India Vs Bharat: राजनीतिक गलियारों में इंडिया या भारत को लेकर शुरू हुई सियासत ! नाम बदलने को लेकर नई बहस
India या भारत अब इस पर सियासी बहस शुरू हो गयी हैं. दरअसल, G-20 सम्मेलन के लिए जारी किए गए एक आमंत्रण पत्र के जरिये यह बहस शुरू हुई. पत्र में प्रेजिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेजिडेंट ऑफ भारत लिखा हुआ आमंत्रण पत्र भेजा गया. जिसके मायने कई निकाले जा रहे हैं. संविधान के अनुच्छेद 1 में लिखा है कि इंडिया दैट इज भारत. यानी इंडिया और भारत दोनों नाम हमारे देश के ही हैं.
हाईलाइट्स
- इंडिया या भारत पर हंगामा शुरू, गरमाने लगी सियासत
- जी 20 में आमंत्रण में प्रेजिडेंट ऑफ़ भारत लिखा आया, फिर शुरू हुई सियासत
- आरएसएस प्रमुख ने भी दो दिन पहले कहा इंडिया का प्रयोग के बजाय भारत का प्रयोग करें
Politics heats up on writing Bharat instead of India : दो दिन पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के द्वारा दिये गए बयान में कहा गया कि अब इंडिया की जगह भारत शब्द का प्रयोग किया जाए. इसी के साथ ही जी-20 सम्मेलन में अतिथियों के आमंत्रण पत्र में प्रेजिडेंट ऑफ भारत लिखा हुआ सामने आया. जबकि पहले सामान्य प्रचलन में प्रेजिडेंट ऑफ इंडिया आता था. जिसके बाद यह सियासी राजनीति गरमाने लगी है.
G-20 के आमंत्रण पत्र के जरिये छिड़ी बहस
इंडिया या भारत पर सियासत शुरू हो गई है. दरअसल यह मामला जी-20 मे अतिथियों को जारी किए हुए आमंत्रण पत्र के जरिये सामने आया. प्रेजिडेंट ऑफ़ इंडिया की जगह प्रेजिडेंट ऑफ भारत लिखा हुआ आमंत्रण पत्र जारी किया गया. जिसके बाद से ही इस पर चर्चा शुरू हुई. उधर गठबन्धन इंडिया ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है कि मोदी सरकार हमारे इंडिया नाम रख लेने के बाद से ही घबरा गई है और उन्होंने इंडिया की जगह भारत का प्रयोग शुरू कर दिया है.
इंडिया डेट्स भारत दोनों नाम एक ही
संविधान में स्पष्ट रूप से अनुच्छेद प्रथम में यह लिखा है कि इंडिया ही भारत है, भारत ही इंडिया है. इंडिया डेट्स भारत, अब तक आखिर इंडिया लिखा जा रहा था, लेकिन अब अचानक इंडिया की जगह भारत लिखने की आवश्यकता क्यों पड़ गई. 8 सितंबर से जी 20 सम्मेलन शुरू होने जा रहा है. आमंत्रण पत्र में प्रेजिडेंट ऑफ भारत लिखा जारी किया गया.
जिसके बाद से इस मामले ने तूल पकड़ना शुरू कर दिया है. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी जो एशिया शिखर सम्मेलन का आमंत्रण पत्र भेजा गया. उसमें भी प्राइम मिनिस्टर ऑफ इंडिया के बजाय भारत लिखा गया है. इससे पहले 1 सितंबर को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि अब इंडिया की जगह भारत शब्द का प्रयोग किया जाए. सूत्रों की माने तो संसद के विशेष सत्र पर इस मामले में विचार किया जा सकता है.
विपक्ष ने साधा निशाना,केंद्रीय मंत्री ने नाम बदलने की बात को बताया अफवाह
विपक्ष इंडिया के नेता आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि आगामी होने वाली मीटिंग में अब इंडिया की जगह इंडिया गठबंधन की जगह इंडिया भारत गठबंधन पर विचार किया जाएगा. इसके बाद बीजेपी को अब देश के लिए कोई नया नाम सोचना शुरू कर देना चाहिए. उधर कांग्रेस नेता जय राम रमेश ने भी निशाना साधा. इस बीच केंद्रीय कैबिनेट मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि संसद के विशेष सत्र में ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला है. जी20 के लोगो में इंडिया और भारत दोनो लिखा हुआ है, आखिर बेवजह की अफवाह क्यों फैलाई जा रही है.