
जयंती विशेष:एपीजे अब्दुल कलाम के राष्ट्रपति बनने की कहानी काफ़ी रोचक है.!

भारत के पूर्व राष्ट्रपति दिवंगत एपीजे अब्दुल कलाम की आज जयंती है..आइए जानते हैं..युगान्तर प्रवाह की इस रिपोर्ट में उनके बारे में..
डेस्क:भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की गुरुवार को 88वीं जयंती है।मिसाइल मैन के रूप में प्रसिद्ध अब्दुल कलाम को भारत का सबसे लोकप्रिय राष्ट्रपति कहा जाता है।उनके कार्यकाल के चर्चे हमेसा होते रहतें हैं।अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्तूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम शहर में हुआ था।

10 जून, 2002 को एपीजे अब्दुल कलाम को अन्ना विश्वविद्यलय के कुलपति डाक्टर कलानिधि का संदेश मिला कि प्रधानमंत्री कार्यालय उनसे संपर्क स्थापित करने की कोशिश कर रहा है।इसलिए आप तुरंत कुलपति के दफ़्तर चले आइए ताकि प्रधानमंत्री से आपकी बात हो सके।जैसे ही उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय से कनेक्ट किया गया, वाजपेई फ़ोन पर आए और बोले, 'कलाम साहब देश को राष्ट्पति के रूप में आप की ज़रूरत है।' कलाम ने वाजपेई को धन्यवाद दिया और कहा कि इस पेशकश पर विचार करने के लिए मुझे एक घंटे का समय चाहिए।वाजपेई ने कहा, ' आप समय ज़रूर ले लीजिए।लेकिन मुझे आपसे हाँ चाहिए।ना नहीं।'apj abdul kalam

कलाम ने एशियाड विलेज में डीआरडीओ गेस्ट हाउज़ में रहना पसंद किया।18 जून, 2002 को कलाम ने अटलबिहारी वाजपेई और उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों का उपस्थिति में अपना नामाँकन पत्र दाखिल किया।पर्चा भरते समय वाजपेई ने उनके साथ मज़ाक किया कि 'आप भी मेरी तरह कुँवारे हैं' तो कलाम ने ठहाकों के बीच जवाब दिया, 'प्रधानमंत्री महोदय मैं न सिर्फ़ कुंवारा हूँ बल्कि ब्रह्मचारी भी हूँ।' apj abdul kalam jayanti

कलाम शायद भारत के पहले ग़ैर राजनीतिक राष्ट्पति थे।उनके समकक्ष अगर किसी को रखा जा सकता है तो वो थे डाक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन। लेकिन राधाकृष्णन भी पूरी तरह से ग़ैर राजनीतिक नहीं थे और सोवियत संघ में भारत के राजदूत रह चुके थे।
