Please enable JavaScript to support our website by allowing ads.

Who Is Siyaram Baba: कौन थे सियाराम बाबा जिन्हें कलयुग का हनुमान कहा गया ! एक लंगोट में काट दिया जीवन

Siyaram Baba

हनुमान जी के अनन्य भक्त और मां नर्वदा की सेवा करने वाले सियाराम बाबा (Siyaram Baba) पंचतत्व में विलीन हो गए. 12 वर्षों तक उन्होंने खड़े रखकर तपस्या की और केवल नीम की पत्तियां खाते रहे. मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के तेली भट्टयान आश्रम में उन्होंने अंतिम सांस ली. आइए जानते हैं उनके त्याग और समर्पण के बारे में..

Who Is Siyaram Baba: कौन थे सियाराम बाबा जिन्हें कलयुग का हनुमान कहा गया ! एक लंगोट में काट दिया जीवन
सियाराम बाबा पंचतत्व में विलीन: Image Credit Original Source

Siyaram Baba Biography In Hindi: देश में कई ऐसे संत हुए जिन्होंने अपना जीवन परमात्मा और समाजसेवा के लिए समर्पित कर दिया. ऐसे ही एक महान संत निमाड़ के श्री श्री 1008 सियाराम बाबा हैं जिन्होंने मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के खरगोन (Khargone) जिले की नर्मदा नदी के तट पर बसे तेली भट्टयान आश्रम में 94 वर्ष की आयु में देह त्याग दी.

बताया जा रहा है कि संत सियाराम बाबा मूलरूप से गुजरात (Gujarat) के काठियावाड़ के रहने वाले थे. बाबा को कलयुग का हनुमान माना जाता था जिन्होंने अंतिम समय तक श्री राम का जप और रामचरित मानस का पाठ किया. मां नर्वदा की सेवा और उत्थान के लिए उन्होंने अपना जीवन समर्पित कर दिया.

1955 में तेली भट्टयान पहुंचे थे बाबा, 5 वर्षों तक किया भारत भ्रमण 

आश्रम के सेवादारों के अनुसार बाबा मूलरूप से गुजराती थे और उन्होंने 11वीं तक की पढ़ाई बंबई (Mumbai) से की थी. जानकारी के मुताबिक बाबा ने आगे की पढ़ाई छोड़कर अपने गुरू के साथ भारत भ्रमण पर निकल गए. पूरे पांच वर्षों तक उन्होंने अलग-अलग स्थानों का भ्रमण किया और मानसरोवर की यात्रा की.

बताया जा रहा है कि इसी दौरान उन्होंने मां नर्वदा की परिक्रमा की. एक सेवादार राजेश बिरला बताते हैं कि परिक्रमा के दौरान बाबा तेली भट्टयान गांव पहुंचे और यहीं बस गए. आश्रम के ही एक और सेवादार संतोष पहले कहते हैं कि उनको बताए गए संस्मरण के अनुसार बाबा 1955 में यहां आए थे और नदी के किनारे बरगद के वृक्ष के नीचे एक पैर पर खड़े रहकर 12 वर्षों तक तपस्या की. वो इस दौरान मौन रहते थे. 

Read More: Rail News In Hindi: अब दिल्ली से हरिद्वार पहुंचिए महज ढाई घंटे में ! रेलवे की नई क्रांति से बदलेगा सफर, बढ़ेगा विकास

12 वर्षों तक रहे मौन, खाते थे नीम के पत्ते 

सियाराम बाबा का तपस्या इतनी कठिन थी कि उनको देखने वालों के पसीने छूट जाते थे. संस्मरणों के अनुसार बाबा ने 12 वर्ष तक खड़े रखकर तपस्या की और नीम के 12 पत्ते खाकर जीवित रहे. तपस्या के बाद उनके मुख से पहली बार "सियाराम" शब्द निकला तब से सब उन्हें इसी नाम से पुकारने लगे.

Read More: IMF का पाकिस्तान को बेलआउट पैकेज: भारत ने जताई कड़ी आपत्ति, कहा-आतंक के लिए होगा इस्तेमाल

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बाबा का असली नाम और उनके परिवार के बारे में किसी को कुछ पता नहीं है. बताया जा रहा है कि बाबा हनुमान जी के बड़े भक्त थे और निरंतर रामचरित मानस का पाठ करते रहते थे. 

Read More: India Pakistan Ceasefire Violation News in Hindi: संघर्षविराम के 3 घंटे में ही पाकिस्तान का विश्वासघात, जम्मू-कश्मीर से गुजरात तक गोलाबारी

एक लंगोट में काट दिया पूरा जीवन, केवल 10 रुपए लेते थे दान 

सियाराम बाबा ने अपना पूरा जीवन एक लंगोट के सहारे काट दिया. उनका मानना था कि जिनके अंदर महाबली का वास हो तो ये सांसारिक ऋतु परिवर्तन उनके शरीर का कुछ बिगाड़ नहीं सकती हैं..वहीं कुछ जानकार बताते हैं कि बाबा ने कुछ सिद्धियां प्राप्त कर ली थीं जिसकी वजह से उनका आशीर्वाद लोगों के लिए वरदान बन जाता था.

आस पास के लोगों ने बताया कि पहले सियाराम बाबा (Siyaram Baba) एक झोपडी में रहते थे फिर लोगों ने चंदा करके उनके लिए आश्रम बनवाया. बताया जा रहा है वो दान में केवल 10 रुपए लेते थे किसी ने ज्यादा दिया तो लौटा देते थे..बाबा उन्हीं पैसों से नर्मदा के घाटों का निर्माण और सामाजिक सेवा करते थे. 

मोक्षदा एकादशी के दिन त्याग दिया शरीर 

सियाराम बाबा (Siyaram Baba) लंबे समय से बीमार चल रहे थे. पैरों में पट्टी बांधकर भी वो हनुमान जी की सेवा आरती और खुद का भोजन पकाते थे..अधिक बीमारी की वजह से उनको अस्पताल में भी भर्ती करवाया गया लेकिन ज्यादा दिन अस्पताल में वो नहीं रहे और अपने आश्रम चले आए.

बताया जा रहा है कि मोक्षदा एकादशी यानी 11 दिसंबर को सुबह उन्होंने अपनी देह त्याग दी. ऐसा कहा जाता है कि एकादशी के दिन ही वो इस गांव में आए थे और उसी दिन यहां से चले गए. मां नर्वदा के प्रति उनका संघर्ष और अन्नत हनुमान जी और श्री राम जी की भक्ति के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा.

युगान्तर प्रवाह एक निष्पक्ष पत्रकारिता का संस्थान है इसे बचाए रखने के लिए हमारा सहयोग करें। पेमेंट करने के लिए वेबसाइट में दी गई यूपीआई आईडी को कॉपी करें।

Latest News

School Closed In UP: फतेहपुर के इन विद्यालयों में बढ़ी बच्चों की छुट्टी ! शिक्षकों में इस बात से नाराजगी, जानिए कारण School Closed In UP: फतेहपुर के इन विद्यालयों में बढ़ी बच्चों की छुट्टी ! शिक्षकों में इस बात से नाराजगी, जानिए कारण
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में भीषण गर्मी को देखते हुए परिषदीय स्कूलों की छुट्टियां 30 जून तक बढ़ा दी...
UP News: डिप्टी सीएम और ब्राह्मण समाज को लेकर सपा नेता ने ऐसा क्या लिख दिया ! पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा, जानिए पूरा मामला
Fatehpur News Today: फतेहपुर के साउथ सिटी में बदलाव की बयार, 40 एकड़ में बनेगा भव्य पार्क, खर्च होंगे करोड़ों
Fatehpur News: फतेहपुर के पानी में घुला ज़हर ! एनजीटी ने दिखाई सख्ती, मुख्य सचिव को दी निगरानी की जिम्मेदारी
Kanpur DM CMO News: कानपुर के डीएम और CMO के बीच तनातनी ! वायरल ऑडियो में भ्रष्टाचार की चर्चाएं, प्रमुख सचिव से शिकायत
आज किसकी चमकेगी किस्मत? 15 जून 2025 का राशिफल बता रहा है बड़ा उलटफेर, जानिए अपनी राशि का हाल
Fatehpur News: फतेहपुर में फिर गरजा बुलडोजर ! कई थानों की पुलिस के साथ लगाई गई पीएसी, जानिए क्या है वजह

Follow Us