UP:फतेहपुर-अपने मालिक की मौत बर्दाश्त न कर सका बंदर..घर से निकली दो अर्थी..!
- By युगान्तर प्रवाह संवाददाता
- Published 12 Feb 2020 03:08 PM
- Updated 19 Mar 2023 10:43 AM
यूपी के फतेहपुर ज़िले में मंगलवार को एक अजीबोगरीब घटना हुई है.. जिसकी चर्चा पूरे ज़िले में हो रही है..क्या है पूरा मामला पढ़े युगान्तर प्रवाह पर..
फतेहपुर:आज के दौर में जब इंसानी रिश्ते तार तार हो रहें हो तब एक इंसान और जानवर के बीच जुड़ा भावनात्मक रिश्ता इतना गहरा हो कि एक की मौत पर दूसरे के भी प्राण निकल जाएं तो यह किसी चमत्कार से कम नहीं है।
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ऐसा ही एक हैरतअंगेज वाक्या ज़िले के खागा तहसील क्षेत्र के किशनपुर क़स्बे का है।जानकारी के अनुसार यहां रहने वाले शिवराज सिंह (75) जो कि सेवानिवृत्त शिक्षक थे उन्होंने एक बंदर पाल रखा था।चूंकि उनके कोई औलाद नहीं थी इस लिए वह उस बंदर को वह अपने पुत्र के समान रखते थे।उसकी देखभाल करना ,उसको समय से खाना देना आदि वह अपनी वृद्ध पत्नी के साथ करते थे।
इस बीच पिछले कुछ समय से रिटायर्ड शिक्षक शिवराज की वृद्धावस्था होने के चलते तबियत ख़राब रहने लगी जिसके चलते बंदर की देखभाल वह कम कर पाते थे।परिवारीजनों ने बंदर को ले जाकर खागा के जंगलों में छोड़ दिया।लेकिन बंदर अपने मालिक का पता खोजते खोजते हाल ही में तीन चार दिनों पहले फ़िर से किशनपुर उनके घर पहुंच गया था।
बताया जा रहा है कि मंगलवार शाम रिटायर्ड शिक्षक की तबियत ज्यादा ख़राब हो गई और उनकी ह्र्दयगति रुकने से मौत हो गई।मौत के बाद परिवारीजन शव के पास बैठकर रोने लगे इसी बीच बंदर भी शव के बगल में आकर लेट गया।थोड़ी देर बाद बन्दर के शरीर में हरक़त होनी बन्द हो गई।तो लोगों ने बंदर का शरीर छूकर देखा तो उसके शरीर से प्राण निकल चुके थे।बंदर की इस तरह हुई अचानक मौत से लोगों के बीच चर्चाओं का दौर शुरू हो गया और लोग बंदर का अपने मालिक के साथ इस तरह का प्रेम देख हतप्रभ हैं।
बुधवार को रिटायर्ड शिक्षक शिवराज सिंह की अर्थी के साथ ही बंदर की भी अर्थी को निकाल लोगों ने दोनों शवों का अंतिम संस्कार किया।
(रिपोर्ट-मयंक मिश्रा)