को नहीं होगी परेशानी..
ताम्बेश्वर मंदिर के मुख्य पुजारी राघवेंद्र पांडेय ने बताया कि मंदिर प्रशासन की तरफ़ से शिवरात्रि के मौक़े पर भक्तों की भारी भीड़ के दृष्टिगत सारी तैयारियां पूर्ण कर ली गईं हैं.सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस फ़ोर्स की तैनाती रहेगी.उन्होंने कहा कि किसी को भी दर्शन करने में दिक्कत नहीं जाएगी.मंदिर प्रशासन की तरफ़ से धर्मेंद्र सिंह 'जनसेवक', शिवप्रताप शुक्ला, अभिषेक श्रीवास्तव सहित कई लोगों दर्शन व्यवस्था की जिम्मेदारी दी गई है.

मुख्य पुजारी राघवेंद्र पांडेय
ताम्बेश्वर मंदिर का इतिहास..
ताम्बेश्वर मंदिर के मुख्य पुजारी राघवेंद्र पांडेय ने युगान्तर प्रवाह से बातचीत करते हुए बताया कि मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है.यहाँ स्थापित शिवलिंग के इतिहास के विषय में सटीक जानकारी नहीं मिल पाती है.हालांकि यह बात हमेशा से चर्चा में है औऱ बड़े बुजुर्ग बताते भी हैं कि अंग्रेजों में समय जो भी निर्दोष कैदी जेल में बन्द होते थे वह इस मंदिर के प्रताप से स्वत ही छूट जाते थे.

मंदिर व्यवस्था में लगे धर्मेंद्र सिंह, शिवप्रताप शुक्ला व अन्य
दरअसल मंदिर के नजदीक ही जिला कारागार है औऱ अंग्रेजो के समय मे उसका एक दरवाजा ताम्बेश्वर मंदिर की तरफ़ होता था.उस दरवाजे से मंदिर का दर्शन हो जाता था औऱ जो भी कैदी वहां से मंदिर का दर्शन कर लेता था वह छूट जाता था. धीरे धीरे यह बात जब जेल प्रशासन को पता चली तो उन्होंने जेल के उस गेट को बन्द करा दिया था.Fatehpur Tambeshwar Mandir History